जय हो
आज हम आपको जो भी खबर देंगे उसमे किसी का नाम नहीं लेंगे ना ही चैनल का ही नाम लेंगे ! पहचान आपको करनी है कि ताकि आपकी मिमोरी दुरुस्त रहे ! हाँ पटना के नाला रोड में एक ही परिवार में तीन की हत्या की खबर मिलते ही रिपोटर कैमरा मैन, कैमरा और माइक आई डी को लेकर नाला रोड पहुंचा ! यहाँ यह बता दे कि किसी जमाने में यह रिपोटर भागड़ यादव का खुफिया था ... इलाका इससे डरता था ... फिर इसने रिपोटरी करनी शुरू कर दी ताकि पुलिस से बच जाएँ ! हुआ भी वही ... पत्रकार बनते ही सिपाही से दरोगा तक सलाम करने लगे सलाम ख़ुफ़िया जी ... सलाम ! घर तक हिस्सा पहुँचने लगा... घर वाले खुश... शादी किया तो साले को ड्राइवर बना लिया ... यह है रिपोटरी की कमाई !
हाँ तो आपको बता रहा था ... भाई रिपोटर पहले पहुँच गया ... कैमरा शूट करने लगा ... यह अभी पीटीसी करने वाला ही था कि चैनल का अपराध देखने वाला बदना मुहल्ले में रहने वाला रिपोटर वहाँ टपक गया और पहले रिपोटर से माइक मागा ... लह इ का ... तोरे बाप के नौकर बानी का ... कैमरा माइक ले के हम आइल बानी आन पीटीसी तूं करबे ... निकल निकल ... ना त इहे माइक .... घुसा देंगे ... ! घटना कवर करने गए दुसरे रिपोटर भी सकदम्म... अरे इ का हुआ !
खैर मामला इतने से ही नहीं ख़त्म हुआ ... भाई बदना मुहल्ला वाले रिपोटर ने ना आऊ देखा ना ताऊ आ सीधे आर्यन में जा गिरा ... भाई साहब नौकरी दे दो ... और लिस्ट में पहले नंबर पर नाम आया और ... नौकरी पक्की ! सबसे बड़ी बात यह कि दोनों ही एक ही इलाके और भाषा भाषाई है
जय हो
बुधवार
रविवार
दलाल नहीं दल्ला से बचे महुआ के लोग
जय हो महुआ टीवी के बिहार के ब्यूरो चीफ ओम प्रकाश को महुआ प्रबंधन ने चैनल से निकाल दिया है ! ओम प्रकाश महुआ के पटना ब्यूरो के लौन्चिंग से यहाँ काम देख रहे थे ! पर जिस तरह से ओम प्रकाश को चैनल से निकाला गया है उससे साफ़ है कि दाल में कहीं ना कहीं काला है ... वो भी ऐसा वैसा काला नहीं ... समझिये की पीला दाले काला हो गया ! अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या हुआ कि सब काला हो गया ... दिल्ली में बैठे ओम जी के सर्व दुःख नाशक भी कुछ नहीं कर सके और ओम जी की विजली गुल हो गयी ! तो भाई साहब जुबान और .... पर लगाम जरुरी है ! बिना सोचे बोले और ... बिना समझे ...? तो गए ! हाथ से तोता नहीं कबूतरे उड़ ना गया ! लेकिन आखिर महुआ टीवी में ओम जी का जलवा जलेबी की तरह घूम कैसे गया ... साहब तो पहले से ही जलेबी थे इमिरती किसने बना दिया ... लगता है कि गेम मुत्तु भैया ने ही कर दिया ऐसा गेम की ओम क्या मयंक और वीरेंदर भी नहीं समझ पाया ...सब बेचारे .... खाली दाढ़ी बनवाते रह गए ! गोलगपारा में लगने से यही होता है ... कहाँ नहीं रहे ओम भैया ... इ टीवी ... वोइस ऑफ़ इंडिया .. महुआ टीवी ... और मयंक महुआ का पटना ब्यूरो हेड बनकर आगे था पर पद नहीं मिला ... तिवारी जी का टीक घूमा कैसे ... है ना सवाल
साब देखते ही रह गए ... और खेक्ल होकर रह गया ... मुत्तु भैया भी फाढ़ बान्ह लिहिन थे कि चुनाव में लाखो कमाएंगे ... नहीं मानेगा तो ऐसे मारेंगे की चारो खाने चित्त ! धोबिया पछाड़ नहीं गदह पछाड़ .... सब्बे समझ जायेंगे ... रुकिए ना ... खेल की शुरुवात तो अब होगी ... अबतक तो लौंग खाते थे ... अब ... दिखाना परेगा
कौनो बात नहीं है ओम भाई ... काजल की कोठरी में सब काले हैं ... सब ... चिंता नहीं करना है ... चिंता मत करिए .... जान गए ना मुत्तु भैया और उनके सहयोगी को अरे वही आज स्वतन्त्रता दिवस पर पार्टी चल रही है ... अब ... समर शेष ... उनकी चिता जलाने की तैयारी कीजिये .... पैरवी हुई ना खिलाफ ... कौनो बात नहीं ... धुर बकलेले है का जो मिश्र जी के साथ कन्धा में कन्धा मिला के रो रहे है ... धुर आप भी दिखा दीजिये ... एगो चैनले ले आइये ... सब सलाम करेंगे ... वो भी .. चुनाव है ना ! लेकिन खबरदार ... उ बाला बात किये तो ... सब नाशे हो जाएगा ,,, समझे ना ? ना समझे तो अनाडी है आप बड़े खिलाड़ी है ! लेकिन खामोश मत होइए पी पी पाण्डे के पास जाइए ... उसके पास दाल से लेकर बीबी के सेंत का भी हिसाब है वही कैद है मुत्तु भैया की जान ... पी पी पांडे को देख कर हिलने लगते है मुत्तु भैया ... पापी के पाप ... कहा जाएगा अरे जब उनका नहीं हुआ तो ... याद हैं ना झाजिवा को ठेंगा दिखाकर निकल गया ... भाई बोला माँ बीमार है ... भाई बोला भाभी बीमार है ... खुद बोला बीबी बीमार है ... ठगकर भागा तो मिश्रा जी के पास .. आप उनके कंधे पर सर ... ना ना ना ...! दलाल से बचने की जरुरत नहीं ... तीस लाख नहीं ... तीस करोड़ ... कौन बोला ... बोला कौन ... बिहारी मालकिन वाले चैनल का रिपोटर ... दलाल नहीं दल्ल्ला से बचिये! जय हो
साब देखते ही रह गए ... और खेक्ल होकर रह गया ... मुत्तु भैया भी फाढ़ बान्ह लिहिन थे कि चुनाव में लाखो कमाएंगे ... नहीं मानेगा तो ऐसे मारेंगे की चारो खाने चित्त ! धोबिया पछाड़ नहीं गदह पछाड़ .... सब्बे समझ जायेंगे ... रुकिए ना ... खेल की शुरुवात तो अब होगी ... अबतक तो लौंग खाते थे ... अब ... दिखाना परेगा
कौनो बात नहीं है ओम भाई ... काजल की कोठरी में सब काले हैं ... सब ... चिंता नहीं करना है ... चिंता मत करिए .... जान गए ना मुत्तु भैया और उनके सहयोगी को अरे वही आज स्वतन्त्रता दिवस पर पार्टी चल रही है ... अब ... समर शेष ... उनकी चिता जलाने की तैयारी कीजिये .... पैरवी हुई ना खिलाफ ... कौनो बात नहीं ... धुर बकलेले है का जो मिश्र जी के साथ कन्धा में कन्धा मिला के रो रहे है ... धुर आप भी दिखा दीजिये ... एगो चैनले ले आइये ... सब सलाम करेंगे ... वो भी .. चुनाव है ना ! लेकिन खबरदार ... उ बाला बात किये तो ... सब नाशे हो जाएगा ,,, समझे ना ? ना समझे तो अनाडी है आप बड़े खिलाड़ी है ! लेकिन खामोश मत होइए पी पी पाण्डे के पास जाइए ... उसके पास दाल से लेकर बीबी के सेंत का भी हिसाब है वही कैद है मुत्तु भैया की जान ... पी पी पांडे को देख कर हिलने लगते है मुत्तु भैया ... पापी के पाप ... कहा जाएगा अरे जब उनका नहीं हुआ तो ... याद हैं ना झाजिवा को ठेंगा दिखाकर निकल गया ... भाई बोला माँ बीमार है ... भाई बोला भाभी बीमार है ... खुद बोला बीबी बीमार है ... ठगकर भागा तो मिश्रा जी के पास .. आप उनके कंधे पर सर ... ना ना ना ...! दलाल से बचने की जरुरत नहीं ... तीस लाख नहीं ... तीस करोड़ ... कौन बोला ... बोला कौन ... बिहारी मालकिन वाले चैनल का रिपोटर ... दलाल नहीं दल्ल्ला से बचिये! जय हो
ओम प्रकाश तड़ीपार
जय हो
महुआ टीवी के बिहार के ब्यूरो चीफ ओम प्रकाश को महुआ प्रबंधन ने चैनल से निकाल दिया है ! ओम प्रकाश महुआ के पटना ब्यूरो के लौन्चिंग से यहाँ काम देख रहे थे ! पर जिस तरह से ओम प्रकाश को चैनल से निकाला गया है उससे साफ़ है कि दाल में कहीं ना कहीं काला है ... वो भी ऐसा वैसा काला नहीं ... समझिये की पिला दाले काला हो गया ! अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या हुआ कि सब काला हो गया ... दिल्ली में बैठे ओम जी के सर्व दुःख नाशक भी कुछ नहीं कर सके और ओम जी की विजली गुल हो गयी ! तो भाई साहब जुबान और .... पर लगाम जरुरी है ! बिना सोचे बोले और ... बिना समझे ...? तो गए ! हाथ से तोता नहीं कबूतरे उड़ ना गया ! लेकिन आखिर महुआ टीवी में ओम जी जलवा जलेबी की तरह घूम कैसे गया ... साहब तो पहले से ही जलेबी थे इमिरती किसने बना दिया ... और लगता है मुत्तु भैया की औकात भी ढीली पद गयी है बेचारे बचा भी नहीं सके .... खाली दाढ़ी बनवाते रह गए ! गोलगपारा में लगने से यही होता है ... कहाँ नहीं रहे ओम भैया ... इ टीवी ... वोइस ऑफ़ इंडिया .. महुआ टीवी ... पर तिवारी जी का टीक घूमा कैसे ... है ना सवाल
ओम भैया भी फाढ़ बान्ह लिहिन है ... ऐसे मारेंगे की चारो खाने चित्त ! धोबिया पछाड़ नहीं गदह पछाड़ .... सब्बे समझ जायेंगे ... रुकिए ना ... खेल की शुरुवात तो अब होगी ... अबतक तो लौंग खाते थे ... अब ... दिखाना परेगा
कौनो बात नहीं है ओम भाई ... काजल की कोठरी में सब काले हैं ... सब ... चिंता नहीं करना है ... चिंता मत करिए .... उनकी चिता जलाने की तैयारी कीजिये .... पैरवी हुई ना खिलाफ ... कौनो बात नहीं ... धुर बकलेले है का जो मिश्र जी के साथ कन्धा में कन्धा मिला के रो रहे है ... धुर आप भी दिखा दीजिये ... एगो चैनले ले आइये ... सब मादा करेंगे ... वो भी .. चुनाव है ना !
लेकिन खबरदार ... उ बाला बात किये तो ... सब नाशे हो जाएगा ,,, समझे ना ?
ना समझे तो अनाडी है आप बड़े खिलाड़ी है !
जय हो
महुआ टीवी के बिहार के ब्यूरो चीफ ओम प्रकाश को महुआ प्रबंधन ने चैनल से निकाल दिया है ! ओम प्रकाश महुआ के पटना ब्यूरो के लौन्चिंग से यहाँ काम देख रहे थे ! पर जिस तरह से ओम प्रकाश को चैनल से निकाला गया है उससे साफ़ है कि दाल में कहीं ना कहीं काला है ... वो भी ऐसा वैसा काला नहीं ... समझिये की पिला दाले काला हो गया ! अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या हुआ कि सब काला हो गया ... दिल्ली में बैठे ओम जी के सर्व दुःख नाशक भी कुछ नहीं कर सके और ओम जी की विजली गुल हो गयी ! तो भाई साहब जुबान और .... पर लगाम जरुरी है ! बिना सोचे बोले और ... बिना समझे ...? तो गए ! हाथ से तोता नहीं कबूतरे उड़ ना गया ! लेकिन आखिर महुआ टीवी में ओम जी जलवा जलेबी की तरह घूम कैसे गया ... साहब तो पहले से ही जलेबी थे इमिरती किसने बना दिया ... और लगता है मुत्तु भैया की औकात भी ढीली पद गयी है बेचारे बचा भी नहीं सके .... खाली दाढ़ी बनवाते रह गए ! गोलगपारा में लगने से यही होता है ... कहाँ नहीं रहे ओम भैया ... इ टीवी ... वोइस ऑफ़ इंडिया .. महुआ टीवी ... पर तिवारी जी का टीक घूमा कैसे ... है ना सवाल
ओम भैया भी फाढ़ बान्ह लिहिन है ... ऐसे मारेंगे की चारो खाने चित्त ! धोबिया पछाड़ नहीं गदह पछाड़ .... सब्बे समझ जायेंगे ... रुकिए ना ... खेल की शुरुवात तो अब होगी ... अबतक तो लौंग खाते थे ... अब ... दिखाना परेगा
कौनो बात नहीं है ओम भाई ... काजल की कोठरी में सब काले हैं ... सब ... चिंता नहीं करना है ... चिंता मत करिए .... उनकी चिता जलाने की तैयारी कीजिये .... पैरवी हुई ना खिलाफ ... कौनो बात नहीं ... धुर बकलेले है का जो मिश्र जी के साथ कन्धा में कन्धा मिला के रो रहे है ... धुर आप भी दिखा दीजिये ... एगो चैनले ले आइये ... सब मादा करेंगे ... वो भी .. चुनाव है ना !
लेकिन खबरदार ... उ बाला बात किये तो ... सब नाशे हो जाएगा ,,, समझे ना ?
ना समझे तो अनाडी है आप बड़े खिलाड़ी है !
जय हो
गुरुवार
परचम लहरायेंगे नवेंदु
जय हो
आखिर नवेंदु ने अपना लक्ष्य पा ही लिया ! इसे कहते हैं लगन ! मन में ठान लिए कि हर हालत ... मौसम ... कैसा भी हो...घुसना है मौर्या टीवी में... और नवेंदु घुस गए ! बन गए मौर्या टीवी के खेवनहार ! नवेंदु को पहले ही मौर्या टीवी में जाना चाहिए था ... जाते भी पर ऐसा ना पोल्टिक्स कर दिया कि नहीं घुस पाए थे ! अच्छा कोई बात नहीं ... घुस गए हैं तो पैर भी पसारेंगे ... और बैठियो जायेंगे ही ! बड़े जुगारु टाइप है नवेंदु ... ऐसे वैसे थोड़े ही बैठेंगे ... बैठेंगे ही नहीं धंस जायेगे कि कोई उठा ही नहीं पाए ... इसीलिए सर के चेहरे पर चिंता की लकीर ... पांडेवा.. की भी ... वाली है ... सारा ज्ञान गुड गोबर कर देंगे ...
बड़ा छांटते रहते थे कि ... इ जानते ही नहीं है कि किदवई पूरी से कृष्णापूरी तक एक सड़क नहीं आती है और जिस रास्ते से चलकर आये हैं ... गुड गोबर कर दिए ... हट बकलोल
हाँ तो सायबान ... अब मौर्या टीवी पर गायन होगा ... विरहा ... चैती ... सोहर से लेकर विदाई तक के गीत वो भी बिलकुल ठेठ अंदाज में ... खासकर इस ख़ुशी में तो...रात ही हो गया ... झाजीवा का चैनल जाय तेल लेने ... पाहिले जमकर सोहर ...
बेचारा अग्रवाल भी निजात पाया ... जब ना तब ... ऐ सर सोहर सुन लीजिये ... आआअ रे रे रे .. जब से ललनवा ... आआआ रे ...
पक गया था कान .. ऐसा खखोड़ पार्टी कहीं नहीं देखे होंगे ...
वैसे एम कुमार जी आपको चिंता करने जरुरत नहीं ... इ पूरा बाल मूंछ रंगते है ... सफ़ेद नहीं दिखता है ... !
चलिए नवेंदु जी का पुनर्वास हो गया झाजीवा ने जस ले लिया ... समय से खराब हुआ समय अब ठीक हुआ है ... ऐसे ही होता है ... अब तो पढ़ाने का अनुभव भी आ गया है ... रात में काम ना करने वाले के लिए जोखिम बनकर ज्वाइन कर लिए ... एम कुमार ने परिचय कराया .. इ हैं ... विद्वान् पत्रकार ... अब आपलोंगों के बीच ... राजनीति देखेंगे ...ले बलैया .. जानते है सब का समझा .. दिन भर .. कैटरीना को ही देखेंगे ... धत !
तो बंधू .... सब खुश है ... सब झाजीवा ... अपना आदमी आ गया है ... इ कहियो केकरो हैं का कि पेट ठोक रहे है... अरे भाई इहो बीच में छेद वाला सीडी हैं ...
जय हो
आखिर नवेंदु ने अपना लक्ष्य पा ही लिया ! इसे कहते हैं लगन ! मन में ठान लिए कि हर हालत ... मौसम ... कैसा भी हो...घुसना है मौर्या टीवी में... और नवेंदु घुस गए ! बन गए मौर्या टीवी के खेवनहार ! नवेंदु को पहले ही मौर्या टीवी में जाना चाहिए था ... जाते भी पर ऐसा ना पोल्टिक्स कर दिया कि नहीं घुस पाए थे ! अच्छा कोई बात नहीं ... घुस गए हैं तो पैर भी पसारेंगे ... और बैठियो जायेंगे ही ! बड़े जुगारु टाइप है नवेंदु ... ऐसे वैसे थोड़े ही बैठेंगे ... बैठेंगे ही नहीं धंस जायेगे कि कोई उठा ही नहीं पाए ... इसीलिए सर के चेहरे पर चिंता की लकीर ... पांडेवा.. की भी ... वाली है ... सारा ज्ञान गुड गोबर कर देंगे ...
बड़ा छांटते रहते थे कि ... इ जानते ही नहीं है कि किदवई पूरी से कृष्णापूरी तक एक सड़क नहीं आती है और जिस रास्ते से चलकर आये हैं ... गुड गोबर कर दिए ... हट बकलोल
हाँ तो सायबान ... अब मौर्या टीवी पर गायन होगा ... विरहा ... चैती ... सोहर से लेकर विदाई तक के गीत वो भी बिलकुल ठेठ अंदाज में ... खासकर इस ख़ुशी में तो...रात ही हो गया ... झाजीवा का चैनल जाय तेल लेने ... पाहिले जमकर सोहर ...
बेचारा अग्रवाल भी निजात पाया ... जब ना तब ... ऐ सर सोहर सुन लीजिये ... आआअ रे रे रे .. जब से ललनवा ... आआआ रे ...
पक गया था कान .. ऐसा खखोड़ पार्टी कहीं नहीं देखे होंगे ...
वैसे एम कुमार जी आपको चिंता करने जरुरत नहीं ... इ पूरा बाल मूंछ रंगते है ... सफ़ेद नहीं दिखता है ... !
चलिए नवेंदु जी का पुनर्वास हो गया झाजीवा ने जस ले लिया ... समय से खराब हुआ समय अब ठीक हुआ है ... ऐसे ही होता है ... अब तो पढ़ाने का अनुभव भी आ गया है ... रात में काम ना करने वाले के लिए जोखिम बनकर ज्वाइन कर लिए ... एम कुमार ने परिचय कराया .. इ हैं ... विद्वान् पत्रकार ... अब आपलोंगों के बीच ... राजनीति देखेंगे ...ले बलैया .. जानते है सब का समझा .. दिन भर .. कैटरीना को ही देखेंगे ... धत !
तो बंधू .... सब खुश है ... सब झाजीवा ... अपना आदमी आ गया है ... इ कहियो केकरो हैं का कि पेट ठोक रहे है... अरे भाई इहो बीच में छेद वाला सीडी हैं ...
जय हो
बुधवार
बिहार में लॉन्च होगा एक और नया चैनल इंडिया लाइव
जय हो
बिहार से एक और नया चैनल लाने की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है ! इंडिया लाइव नामके इस चैनल को कोलकाता के एक बड़े बिजनेस ग्रुप ला रहा है ! इस खबर से झाजी के चैनल के पत्रकार और गैर पत्रकार को ठंडी सांस लेनी चाहिए क्योंकि यह बिजनेस मैन पहले मौर्या टीवी खरीदने की
कोशिश किया था ! इस बिजनेस ग्रुप के लोंगो ने आकर झाजी के चैनल का मुआयना भी किया था और चैनल की कीमत जितनी लगाई उससे झाजी और उनका सुनील अग्रवाल बिदक गया !पता ही नहीं था की कौड़ियों के मोल बताएगा !
पर यह सच है कि झाजी और उनके नए पुराने साथी जो दावा करे पर इस चैनल की कीमत आज की तारीख में दो अंको में भी नहीं है ! अब इन बातो को छोड़ा जाय ... तो बंधू बिजनेस मैन और उसके साथी ने इंडिया लाइव को बिहार से लांच करने का फैसला किया है और बिहार विधान सभा चुनाव के पहले यह दिखाई देने लगेगा ! अब इस चैनल के हेड के तौर पर बिहारी मूल के एक पुराने पत्रकार जो इन दिनों नेशनल चैनल में बिहार देखते है को लाने की तैयारी चल रही है पर इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है !
हालांकि आर्यन टीवी से पहले इस चैनल को लांच करने के लिए काम कर रहे टीवी पत्रकार को मुहमांगी कीमत पर ज्वाइन करने की भी तैयारी है तो टेक्नीकल स्टाफ कोलकाता के ही एक चैनल से लाने की योजना फाइनल हो गया है !
अब सोंचे झाजी कि पहले से ही विज्ञापन नहीं मिला और अब दूगो और आ रहा है ... नाशे करेगा का !
जय हो
बिहार से एक और नया चैनल लाने की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है ! इंडिया लाइव नामके इस चैनल को कोलकाता के एक बड़े बिजनेस ग्रुप ला रहा है ! इस खबर से झाजी के चैनल के पत्रकार और गैर पत्रकार को ठंडी सांस लेनी चाहिए क्योंकि यह बिजनेस मैन पहले मौर्या टीवी खरीदने की
कोशिश किया था ! इस बिजनेस ग्रुप के लोंगो ने आकर झाजी के चैनल का मुआयना भी किया था और चैनल की कीमत जितनी लगाई उससे झाजी और उनका सुनील अग्रवाल बिदक गया !पता ही नहीं था की कौड़ियों के मोल बताएगा !
पर यह सच है कि झाजी और उनके नए पुराने साथी जो दावा करे पर इस चैनल की कीमत आज की तारीख में दो अंको में भी नहीं है ! अब इन बातो को छोड़ा जाय ... तो बंधू बिजनेस मैन और उसके साथी ने इंडिया लाइव को बिहार से लांच करने का फैसला किया है और बिहार विधान सभा चुनाव के पहले यह दिखाई देने लगेगा ! अब इस चैनल के हेड के तौर पर बिहारी मूल के एक पुराने पत्रकार जो इन दिनों नेशनल चैनल में बिहार देखते है को लाने की तैयारी चल रही है पर इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है !
हालांकि आर्यन टीवी से पहले इस चैनल को लांच करने के लिए काम कर रहे टीवी पत्रकार को मुहमांगी कीमत पर ज्वाइन करने की भी तैयारी है तो टेक्नीकल स्टाफ कोलकाता के ही एक चैनल से लाने की योजना फाइनल हो गया है !
अब सोंचे झाजी कि पहले से ही विज्ञापन नहीं मिला और अब दूगो और आ रहा है ... नाशे करेगा का !
जय हो
मंगलवार
विजुअल चोर स्ट्रिंगर
जय हो
पहले चैनल वाले या फिर उनके ब्यूरो चीफ ही विजुअल की चोरी करते थे पर आजकल विजुअल चोर स्ट्रिंगर का चलन बढ़ गया है ! अभी तीन दिन पहले की एक खबर को लेकर बिहार के बेगुसराय के साधना चैनल के रिपोटर ने जिला के ही एक नेशनल चैनल के स्ट्रिंगर पर अदालत में विजुअल चोरी का मामला दर्ज करने का फैसला किया है !
मामला यह है कि पांच अगस्त को बेगुसराय में एक महिला की मौत सांप के काटने से हो गयी ! महिला के परिजनों ने डाक्टर के यहाँ ले जाने की वजाय ओझा गुनी का सहारा लिया ! मृत शरीर को डंडे और थाली लगाकर उसे जीवित करने में जुटे रहे ! इस पुरे वाकये को साधना के जिला रिपोटर प्रभाकर कुमार ने शूट कर लिया और छह अगस्त को यह खबर साधना ने दाब कर चलाया ! बस क्या था नेशनल चैनल ने अपने जिला रिपोटर से विजुअल की मांग की ! यहीं आतें हैं विजुअल चोर स्ट्रिंगर संतोष कुमार ! इस स्ट्रिंगर ने प्रभाकर कुमार के विजुअल चुरा कर इंडिया टीवी , स्टार न्यूज़ और एनडीटीवी को भेजा ! इंडिया टीवी ने विजुअल को ब्रेकिंग न्यूज़ करके खूब चलाया और अपने पटना के रिपोटर नितीश चन्द्र को विजुअल के लिए धन्यवाद दिया ! लेकिन अब साधना न्यूज़ ने प्रभाकर कुमार को आदेश दिया है कि वे सारे उन चैनलों पर मामला दर्ज कराएं जिन पर यह खबर विजुअल चुरा कर दिखाया गया है !
अब प्रभाकर कुमार ने बेगुसराय कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने का फैसला किया है ताकि चोर को चोर कहा जा सके |
जय हो
पहले चैनल वाले या फिर उनके ब्यूरो चीफ ही विजुअल की चोरी करते थे पर आजकल विजुअल चोर स्ट्रिंगर का चलन बढ़ गया है ! अभी तीन दिन पहले की एक खबर को लेकर बिहार के बेगुसराय के साधना चैनल के रिपोटर ने जिला के ही एक नेशनल चैनल के स्ट्रिंगर पर अदालत में विजुअल चोरी का मामला दर्ज करने का फैसला किया है !
मामला यह है कि पांच अगस्त को बेगुसराय में एक महिला की मौत सांप के काटने से हो गयी ! महिला के परिजनों ने डाक्टर के यहाँ ले जाने की वजाय ओझा गुनी का सहारा लिया ! मृत शरीर को डंडे और थाली लगाकर उसे जीवित करने में जुटे रहे ! इस पुरे वाकये को साधना के जिला रिपोटर प्रभाकर कुमार ने शूट कर लिया और छह अगस्त को यह खबर साधना ने दाब कर चलाया ! बस क्या था नेशनल चैनल ने अपने जिला रिपोटर से विजुअल की मांग की ! यहीं आतें हैं विजुअल चोर स्ट्रिंगर संतोष कुमार ! इस स्ट्रिंगर ने प्रभाकर कुमार के विजुअल चुरा कर इंडिया टीवी , स्टार न्यूज़ और एनडीटीवी को भेजा ! इंडिया टीवी ने विजुअल को ब्रेकिंग न्यूज़ करके खूब चलाया और अपने पटना के रिपोटर नितीश चन्द्र को विजुअल के लिए धन्यवाद दिया ! लेकिन अब साधना न्यूज़ ने प्रभाकर कुमार को आदेश दिया है कि वे सारे उन चैनलों पर मामला दर्ज कराएं जिन पर यह खबर विजुअल चुरा कर दिखाया गया है !
अब प्रभाकर कुमार ने बेगुसराय कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने का फैसला किया है ताकि चोर को चोर कहा जा सके |
जय हो
शनिवार
सस्ती कीमत महंगे पत्रकार
जय हो
इस खबर को जानने के बाद पत्रकारों के ऊपर से आपका विश्वास टूट जाएगा... उनकी खबर पर आप कभी यकीन नहीं करेंगे... ये पत्रकार खुद अपनी कीमत कैसे लगाते हैं ... यह जानकार आप पत्रकारों को किस नज़र से देखेंगे ? चलिए आपको लाल बुझ्क्कर के चक्कर से मुक्ति देते हुए सीधे खबर पे आते हैं | जेडीयू को छोड़कर पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह लालू यादव की पार्टी में शामिल होने के लिए छपरा में एक बड़ा जलसा का आयोजन किया और इस जलसे को न्यूज़ चैनलों पर दिखाने के लिए कई लोगो को जात के पत्रकारों को जमात बनाने का फरमान जारी हो गया ! पटना के पत्रकारों को इसके कवरेज के लिए मोटी रकम के पैकेट पहुंचाए गए ... साड़ी सुविधा छपरा में देने के लिए वादे हुए हैं ! मोटी रकम( एक लाख ) सिर्फ उन्ही चैनलों के दफ्तर के बॉस तक पहुँचाया गया है जिनके पास ओवी वैन की सुविधा है ! विना ओ वी वैन वाले चैनलों के लिए वहाँ आनेपर पचास हज़ार देने का वादा किया गया है !
अब आप पूछेंगे कि भाई पत्रकारिता को कोठे पर बिठाने वालो की पहचान क्या है ... गौर कीजिये ... खुद पहचान लीजिये .. सिर्फ हिंट दे रहा हूँ ... सफाई कोई नहीं दे सकता ... जो पटना का पत्रकार इसके कवरेज के लिए छपरा गया हो ... ओवी वैन ले गया हो ... खबर नहीं चली हो ... बिना ओवी वाले का जाना ... अखबार के पटना पटना में रहने वाला ब्यूरो चीफ सावन में गया तो मांसाहारी ...| वैसे लोकल न्यूज़ वाले रिपोटर की वजाय खुद वहाँ हो तो मामला साफ़ है ! वैसे लालू यादव के पैसे पर जीने वाले पत्रकार तो वैसे भी जाएगा ... भले शर्म को छुपाने के लिए काला चश्मा पहन ले ... लालू के खाने के बाद उसका खाना खाय ... ऐसे की पहचान तो पहले से है पर इस बार पहचान के लिए नितीश कुमार ने भी गेम में हिस्सा लिया है ! अपने सारे कारिंदे को ... चमचा पत्रकार को उस गुट में शामिल कर दिया है ताकि पल पल की खबर सीधे उन तक दिल्ली में पहुंचे !
खेल खिलाड़ी का ... पर खेल रहे है नितीश कुमार , लालू यादव ... और लाखो खर्च किया है प्रभुनाथ सिंह .. पैसा डकारा है जात के जमीनी नेता ने .. जिसके देह से दलाली की बू आती है |
जय हो
इस खबर को जानने के बाद पत्रकारों के ऊपर से आपका विश्वास टूट जाएगा... उनकी खबर पर आप कभी यकीन नहीं करेंगे... ये पत्रकार खुद अपनी कीमत कैसे लगाते हैं ... यह जानकार आप पत्रकारों को किस नज़र से देखेंगे ? चलिए आपको लाल बुझ्क्कर के चक्कर से मुक्ति देते हुए सीधे खबर पे आते हैं | जेडीयू को छोड़कर पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह लालू यादव की पार्टी में शामिल होने के लिए छपरा में एक बड़ा जलसा का आयोजन किया और इस जलसे को न्यूज़ चैनलों पर दिखाने के लिए कई लोगो को जात के पत्रकारों को जमात बनाने का फरमान जारी हो गया ! पटना के पत्रकारों को इसके कवरेज के लिए मोटी रकम के पैकेट पहुंचाए गए ... साड़ी सुविधा छपरा में देने के लिए वादे हुए हैं ! मोटी रकम( एक लाख ) सिर्फ उन्ही चैनलों के दफ्तर के बॉस तक पहुँचाया गया है जिनके पास ओवी वैन की सुविधा है ! विना ओ वी वैन वाले चैनलों के लिए वहाँ आनेपर पचास हज़ार देने का वादा किया गया है !
अब आप पूछेंगे कि भाई पत्रकारिता को कोठे पर बिठाने वालो की पहचान क्या है ... गौर कीजिये ... खुद पहचान लीजिये .. सिर्फ हिंट दे रहा हूँ ... सफाई कोई नहीं दे सकता ... जो पटना का पत्रकार इसके कवरेज के लिए छपरा गया हो ... ओवी वैन ले गया हो ... खबर नहीं चली हो ... बिना ओवी वाले का जाना ... अखबार के पटना पटना में रहने वाला ब्यूरो चीफ सावन में गया तो मांसाहारी ...| वैसे लोकल न्यूज़ वाले रिपोटर की वजाय खुद वहाँ हो तो मामला साफ़ है ! वैसे लालू यादव के पैसे पर जीने वाले पत्रकार तो वैसे भी जाएगा ... भले शर्म को छुपाने के लिए काला चश्मा पहन ले ... लालू के खाने के बाद उसका खाना खाय ... ऐसे की पहचान तो पहले से है पर इस बार पहचान के लिए नितीश कुमार ने भी गेम में हिस्सा लिया है ! अपने सारे कारिंदे को ... चमचा पत्रकार को उस गुट में शामिल कर दिया है ताकि पल पल की खबर सीधे उन तक दिल्ली में पहुंचे !
खेल खिलाड़ी का ... पर खेल रहे है नितीश कुमार , लालू यादव ... और लाखो खर्च किया है प्रभुनाथ सिंह .. पैसा डकारा है जात के जमीनी नेता ने .. जिसके देह से दलाली की बू आती है |
जय हो
बुधवार
लटकला त गेल्ल बेटा
जय हो
बॉस के खिलाफ तीर तान दिया गया है ! रण बांकुरों को तैयार कर दिया गया है ! एक नंबर वाले राजमहल के हर दरवाज़े पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है ... डुगडुगी बजा कर दरबार के हर कारिंदे को चेतावनी दे दी गयी है ... की बेताल को अब राजा अपने कंधे पर लेकर नहीं चलेगा ... चमचई संस्कृति से खुद को राजा ने अलग कर लिया है ... दरबार ... में यह खबर है कि किसी ने भी बॉस को खबर दी तो उसका तेल निकाल दिया जाएगा | राजा का गुस्सा... अरे देवा... देवा रे देवा ... |
हाज़िर किये गए बॉस के खासमखास ... राजा के सामने ... दोनों ... हाथ बांधे .. हुज़ूर ... आलमपनाह ... आदेश ... | राजा का सीना तन गया ... खबर मिली बॉस को कि बिरादरी वाले दो अधिकारी को राजा ने बुलाया है ... बॉस ने तत्काल आकाशवाणी वाले दूरसंचार का सहारा लिया ... याद आया ... हाजीपुर जाने वाली बस के पीछे लिखा तकिया कलाम ...|
दरअसल अब बॉस संकट में है ... कला संस्कृति और जोड़ने वाले विभाग के दोनों साहेब ने बॉस को हडकाया ... खबरदार जो खबर लेने आये ... विरादरी गया भांड में ... अब बॉस क्या करे ... बॉस के साथी ही साथ नहीं दे रहे है ... क्या करें सब बॉस की वजह से सबपर तलवार लटक गया है ...
चलिए बॉस को सलाह ... एक बार बस स्टैंड जाकर हाजीपुर वाली बस के पिछवारे के बुद्ध का ज्ञान पढ़ कर जीवन पर्यंत दिमाग में बिठा लीजिये .... लटकला त ....!
जय हो
बॉस के खिलाफ तीर तान दिया गया है ! रण बांकुरों को तैयार कर दिया गया है ! एक नंबर वाले राजमहल के हर दरवाज़े पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है ... डुगडुगी बजा कर दरबार के हर कारिंदे को चेतावनी दे दी गयी है ... की बेताल को अब राजा अपने कंधे पर लेकर नहीं चलेगा ... चमचई संस्कृति से खुद को राजा ने अलग कर लिया है ... दरबार ... में यह खबर है कि किसी ने भी बॉस को खबर दी तो उसका तेल निकाल दिया जाएगा | राजा का गुस्सा... अरे देवा... देवा रे देवा ... |
हाज़िर किये गए बॉस के खासमखास ... राजा के सामने ... दोनों ... हाथ बांधे .. हुज़ूर ... आलमपनाह ... आदेश ... | राजा का सीना तन गया ... खबर मिली बॉस को कि बिरादरी वाले दो अधिकारी को राजा ने बुलाया है ... बॉस ने तत्काल आकाशवाणी वाले दूरसंचार का सहारा लिया ... याद आया ... हाजीपुर जाने वाली बस के पीछे लिखा तकिया कलाम ...|
दरअसल अब बॉस संकट में है ... कला संस्कृति और जोड़ने वाले विभाग के दोनों साहेब ने बॉस को हडकाया ... खबरदार जो खबर लेने आये ... विरादरी गया भांड में ... अब बॉस क्या करे ... बॉस के साथी ही साथ नहीं दे रहे है ... क्या करें सब बॉस की वजह से सबपर तलवार लटक गया है ...
चलिए बॉस को सलाह ... एक बार बस स्टैंड जाकर हाजीपुर वाली बस के पिछवारे के बुद्ध का ज्ञान पढ़ कर जीवन पर्यंत दिमाग में बिठा लीजिये .... लटकला त ....!
जय हो
सोमवार
एलान मिलेगा पांच सौ
जय हो
पटना से लौंच मौर्या टीवी कर्मियों को इस बार बढ़ोत्तरी के तौर पर पांच सौ रूपये दिए जायेंगे ! एलान है भाई झाजी का ! चैनल के बिहार में नंबर वन हो जाने की ख़ुशी बांटने पटना आये भाई झाजी ने मौर्या में मीटिंग कर रोनी सूरत वाले कर्मियों को कहा कि 500 रुपया बढ़ाने को उन्होंने कह दिया है ! पर इससे सब मौर्या वाले भाई खुश मत हो जाइयेगा |असल में यह बढ़ोत्तरी सिर्फ 10000 रुपया के निचे सैलरी पाने वाले को ही मिलेगा ! यानी आज भी मौर्या टीवी में पत्रकार और गैर पत्रकारों को सरकार द्वारा तय मानदेय नहीं मिलता है ! है ना चकित करने वाली बात ! भाई झाजी महीने में जितना हवाई जहाज पर खर्च करते है उसका दस प्रतिशत भी मौर्या के लोंगो को दे दें तो यहाँ के लोंगो के घर में दिवाली मानाने लगेगी ! पर झाजी पक्के समाजवादी है ! इसीलिए तो उस दिन बोले कि भाई इस चैनल पर प्रतिमाह 60 लाख का खर्च है ! विज्ञापन नहीं है ... ऐसे में कहाँ से दे पैसा ! पांच सौ देंगे वह भी दस हज़ार से कम पाने वालो को !
अब बताइये की 60 लाख का कहाँ खर्चा ! क्या और किसको दे रहें है पैसा ... लीज लाइन वाले पैसा नहीं मिलने के कारण लाइन काट चुके है ... विजली बिल बकाया है ... क्या क्या बताये कि क्या क्या बकाया है ... पर झाजी ने यहीं के खर्चा से घर बनवाया तो खर्चा नहीं होगा ... एम कुमार को ... फर्जी पांडेय को भांजा पर खर्चा ... पत्रकार नहीं रोयेगा तो कौन रोयेगा ... झाजीवा तो घडियाली आंसू रो रहा है ! अरे चैनल नंबर वन होने की पार्टी देने के लिए पैसा है पर क्रीम क्राइम के लिए वही पांच हज़ार !
सावधान , लेबर कोर्ट की नज़र है और शिकायत भी ... आइसक्रीम पत्रकारों के बच्चे भी खाना चाहते है ... सिर्फ एंकर को खिलाने से नहीं चलेगा भाई झाजी |
जय हो
पटना से लौंच मौर्या टीवी कर्मियों को इस बार बढ़ोत्तरी के तौर पर पांच सौ रूपये दिए जायेंगे ! एलान है भाई झाजी का ! चैनल के बिहार में नंबर वन हो जाने की ख़ुशी बांटने पटना आये भाई झाजी ने मौर्या में मीटिंग कर रोनी सूरत वाले कर्मियों को कहा कि 500 रुपया बढ़ाने को उन्होंने कह दिया है ! पर इससे सब मौर्या वाले भाई खुश मत हो जाइयेगा |असल में यह बढ़ोत्तरी सिर्फ 10000 रुपया के निचे सैलरी पाने वाले को ही मिलेगा ! यानी आज भी मौर्या टीवी में पत्रकार और गैर पत्रकारों को सरकार द्वारा तय मानदेय नहीं मिलता है ! है ना चकित करने वाली बात ! भाई झाजी महीने में जितना हवाई जहाज पर खर्च करते है उसका दस प्रतिशत भी मौर्या के लोंगो को दे दें तो यहाँ के लोंगो के घर में दिवाली मानाने लगेगी ! पर झाजी पक्के समाजवादी है ! इसीलिए तो उस दिन बोले कि भाई इस चैनल पर प्रतिमाह 60 लाख का खर्च है ! विज्ञापन नहीं है ... ऐसे में कहाँ से दे पैसा ! पांच सौ देंगे वह भी दस हज़ार से कम पाने वालो को !
अब बताइये की 60 लाख का कहाँ खर्चा ! क्या और किसको दे रहें है पैसा ... लीज लाइन वाले पैसा नहीं मिलने के कारण लाइन काट चुके है ... विजली बिल बकाया है ... क्या क्या बताये कि क्या क्या बकाया है ... पर झाजी ने यहीं के खर्चा से घर बनवाया तो खर्चा नहीं होगा ... एम कुमार को ... फर्जी पांडेय को भांजा पर खर्चा ... पत्रकार नहीं रोयेगा तो कौन रोयेगा ... झाजीवा तो घडियाली आंसू रो रहा है ! अरे चैनल नंबर वन होने की पार्टी देने के लिए पैसा है पर क्रीम क्राइम के लिए वही पांच हज़ार !
सावधान , लेबर कोर्ट की नज़र है और शिकायत भी ... आइसक्रीम पत्रकारों के बच्चे भी खाना चाहते है ... सिर्फ एंकर को खिलाने से नहीं चलेगा भाई झाजी |
जय हो
शनिवार
प्रेम कहानी
यह एक ऐसा प्रेम कहानी है जिसने शाहजहाँ और उनकी कृति को चुनौती दे रहा है | इस प्रेम के नायक को सलाम | ताज़ा विडियो देखिये ! सिर्फ खुलासा में
शुक्रवार
चमचागिरी की हद
जय हो
अब बॉस ने ठान लिया है कि चमचागिरी करेंगे ! चमचागिरी भी ऐसी की देख पड़ोसन जल मरे !नहीं यकीन है तो बॉस की एक मगज़ीन को देखिये ... कवर पेज पर ही सबकुछ दिख जाएगा ! किसी भी बुक स्टाल पर जाइए ... लाल रंग वाले कवर वाले पत्रिका उठाइये ... सब साफ़ ... दलम के दलपति के साथ ही झाजी का भी फोटो ! झाजी को बेचारा बना दिया ! अपने ही देश में अपमान शीर्षक से छपे आलेख को पढ़िये ... सब क्लियर हो जाएगा ! आखिर बॉस को क्या हो गया है ! इतना परेशान क्यों है बॉस ! सत्ता जाने का इतना दुःख ... दुःख तो दलपति को भी है जब हाथ से दलम की सत्ता चली गयी थी ... दलपति ने क्या किया ... अपमान को पी लिया ... पर जंगल को नहीं छोड़ा !पर बॉस तो अपमान सह नहीं सकता ... अपमान करने वालो को धुल चटाने के चक्कर में अपमानित भले हो जाए !
अब झाजी का सहारा ! पहले पन्ने से लेकर तीन पन्ना .... झाजी के लिए ! विज्ञापन का चक्कर लग रहा है ! पर झाजी बहुत तेज़ है ... तेज़ चैनल से भी तेज़ ! बॉस समझ नहीं रहा है कि अब लोग इसको यूज कर रहा है ! यूज के बाद जंगल के पुरानी हवेली से बाहर ! बॉस ने देखा है पुराने बिरादरी के लोंगो को ! समझ का चक्कर है !
चलिए बॉस को तब भी सहयोग और समर्थन देने के लिए राजा तैयार है ... मालूम है क्यों ... बॉस अच्छा चमचा है !
जय हो
गुरुवार
चेहरा काला क्यों है सर
जय हो
मौर्या टीवी का टी आर पी जैसे ही बिहार में सबसे आगे हुआ है सर का चेहरा काला पड़ गया है ! सर जानते है कि इस टी आर पी में उनका कोई योगदान नहीं है ! पर झाजी ने बधाई क्या दी सर का चेहरा काला पड़ गया है ! सर असल में जानते है कि टी आर पी का फंडा में भांजा जी का हाथ है ! क्यों ... दरअसल सर ने पिछले कई महीनो से चैनल में नए कंटेंट पर रिसर्च किया ... नए कंटेंट को लागू किया ... फिर भी बैंड बजता रहा और चैनल चारो खाने चित्त होता रहा ! सर ने चैनल फ्लॉप होने का ठीकरा गिन्जन पर फोड़ा .. गिन्जन भी साफ़ ... पंडेवा तिन तेरह करता रहा ... टी आर पी ने बत्ती लगा दिया ! सर ने हाथ जोड़ लिए और भांजा ने कमान हाथ में लिया और शुरू किया खेल .... चल कबड्डी आस लाल ... मर गया ..... लाल ! बस क्या था चैनल की टी आर पी ने रेस पकड़ लिया !
लेकिन इतना सब के बाद भी सर का चेहरा काला क्यों है ! यह सवाल चैनल के कृष्ण पूरी के दफ्तर में गुजने लगा ! जवाब आया ... झाजी आने वाले हैं और सर की .... वाली है ! बस चेहरा काला ! लेकिन सर भी कम धुरफंदी नहीं है !जाकर चैनल टीवी नाइन में रिज्यूम दे आया !
अब पंडेवा का धुकधुकी बढ़ गयी है ... पैसा लेने से लेकर जुगाड़ तक के ठेके का क्या होगा ... झाजी को सब पता है ! सब खेल .. सब नौटंकी ! इसी लिए ना चेहरा काला पड़ गया है !
जय हो
मौर्या टीवी का टी आर पी जैसे ही बिहार में सबसे आगे हुआ है सर का चेहरा काला पड़ गया है ! सर जानते है कि इस टी आर पी में उनका कोई योगदान नहीं है ! पर झाजी ने बधाई क्या दी सर का चेहरा काला पड़ गया है ! सर असल में जानते है कि टी आर पी का फंडा में भांजा जी का हाथ है ! क्यों ... दरअसल सर ने पिछले कई महीनो से चैनल में नए कंटेंट पर रिसर्च किया ... नए कंटेंट को लागू किया ... फिर भी बैंड बजता रहा और चैनल चारो खाने चित्त होता रहा ! सर ने चैनल फ्लॉप होने का ठीकरा गिन्जन पर फोड़ा .. गिन्जन भी साफ़ ... पंडेवा तिन तेरह करता रहा ... टी आर पी ने बत्ती लगा दिया ! सर ने हाथ जोड़ लिए और भांजा ने कमान हाथ में लिया और शुरू किया खेल .... चल कबड्डी आस लाल ... मर गया ..... लाल ! बस क्या था चैनल की टी आर पी ने रेस पकड़ लिया !
लेकिन इतना सब के बाद भी सर का चेहरा काला क्यों है ! यह सवाल चैनल के कृष्ण पूरी के दफ्तर में गुजने लगा ! जवाब आया ... झाजी आने वाले हैं और सर की .... वाली है ! बस चेहरा काला ! लेकिन सर भी कम धुरफंदी नहीं है !जाकर चैनल टीवी नाइन में रिज्यूम दे आया !
अब पंडेवा का धुकधुकी बढ़ गयी है ... पैसा लेने से लेकर जुगाड़ तक के ठेके का क्या होगा ... झाजी को सब पता है ! सब खेल .. सब नौटंकी ! इसी लिए ना चेहरा काला पड़ गया है !
जय हो
रविवार
बॉस डर गए हैं
जय हो
पता चला आपको .... नहीं ना ... खबर है कि बॉस डर गए है ! बॉस इन दिनों इतने भयभीत हैं कि राजा का सामना करने से डर रहें हैं ! डरे भी क्यों नहीं ... बॉस ने तो पहले राजा के सामने जो तीर तुक्का चलाया था उससे साफ़ था कि एक ना एक दिन यही होगा और हुआ भी वही ! अब बॉस को लगता है कि नगर निगम मामले से लेकर पी आर डी तक के मामलो में कही फंस ना जाएँ सो बॉस डर गए है ! डर का आलम यह है कि बॉस आजकल एक नंबर वाले राजमहल के बदले दस नंबर वाले पुरानी किला का रुख किये हुए हैं ! यही डर है और डर बॉस को घुन की तरह खाए जा रहा है !
दरअसल बॉस नए राजा के खासमखास बन गए थे ! सूर्य के उदय से अस्त तक एक नंबर वाले राजमहल के दरवारी बन गए थे ! पत्रकारिता को गिरवी रख दिया राजा के सामने ! राजा भी खुश कि पुराने दलम के दलपति की खबर बैठे बिठाए मिल जा रहा है !पुरानी हवेली की खबर के लिए गुप्तचर नहीं तैनात करना पड़ा ! पर बॉस समझे ही नहीं ! चैनल के अलावे अपना धंधा खोल लिया ! राजा के नजदीकी होने का फायदा उठाते हुए पी आर डी को यूज किया ! राजा का धौंस दिखाकर निगम से लेकर विजली ऑफिस और सरकारी महकमा के शुरमाओ से वसूली किया ! पर बॉस यह भूल गया कि राजा आखिर राजा होता है ... राजा के फेवर तक तो ठीक है ... खिलाफ ... डर गया बॉस !
अब बॉस परेशान है कि शहर से भागकर फिर जंगल का रुख ... फायदा यही की अपने पिता को हाउस में बिठाना पर राजा को सब मालूम है ! पहले ही जड़ उखारने में लग गया है राजा !पर बॉस भी अब अतिम पत्ता खेल रहा है ! राजा को बदनाम करने के लिए एजी से कागज़ लाकर एल को दिया और न्यायालय में मामला दर्ज कराकर सीबीआई जांच करने का आदेश निकलवा दिया ! राजा पहुँच गया न्यायालय और जांच गयी रूक ! राजा के किचन किंग न्यालय में देखा बॉस को और बॉस डर गया है !
बॉस को सलाह ... जान जोखिम में मत डालो ... फंस गए हो ... खेलो मत ... खुल जाओगे !
जय हो
पता चला आपको .... नहीं ना ... खबर है कि बॉस डर गए है ! बॉस इन दिनों इतने भयभीत हैं कि राजा का सामना करने से डर रहें हैं ! डरे भी क्यों नहीं ... बॉस ने तो पहले राजा के सामने जो तीर तुक्का चलाया था उससे साफ़ था कि एक ना एक दिन यही होगा और हुआ भी वही ! अब बॉस को लगता है कि नगर निगम मामले से लेकर पी आर डी तक के मामलो में कही फंस ना जाएँ सो बॉस डर गए है ! डर का आलम यह है कि बॉस आजकल एक नंबर वाले राजमहल के बदले दस नंबर वाले पुरानी किला का रुख किये हुए हैं ! यही डर है और डर बॉस को घुन की तरह खाए जा रहा है !
दरअसल बॉस नए राजा के खासमखास बन गए थे ! सूर्य के उदय से अस्त तक एक नंबर वाले राजमहल के दरवारी बन गए थे ! पत्रकारिता को गिरवी रख दिया राजा के सामने ! राजा भी खुश कि पुराने दलम के दलपति की खबर बैठे बिठाए मिल जा रहा है !पुरानी हवेली की खबर के लिए गुप्तचर नहीं तैनात करना पड़ा ! पर बॉस समझे ही नहीं ! चैनल के अलावे अपना धंधा खोल लिया ! राजा के नजदीकी होने का फायदा उठाते हुए पी आर डी को यूज किया ! राजा का धौंस दिखाकर निगम से लेकर विजली ऑफिस और सरकारी महकमा के शुरमाओ से वसूली किया ! पर बॉस यह भूल गया कि राजा आखिर राजा होता है ... राजा के फेवर तक तो ठीक है ... खिलाफ ... डर गया बॉस !
अब बॉस परेशान है कि शहर से भागकर फिर जंगल का रुख ... फायदा यही की अपने पिता को हाउस में बिठाना पर राजा को सब मालूम है ! पहले ही जड़ उखारने में लग गया है राजा !पर बॉस भी अब अतिम पत्ता खेल रहा है ! राजा को बदनाम करने के लिए एजी से कागज़ लाकर एल को दिया और न्यायालय में मामला दर्ज कराकर सीबीआई जांच करने का आदेश निकलवा दिया ! राजा पहुँच गया न्यायालय और जांच गयी रूक ! राजा के किचन किंग न्यालय में देखा बॉस को और बॉस डर गया है !
बॉस को सलाह ... जान जोखिम में मत डालो ... फंस गए हो ... खेलो मत ... खुल जाओगे !
जय हो
मंगलवार
बिग ब्रदर का जेल घर जय हो
जय हो
आप शायद बिग ब्रदर का सीरियल देखे हों ! आज अगर इस ब्रदर का घर देखना हो तो चले आइये पटना ! पर थोडा यहाँ आकर आपको परेशानी हो सकती है कि यह घर अब घर नहीं जेल बन गया है ! हाँ तो पटना के श्री कृष्ण पूरी के चिल्ड्रेन पार्क के पास आकर किसी से पूछ लीजिये कि ... ऐ भैया ऐ ... ऐ भाई ... ऐ झाजीवा का चैनल कहाँ है ? आ ठीक सामने देखिये गा चमकता हुआ बिग ब्रदर का घर ! पर जैसे ही इस घर में जाइए गा कि सब रोते मिलेंगे ! एम कुमार से लेकर चपरासी संतोष तक ! प्रॉब्लम एक ही है कि किसी भी जन की नौकरी यहाँ सुरक्षित नहीं है ! सो भाई लोग अपनी नौकरी पक्की और पूरी तरह बचाए रखने के लिए दिन भर तरह तरह के हथकंडा अपनाते रहते हैं ! अब देखिये कि भिया गिन्जन का दुर्गिंजन हो गया और उन्ही का चेला ताली बजा रहा है कि गिन्जन को उसी ने भगाया ! पर भाई जरा बच के ... सब के बारे में सारी खबर बिग ब्रदर के पास है ! झाजी बउवा नहीं है कि पढ़ा दीजिएगा ! सब पता है स्ट्रिंगर सब मेल कर दिया है कि कैसे रिपोटर से ओवी भेजने के नाम पर उगाही की जा रही है !
जाँच भी बिग ब्रदर झाजी तरीके से करते है ! अब देखिये कि अभी मौर्या टीवी में यह चर्चा का विषय है कि जिस स्ट्रिंगर को आज से पहले तीन हज़ार भी नहीं बन पाता था आज उस स्ट्रिंगर को एके बार 18 हज़ार ... बाप रे बाप ... चैनल को बैठाइए देगा का !अच्छा बिग ब्रदर के घर देर है अंधेर नहीं है !
और काला चोर ... का हाल है ! बड़ा आजकल आर्यन टीवी का चक्कर लगा रहे हो ! मौर्या को चुना लगा दिए का ! का का गायब किये ... का का वहां पहुंचा दिए ... इस बार एनडीटीवी की तरह चोरी चकारी से बच के रहना !नहीं तो यहाँ से भी निकाले जाओगे !
वैसे बिग ब्रदर का आशीर्वाद लेकर एम कुमार पटना लौट आये हैं ! इनके लौट के आते ही कई भाइयों के सीने पर सांप लोटने लगा है ! भाई लोग तो इनकी विदाई का इंतज़ार कर रहे थे ! पर भाई लोग अब बिग ब्रदर नहीं चमचई बिग भांजा का करिए क्योंकि बिग ब्रदर के खबरी बनाए गए है !
जय हो
रविवार
मौर्या टीवी में हु तू तू
जय हो
मौर्या टीवी का हाल क्या है कैसे है ... कोई नहीं जानता . बिलकुल चीन की तरह ! जितना बताया जाएगा उतना ही ! पर मौर्या टीवी के रांची ब्यूरो को सलाम कर सबकी बैंड बजाने वाले एक सच्चे पत्रकार की जवानी ही सुनिए की वहाँ क्या हो रहा है !
सेवा में,
श्री मुकेश कुमार,
निदेशक,
मौर्य न्यूज़, पटना.
मैंने आपको कई बार फोन किया, पर आप मेरा फोन नहीं उठा रहे और न ही कोई जवाब दे रहे है, कारण क्या है आप जाने इसलिए मै आपको मेल कर रहा हूँ. ------- क्योकि जरूरी है, मुझे अपने कामों से १० दिनों की छुट्टी चाहिए थी आपने कन्फर्म नहीं किया, मैंने सोचा की आप १० दिन की छुट्टी देने में असमर्थ है, ३ दिनों की छुट्टी मांगी पर आपने कन्फर्म नहीं किया, फिर भी मुझे बहुत जरूरी है, मै २३ से २५ जून तक छुट्टी पर हूँ, और इसकी सूचना sms के द्वारा मैंने सबको दे दी है.
कुछ मै आपकी बातो को याद दिला दू, जो रांची में २८ मई को मीटिंग के दौरान आपने कही थी -------------
आपने कहा था की आपके कान चुगली सुनने के लिए नहीं बने, पत्रकारिता सम्बन्धी कार्यों के लिए बने है, पर आपने रांची और पटना में बैठे लोगों की चुगलियों के आधार पर जिसके कहने पर मेरे उपर एक्शन लिया, वो बताता है आपके कान चुगली सुनने के लिए ही बने है. नहीं तो आप एक आदर्श स्थापित कर सकते थे.
क्या आप जानते है की हमने रांची में कितनों की गालिया और किसके लिए सुनी है. जानने की आपने कोशिश की. आपको याद है जब मेरे खिलाफ ऑफिस के कंप्यूटर में गालिया लोड की गयी, आपसे मैंने न्याय माँगा, आपको जिन पर कारवाई करनी चाहिए थी उसे बचा लिया और मुझे ही बाहर का रास्ता दिखा दिया. जिन्होंने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भद्दी भद्दी गालिया लिखी उन्हें आपने खुली छुट दे दी की जो चाहे वो करो, आज आपके ऑफिस में क्या हो रहा है. जरा खुद देखिये ----------------------
कमाल है मैंने आकाशवाणी, आर्यावर्त्त हिंदी दैनिक, हिन्दुस्तान हिंदी दैनिक, दैनिक जागरण और etv जैसे संस्थानों में काम किया वहाँ मेरे कामों और आदर्शों की इज्ज़त की गयी, पर आपके यहाँ, आदर्शों और काम की कोई मूल्य नहीं. आपके यहाँ झूठी चुगलियों का बोलबाला है. तभी तो मानसून की झूठी खबर भेजनेवालो को सम्मानित और मुझे अपमानित कर दिया गया, यही नहीं आपके लोगो के द्वारा एक सज्ज़न व्यक्ति पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी की धज्जियां उडा दी गयी. रांची में मौर्य की क्या इज्ज़त है, आप खुद पता लगा लीजिये, बस कुछ करने की जरूरत नहीं है, आप अपना बूम लेकर किसी भी कार्यक्रम में चले जाइए, आपके अगल बगल में बैठे पत्रकार क्या कहते है सुन लीजिये.
मेरे १६ साल के पत्रकारिता के जीवन में, मेरे ऊपर किसी ने सवाल नहीं उठाये है पर आपने उठाये है, वो भी चुगलियों के आधार पर.
हां आप कहते है की मुझे यानि आपको चापलूसी पसंद नहीं है, पर मेरे पास इसके भी पुख्ता प्रमाण है की आपको चापलूसी पसंद है, जैसे भड़ास ४ मीडिया. कॉम में आपके छपे interview में रांची के ही एक स्टाफ ने आपके गुणगान कमेंट्स में किये है और लिखा है on the behalf of all staffs of ranchi office क्या आपने उससे पूछा की जो उसने कमेंट्स लिखे है, वो उसके है या सभी staff के. आपने नहीं पूछा क्योकि गर आप पूछते तो भले ही नौकरी चले जाने की डर से सभी हां कर देते, पर मै विरोध करता क्योकि मै सच बोलता हु, मुझे नौकरी की नहीं अपने जीवन मूल्य की ज्यादा चिंता है.
आप किसी से मत पूछिये, आप अपनी अंतरात्मा से पूछिये की क्या किसी ऐसे व्यक्ति को जो दुसरे संस्थान में जमा हुआ हो, उसे बुलाकर, इतनी जल्दी बे-इज्ज़त कर कर के निकालना उचित है. गर आपको लगता है की यही उचित है देर क्यूँ कर रहे है निर्णय लीजिये. पर याद कर लीजिये. ईश्वर जो आपके ह्रदय में बैठा है, वो देख रहा है, आपको भविष्य में खुद पर लज्जित होना पड़ेगा.
अभी आप जो सुनील पाण्डे -- सुनील पाण्डे जप रहे है, वो क्या है, मै खूब जानता हूँ. उनके आदर्श क्या है, ये भी मै जानता हूँ, वो मुझसे क्या चाहते है, ये भी जानता हूँ, पर क्या करू, इस ४३ वर्ष में, जो माता-पिता ने मुझे संस्कार दिया है और जिस आदर्श के लिए जीना सिखाया है उसे मै झूठी शान के लिए, वो संस्कार बीस हज़ार की नौकरी के लिए कैसे बर्बाद कर दू.
अंत में,
महत्वपूर्ण ये नहीं, की मौर्य में कौन कितने दिन काम किया.
महत्वपूर्ण ये है, वो जितने दिन काम किया, कैसे किया.
मुझे गर्व है की -------------------
क. मैंने ट्रान्सफर-पोस्टिंग का सहारा लेकर कोई न्यूज़ नहीं भेजा, जो भी न्यूज़ भेजी, वो मेरा अपना था.
ख. मैंने मौर्य के लिए अपने ही संस्थानों के लोगों की गालियाँ सुनी पर मैंने किसी को गालियाँ नहीं दी.
ग. मैंने जो भी कदम उठाये या बाते रखी, वो खुद को प्रतिष्ठित करने के लिए नहीं, बल्कि अपने संस्थान को बेहतर करने के लिए, ये अलग बात है की आपको समझ में नहीं आया.
घ. मुझे सबसे बनती है, पर ऐसे लोगो से नहीं बनती जिनकी कथनी और करनी में अंतर हो, चाहे वो कोई भी हो.
आपसे प्रार्थना है की जैसे ही आपने २१ जून से मुझे काम करने पर रोक लगा दिया आपके ऑफिस से लेकर पुरे रांची में तथा पटना ऑफिस में बैठे हमारे कट्टर विरोधियों में जश्न का माहौल है. कुछ तो रांची ऑफिस में पार्टी भी दे चुके है, आशा है आप उनके दिलों पर कुठाराघात नहीं करेंगे, और जल्द से वो पत्र भी भेज देंगे, जिसका मुझे बेसब्री से इंतज़ार है. आप समझ सकते है, मेरा इशारा किस ओर है...
भवदीय
कृष्ण बिहारी मिश्र
पत्रकार, रांची.
दिनांक -- २३. जून २०१०."जिस दिन मौर्य लाँच हुआ था, हमें ऐसा लगा था की मौर्य की पुनरावृति हो रही है, एक और चाणक्य उदय ले रहा है, पर मै भूल गया की, उस वक़्त और आज के वक़्त में काफी अंतर आ चूका है, प्रदुषण बढ़ा है, चारित्रिक पतन हुआ है. पत्रकारिता के नाम पर लोग दूकान खोल रहे है. और दूकान में क्या होता है. सभी जानते है. रही बात मौर्य ने कृष्ण बिहारी मिश्र को हटाया अथवा मैंने मौर्य को छोड़ा, ये जनता अथवा आदर्श पत्रकारिता में विश्वास रखनेवाले लोग निर्णय करे तो अच्छा रहेगा.
कृष्ण बिहारी मिश्र
पत्रकार.रांची (झारखण्ड).
बुधवार
शर्म इनको है मगर आती नहीं
जय हो
ये दलाल है और इनको राज्य के मुख्यमंत्री भी जानते है की ये कितने बड़े दलाल है ! दरअसल दलाली इनका पेशा नहीं वह तो विरासत में मिली है ! इतिहास गवाह है कि इन्होने अपने इस धंधे को कभी कमज़ोर नहीं होने दिया ! सुबह से लेकर शाम तक बस एक सूत्री कार्यक्रम ... दलाली ! देखना है तो बस एक बार इनके साथ सचिवालय घूम आइये ! मस्का लगाना और विद्रूप हंसी ... आप को यकीन शायद नहीं हो इनके बदन से बासआती है तो दलाली की ! वैसे इसमें इनका दोष नहीं है ! रामायण गीता और महाभारत देखते समय बच्चा राम या लक्षमण या फिर कृष्ण की भोमिका में खुद को देखता है और कमज़ोर बच्चे को हमेशा रावण या शकुनी बना देता है ! पर उसने तो राम की मर्यादा की चादर ओढ़ लिया इनके हिस्से में शकुनी की टेढ़ी चाल , विद्रूप हंसी , बदबूदार भाषा , और चमचा संस्कृति ही रहा सो इन्होने उसको ही अपनाया और आज उसी पर चल रहे हैं !
अभी एक पत्रिका है उसने इनके बारे में एक सच्ची बात छाप दिया ! भाई साहेब परेशान ! पर अचानक उनके अन्दर शकुनी ज्ञान आया और पत्रिका में छपे आलेख को अपना सम्मान पत्र समझ लिए और तब से खुश है !
जय हो
ये दलाल है और इनको राज्य के मुख्यमंत्री भी जानते है की ये कितने बड़े दलाल है ! दरअसल दलाली इनका पेशा नहीं वह तो विरासत में मिली है ! इतिहास गवाह है कि इन्होने अपने इस धंधे को कभी कमज़ोर नहीं होने दिया ! सुबह से लेकर शाम तक बस एक सूत्री कार्यक्रम ... दलाली ! देखना है तो बस एक बार इनके साथ सचिवालय घूम आइये ! मस्का लगाना और विद्रूप हंसी ... आप को यकीन शायद नहीं हो इनके बदन से बासआती है तो दलाली की ! वैसे इसमें इनका दोष नहीं है ! रामायण गीता और महाभारत देखते समय बच्चा राम या लक्षमण या फिर कृष्ण की भोमिका में खुद को देखता है और कमज़ोर बच्चे को हमेशा रावण या शकुनी बना देता है ! पर उसने तो राम की मर्यादा की चादर ओढ़ लिया इनके हिस्से में शकुनी की टेढ़ी चाल , विद्रूप हंसी , बदबूदार भाषा , और चमचा संस्कृति ही रहा सो इन्होने उसको ही अपनाया और आज उसी पर चल रहे हैं !
अभी एक पत्रिका है उसने इनके बारे में एक सच्ची बात छाप दिया ! भाई साहेब परेशान ! पर अचानक उनके अन्दर शकुनी ज्ञान आया और पत्रिका में छपे आलेख को अपना सम्मान पत्र समझ लिए और तब से खुश है !
जय हो
रविवार
नीतीश जी नीतीश जी क्या हुआ आपको
जय हो
फणीश्वर नाथ रेणु की किताब " परती परी कथा " में राजनीति का विश्लेषण अब जाकर साफ़ हुआ है जब गुजरात की जनता की ओर से भेजा गया राहत की राशि को माननीय नीतीश कुमार ने अपनी राशि समझ लिया और नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे के दौरान छपे विज्ञापन के कारण आतिथ्य सत्कार भी भूल बैठे ! चलिए यह माना जा सकता है की नीतीश कुमार को शुरू से ही नरेन्द्र मोदी से परहेज रहा है ! पर गुजरात की जनता से क्या परहेज ! गुजरात की जनता ने कोसी आपदा के समय जो मदद भेजी उसे कोई बिहारी तो नहीं भूल सकता है ! भले ही नीतीश कुमार जैसे लोग जो राजनीति की वजह से अपने परिवार तक को छोड़ दिया को मदद को समझाना ना मुमकिन है !
आज पूरे देश के लोग बिहार के इस नए ठाकरे को देख रहें है जिसके पास ना जनाधार है और ना ही किसी सीट से जीतने की क्षमता ! जिस थाली में खाया आज उसी में छेद करने पर उतारू नीतीश कुमार को बी जे पी के साथ का लाभ तब समझ में आयेगा जब पिछडो की राजनीती और उनके वोट बैंक पर एक साथ लालू यादव , कांग्रेस , सीपीआई , माले , हमला करेगी और दलित वोट पर पासवान और सारे दल चोट करेंगे तब औकात सामने आ जाएगा ! अभी तो सत्ता में बैठे रहने से अभिमान तो बढ़ ही जाता है !
शायद यह सभी को याद हो की जिस कोसी आपदा को लेकर नीतीश कुमार तने हुए है ये बताएँगे की १४ जिले उजारने के कितने घंटे बाद ये पहुंचे थे ? पुरे विश्व के सामने मदद के लिए आंसू बहाने का नाटक कर रहे थे और इनका महकमा और इनके मंत्री और अधिकारी केंद्र को सही जानकारी तक नहीं दे रहे थे कि छति कितनी हुई ! आज विश्व के मदद को वापस करने कि एक नयी परम्परा की शुरुवात कर रहें है !
लेकिन बिहार की जनता इस घटना को भूलने को तैयार नहीं है !जनता के फैसले को अपना अधिकार नहीं समझाना चाहिए नीतीश जी ... नीतीश जी यह रहत आपके घर के लिए नहीं आया था ! आपने तो यह कहकर राज्य को और शर्मिंदा कर दिया कि आप कोसी की पीड़ा झेल रहे तक राहत की राशि तक नहीं पहुचाये !
जनता आपको माफ़ नहीं करेगी !
जय हो
फणीश्वर नाथ रेणु की किताब " परती परी कथा " में राजनीति का विश्लेषण अब जाकर साफ़ हुआ है जब गुजरात की जनता की ओर से भेजा गया राहत की राशि को माननीय नीतीश कुमार ने अपनी राशि समझ लिया और नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे के दौरान छपे विज्ञापन के कारण आतिथ्य सत्कार भी भूल बैठे ! चलिए यह माना जा सकता है की नीतीश कुमार को शुरू से ही नरेन्द्र मोदी से परहेज रहा है ! पर गुजरात की जनता से क्या परहेज ! गुजरात की जनता ने कोसी आपदा के समय जो मदद भेजी उसे कोई बिहारी तो नहीं भूल सकता है ! भले ही नीतीश कुमार जैसे लोग जो राजनीति की वजह से अपने परिवार तक को छोड़ दिया को मदद को समझाना ना मुमकिन है !
आज पूरे देश के लोग बिहार के इस नए ठाकरे को देख रहें है जिसके पास ना जनाधार है और ना ही किसी सीट से जीतने की क्षमता ! जिस थाली में खाया आज उसी में छेद करने पर उतारू नीतीश कुमार को बी जे पी के साथ का लाभ तब समझ में आयेगा जब पिछडो की राजनीती और उनके वोट बैंक पर एक साथ लालू यादव , कांग्रेस , सीपीआई , माले , हमला करेगी और दलित वोट पर पासवान और सारे दल चोट करेंगे तब औकात सामने आ जाएगा ! अभी तो सत्ता में बैठे रहने से अभिमान तो बढ़ ही जाता है !
शायद यह सभी को याद हो की जिस कोसी आपदा को लेकर नीतीश कुमार तने हुए है ये बताएँगे की १४ जिले उजारने के कितने घंटे बाद ये पहुंचे थे ? पुरे विश्व के सामने मदद के लिए आंसू बहाने का नाटक कर रहे थे और इनका महकमा और इनके मंत्री और अधिकारी केंद्र को सही जानकारी तक नहीं दे रहे थे कि छति कितनी हुई ! आज विश्व के मदद को वापस करने कि एक नयी परम्परा की शुरुवात कर रहें है !
लेकिन बिहार की जनता इस घटना को भूलने को तैयार नहीं है !जनता के फैसले को अपना अधिकार नहीं समझाना चाहिए नीतीश जी ... नीतीश जी यह रहत आपके घर के लिए नहीं आया था ! आपने तो यह कहकर राज्य को और शर्मिंदा कर दिया कि आप कोसी की पीड़ा झेल रहे तक राहत की राशि तक नहीं पहुचाये !
जनता आपको माफ़ नहीं करेगी !
जय हो
शनिवार
केबीसी-4 होस्ट करेंगे बिग बी
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आएंगे। सूत्रों के मुताबिक सदी के महानायक टेलीविजन जगत के अब तक के सबसे ज्यादा पॉपुलर रिएलटी शो "कौन बनेगा करोड़पति" के सीजन 4 को होस्ट करेंगे। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक केबीसी-4 के लिए अमिताभ का नाम तय हो चुका है। इसके साथ ही शो होçस्ंटग को लेकर लंबे समय से जारी अटकलों पर विराम लग गया है।
टीवी इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक गेम शो का चौथा सीजन साल के अंत तक टीवी पर प्रसारित किया जाएगा। इस बार यह शो स्टार प्लस के बजाए किसी और चैनल पर दिखाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन ने वर्ष 2001 में कौन बनेगा करोड़पति के पहले सीजन की मेजबानी कर छोटे पर्दे पर धमाकेदार आगाज किया था। कुछ ही दिनों में केबीसी ने हर घर में अपनी जगह बना ली। वर्ष 2006 में भी बिग बी ने केबीसी द्वितीय होस्ट किया था लेकिन उनके बीमार पड़ने के बाद इसे बीच में ही रोकना पड़ा। इसके बाद 2007 में बॉलीवुड के किंग खान ने केबीसी के तीसरे सीजन को पेश किया लेकिन शाहरूख दर्शकों में अपनी खास जगह नहीं बना पाए थे। बिग बी ने हाल ही में कलर्स चैनल पर प्रसारित बिग बॉस सीजन 3 की भी मेजबानी की थी।
टीवी इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक गेम शो का चौथा सीजन साल के अंत तक टीवी पर प्रसारित किया जाएगा। इस बार यह शो स्टार प्लस के बजाए किसी और चैनल पर दिखाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन ने वर्ष 2001 में कौन बनेगा करोड़पति के पहले सीजन की मेजबानी कर छोटे पर्दे पर धमाकेदार आगाज किया था। कुछ ही दिनों में केबीसी ने हर घर में अपनी जगह बना ली। वर्ष 2006 में भी बिग बी ने केबीसी द्वितीय होस्ट किया था लेकिन उनके बीमार पड़ने के बाद इसे बीच में ही रोकना पड़ा। इसके बाद 2007 में बॉलीवुड के किंग खान ने केबीसी के तीसरे सीजन को पेश किया लेकिन शाहरूख दर्शकों में अपनी खास जगह नहीं बना पाए थे। बिग बी ने हाल ही में कलर्स चैनल पर प्रसारित बिग बॉस सीजन 3 की भी मेजबानी की थी।
शुक्रवार
मौर्या टीवी नेट के बहाने मेल मिलाप
जय हो
काफी दिनों के बाद फिल्मकार प्रकाश झा और देश के नंबर वन के चैनल के भाई झाजी को एक साथ देखे ! बड़ा सकून मिला कि चलो भाई मान गया ! रिपोर्टिंग छोड़कर इस प्रोग्राम में जाना एक मायने रखता है ! हो भी क्यों नहीं ! प्रकाश झा की राजनीति चल निकली ... लोग राजनीति के चक्रब्यूह में फंस कर रह गए ! शायद आपको यह पता नहीं कि इस फिल्म को " अ" सर्टिफिकेट है और देखने वाला ... पहले की मोर्निंग शो समझ कर घुस रहा है ! क्या करे ... फिल्म के सीन में तो वह कुछ भी करने को तैयार है !
एक बात और चैनल मौर्या टीवी बिहार में कितने लोग देखते हैं पता नहीं पर वह नंबर वन बन गया है ! कहाँ कैसे और कब ये आपको तिवारी जी बताएँगे !आजकल उलटे चल रहे है पता नहीं कि धडाम से गिरने में टाइम नहीं लगता है ! वैसे डी एम राजेश और विनय के मामले में कुछ नहीं हुआ है ! आपको पता है कि नहीं दोनों ने ऑफिस में ही एक दुसरे कि माँ बहन को बीच चौराहे .... डाला था !
बहरहाल ख़ुशी की बात है कि भाई गया लाइव कराया ... नास्ता किया ... तब वेब के उद्घाटन में गया ... हैं ना खबर पक्की !
जय हो
पिटाई पर विधवा विलाप
पटना के बी एन कालेज में मौर्या टीवी के रिपोटर को आखिर कालेज के प्रिंसिपल ने क्यों पीटा ? यह कोई नहीं सोच रहा है ! पत्रकार होने का क्या मतलब है आप देश की जनता के भाग्य विधाता हो गए है ! कौन सा विशेषाधिकार मिल गया कि बिना परमिशन के कालेज में जाकर ओ वी ले गए ... इतना ही नहीं वहां मौजूद लडको को उकसाते रहे की कालेज की संपत्ति को नष्ट करो लाइव कवरेज देंगे ... ! मीडिया का नोर्म्स बताये बिना ... जाने बिना चिर पर बैठ कर विधवा विलाप ठीक नहीं है ! रिपोटर को तत्काल सस्पेंड करना चाहिए कि चैनल का नाम क्यों बदनाम कर रहा है !
कहाँ है सम्पादक ... बड़ा दावा करता रहा है कि पत्रकारिता पेट से सीख कर पैदा हुआ है ! सच यह है बंधू कि आप सिर्फ और सिर्फ पत्रकार हैं आपको ना तो कोई विशेषधिकार है और ना ही इस मुगालते में रहना चाहिए ! हाँ आपको यह भी पता होना चाहिए कि घटना के समय आपकी ही टीम आखिर क्यों थी ?
विनाशकाले विपरीत बुद्धि
कहाँ है सम्पादक ... बड़ा दावा करता रहा है कि पत्रकारिता पेट से सीख कर पैदा हुआ है ! सच यह है बंधू कि आप सिर्फ और सिर्फ पत्रकार हैं आपको ना तो कोई विशेषधिकार है और ना ही इस मुगालते में रहना चाहिए ! हाँ आपको यह भी पता होना चाहिए कि घटना के समय आपकी ही टीम आखिर क्यों थी ?
विनाशकाले विपरीत बुद्धि
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प्रिय मित्र
मैंने एक यह कोशिश की है कि खुलासा को डोट कॉम पर लायें ! आपका प्यार और सहयोग ने खुलासा को डोट कोम पर ला दिया है ! लेकिन खुलासा के विरोधियों ने इसके नाम का पहले ही दर्ज करा लिया था सो हमें खुलासा को अंग्रेजी में खुलाशा4मीडिया के नाम से आप लोगोन करें !
धन्यबाद !
--
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आदित्य कुमार
पटना / दिल्ली
मैंने एक यह कोशिश की है कि खुलासा को डोट कॉम पर लायें ! आपका प्यार और सहयोग ने खुलासा को डोट कोम पर ला दिया है ! लेकिन खुलासा के विरोधियों ने इसके नाम का पहले ही दर्ज करा लिया था सो हमें खुलासा को अंग्रेजी में खुलाशा4मीडिया के नाम से आप लोगोन करें !
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आदित्य कुमार
पटना / दिल्ली
मंगलवार
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होई
जय हो
पटना की धरती से पहला चैनल होने का दावा करने वाले एक देसी चैनल पर शुक्र का पूरा प्रभाव आ गया है ! शुक्र की महादशा का ही प्रभाव है की चैनल को अचानक अपन यहाँ इन्टर्नशिप के लिए आयी छह लडकियों का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निकाल बाहर करना पड़ा ! इतना ही नहीं चैनल के तीसमार खान का गिन्जन हो गया ! इलाज के लिए रांची भेजा गया पर वहां भी गिन्जन सो अब लेटर ... ले लो भाई लेटर ले लो ! चैनल के मालिक ने दरवाजे पर आवाज लगाना शुरू कर दिया ले लो भाई लेटर ले लो ! नहीं लिया तो दे दिया वही लेटर ! अब गिन्जन भाई की टोपी कौन बचाएगा ! अगले ने तो अपना मतलब साध ही लिया ! जिसको चाहा उसको शुक्र का प्रभाव बढ़ाने के लिए गिन्जन के मार्फ़त ज्वाइन करा दिया ! ले दे के जो बचे उसने भी शुक्र का प्रभाव नापने के लिए नाचना शुरू कर दिया ! नतीजा सुनेगे तो शर्म से पानी पानी हो जायेंगे भले ही चैनल वालो को शर्म नहीं आती है !
आपको बता दें कि यह चैनल पटना के हडताली मोड़ से दाहिने मुड़ने के बाद फिर बाएं जाकर बाएं मुड़ेंगे तो समझ जायेंगे कि यही वह जगह है जिसकी चर्चा कामदेव भी कर रहे है ! चैनल की खासियत यह है कि यहाँ बीते सप्ताह में सफाई कर्मचारी ने शिकायत की है कि देश में दूरदर्शन पर बच्चे ना पैदा करने के लिए जो विज्ञापन आता है उसका ही .... खोली भरा है ! सबके हाथ पाव फूल गया ! जांच हुई तो पता चला कि आईटी वालो की करतूत है ! ले भाई ... सबको लेटर ... जा भाई जा ... मज़ा अब बहार लो ... पर यहाँ तो हर शाख पर कामदेव बैठे हैं अंजामे चैनल क्या होगा ... बर्बाद चैनल करने को बस एक ही अक्कू काफी है सो अक्कू को लेटर !
अब समझो फ़िल्मी भैया ... कर दिया ना कमाल ... ले दे के लाफाशूटिंग कर दिया ना !लस घस ऐसा किया की गिन्जन , अक्कू , समेत दस को दस का दम दिखाना पड़ा ! खबर जंगल में आग की तरह फैली ... पता चला की ओवी वैन को भी गन्दा कर दिया था ! आईटी के साथ वाले कमरे को तो हाथी बगान बना दिया था ! राम राम ... एक बार फिर गंगाजल ... वैसे यह कहावत सच है कि ... बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होई !
जय हो
पटना की धरती से पहला चैनल होने का दावा करने वाले एक देसी चैनल पर शुक्र का पूरा प्रभाव आ गया है ! शुक्र की महादशा का ही प्रभाव है की चैनल को अचानक अपन यहाँ इन्टर्नशिप के लिए आयी छह लडकियों का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निकाल बाहर करना पड़ा ! इतना ही नहीं चैनल के तीसमार खान का गिन्जन हो गया ! इलाज के लिए रांची भेजा गया पर वहां भी गिन्जन सो अब लेटर ... ले लो भाई लेटर ले लो ! चैनल के मालिक ने दरवाजे पर आवाज लगाना शुरू कर दिया ले लो भाई लेटर ले लो ! नहीं लिया तो दे दिया वही लेटर ! अब गिन्जन भाई की टोपी कौन बचाएगा ! अगले ने तो अपना मतलब साध ही लिया ! जिसको चाहा उसको शुक्र का प्रभाव बढ़ाने के लिए गिन्जन के मार्फ़त ज्वाइन करा दिया ! ले दे के जो बचे उसने भी शुक्र का प्रभाव नापने के लिए नाचना शुरू कर दिया ! नतीजा सुनेगे तो शर्म से पानी पानी हो जायेंगे भले ही चैनल वालो को शर्म नहीं आती है !
आपको बता दें कि यह चैनल पटना के हडताली मोड़ से दाहिने मुड़ने के बाद फिर बाएं जाकर बाएं मुड़ेंगे तो समझ जायेंगे कि यही वह जगह है जिसकी चर्चा कामदेव भी कर रहे है ! चैनल की खासियत यह है कि यहाँ बीते सप्ताह में सफाई कर्मचारी ने शिकायत की है कि देश में दूरदर्शन पर बच्चे ना पैदा करने के लिए जो विज्ञापन आता है उसका ही .... खोली भरा है ! सबके हाथ पाव फूल गया ! जांच हुई तो पता चला कि आईटी वालो की करतूत है ! ले भाई ... सबको लेटर ... जा भाई जा ... मज़ा अब बहार लो ... पर यहाँ तो हर शाख पर कामदेव बैठे हैं अंजामे चैनल क्या होगा ... बर्बाद चैनल करने को बस एक ही अक्कू काफी है सो अक्कू को लेटर !
अब समझो फ़िल्मी भैया ... कर दिया ना कमाल ... ले दे के लाफाशूटिंग कर दिया ना !लस घस ऐसा किया की गिन्जन , अक्कू , समेत दस को दस का दम दिखाना पड़ा ! खबर जंगल में आग की तरह फैली ... पता चला की ओवी वैन को भी गन्दा कर दिया था ! आईटी के साथ वाले कमरे को तो हाथी बगान बना दिया था ! राम राम ... एक बार फिर गंगाजल ... वैसे यह कहावत सच है कि ... बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होई !
जय हो
गुरुवार
बिहार और बंगाल में आयी भीषण तूफ़ान
बिहार और बंगाल में आयी भीषण तूफ़ान में सरकारी जानकारी के मुताबिक सौ से अधिक लोंगो की जाने गयी है ! यह विजुअल आपको विचलित कर सकती है ! खुलासा टीम मृतकों की आत्मा की शांति के लिए लिए प्रार्थना करता है
बुधवार
नाक कटवाने वाले
जय हो
जनता दरबार से लेकर विश्वास यात्रा की घोषणा करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में एक विकलांग की सरेआम पिटाई और उसके शरीर के साथ टॉर्चर का जवाब कौन देगा ? आज देश की जनता यह जानने की कोशिश में जुटा है की क्या बिहार में अपंग होना अपराध है ... उसमे भी विकलांग द्वारा अधिकार की मांग कितना बड़ा अपराध है ... अधिकार की वजाय तिरस्कार से भड़के अब्दुल हमीद इस उम्मीद में आया था कि उसे विकलांगता प्रमाण पत्र मिल जाएगा तो ज़िन्दगी की राह थोड़ी आसान हो जायेगी ! अल्लाह ने जो किया वह तो हमीद झेल ही रहा है पर अपनी अपंगता का प्रमाण पत्र ( जिसे देख कर कोई भी समझ सकता है ) ऐसी बहरी व्यवस्था के लिए चाहिए था जो सिर्फ प्रमाण पत्र को ही जानता है !
हमीद आया सचिवालय गया तपती गर्मी में घंटो खड़ा होकर मुख्या सचिव से मिलने पहुंचा ! पर यहाँ की व्यवस्था भी नष्ट हो चुकी थी ! आम लोंगो की बात सुनने के निर्धारित समय में सचिव महोदय मीटिंग करने लगे थे ! असल में जब मीटिंग का टाइम होता है तो ये अधिकारी घर पर खाना खाने चले जाते है ! बहरहाल चीफ सेक्रेटरी के ना मिलने पर शोर गुल करने वाले हमीद को आंतकवादी की तरह ट्रीट कर पटना पोलिस और सचिवालय के सुरक्षा कर्मियों ने बाल पकड़ जो हश्र किया वह शर्मशार करने वाली घटना है !क्या नीतीश कुमार की सरकारी गाडी का फ्लैग स्टैंड टूटने से सरकारी व्यवस्था ध्वस्त हो गयी ! ( भले ही व्यवस्था पहले से ही नहीं है )
शर्म शर्म शर्म
जनता दरबार से लेकर विश्वास यात्रा की घोषणा करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में एक विकलांग की सरेआम पिटाई और उसके शरीर के साथ टॉर्चर का जवाब कौन देगा ? आज देश की जनता यह जानने की कोशिश में जुटा है की क्या बिहार में अपंग होना अपराध है ... उसमे भी विकलांग द्वारा अधिकार की मांग कितना बड़ा अपराध है ... अधिकार की वजाय तिरस्कार से भड़के अब्दुल हमीद इस उम्मीद में आया था कि उसे विकलांगता प्रमाण पत्र मिल जाएगा तो ज़िन्दगी की राह थोड़ी आसान हो जायेगी ! अल्लाह ने जो किया वह तो हमीद झेल ही रहा है पर अपनी अपंगता का प्रमाण पत्र ( जिसे देख कर कोई भी समझ सकता है ) ऐसी बहरी व्यवस्था के लिए चाहिए था जो सिर्फ प्रमाण पत्र को ही जानता है !
हमीद आया सचिवालय गया तपती गर्मी में घंटो खड़ा होकर मुख्या सचिव से मिलने पहुंचा ! पर यहाँ की व्यवस्था भी नष्ट हो चुकी थी ! आम लोंगो की बात सुनने के निर्धारित समय में सचिव महोदय मीटिंग करने लगे थे ! असल में जब मीटिंग का टाइम होता है तो ये अधिकारी घर पर खाना खाने चले जाते है ! बहरहाल चीफ सेक्रेटरी के ना मिलने पर शोर गुल करने वाले हमीद को आंतकवादी की तरह ट्रीट कर पटना पोलिस और सचिवालय के सुरक्षा कर्मियों ने बाल पकड़ जो हश्र किया वह शर्मशार करने वाली घटना है !क्या नीतीश कुमार की सरकारी गाडी का फ्लैग स्टैंड टूटने से सरकारी व्यवस्था ध्वस्त हो गयी ! ( भले ही व्यवस्था पहले से ही नहीं है )
शर्म शर्म शर्म
मंगलवार
मुल्लाओ ने कराई शानिया मिर्ज़ा की शादी
जय हो
इस देश में जो काम आप आसानी से खुद नहीं कर सकते उस को पूरा करने के लिए एक नया नुस्खा देता हूँ आपको कि अपने किस्से को किसी मिडिया वाले को बुलाकर दे दीजिये और घर में कम्बल तान कर सो जाइए आपके मामले को ये नारद के वंसज इतना बिगाड़ देंगे कि आपको खुद एहसास होगा कि किस चुतियापे में पर गया ! अब देखिये की शानिया मिर्ज़ा पाकिस्तानी से शादी करे या हिन्दुस्तानी से क्या फर्क पड़ता है ! भाई उसकी ज़िन्दगी वह तय करे कि वह कुंवारे से शादी कर रही है या शादी शुदा से... पर भाई टीवी वालो को बर्दाश्त नहीं हुआ कि उनको खाने का कार्ड नहीं मिला ... ऐसी व्यूह रचना कर दी की मुल्ला को उतरना पड़ा और आननफानन में शादी की रश्म पूरी कर दी !
गुरुवार
जब कोई बात बिगड़ जाए
जय हो
आप माने या ना माने पर यह सच है की जब कोई बात बिगड़ जाए तो जीना आसान नहीं रह पाता! अब देखिये ना भाई की बुलंदी ... कभी आसमान पर तो कभी खजूर पर ! जो कभी सलाम ठोकते थे आज उनको भाई सलाम ठोकता है ! आखिर भाई करे भी तो क्या ... ज़िन्दगी आसान नहीं रह गयी है ! भाई का भाई भी दुर्दीन का शिकार है ... भले ही भाई अपने बड़े भाई को नहीं जानता हो ... सब गोवा की माया है ...!पर भाई भी कम बड़े खिलाडी नहीं है ... मुंबई के डान भाई लोग भी पानी माँगा ... सलाम किया ... चाय पानी पूछा ... पर भाई के हाथ कमान क्या आया भाई ने बजा दिया ... सब की ... कोई बच नहीं पाया ... मौक़ा मिला और सबने ऐसा बजाया कि भाई सीधे अपने घर में गिरा ! फिर से उठने की कोशिश में जुटा और मटन पार्टी शुरू !
वैसे भाई बहुत बड़ा ज्ञानी है ... कद ज्ञानी जैल सिंह की तरह.. आप मिलिए ना बिना मर्ज पूछे आपको कई दवाई बता देगा कि किसको कैसे पटकना है ... ज्ञान की तो जय !स्टेसन पर लड़की के कारण झगडा किया और नसीहत किसी और को दिया ... माँ बहन हुआ ... तो कालर झाड चल दिया ... मैंने सुना ही नहीं ! बिलकुल गिन्जन की तरह ... मालूम है या नहीं गिन्जन आजकल दिल्ली में है .. बाट लगा दिया दिल्ली ब्रांड ने ... पता चला कि नयी एंकर को घर पर बुला कर ट्रेनिग दे रहा था पता चल गया .... रांची भेजा गया तो वहां पहले से काम कर रहे लोंगो को आपस में लड़ा दिया और पहले से काम कर रही एक लडकी को पटाने में लग गया है .... यह तो गिन्जन का खेल है तो वही भाई दिल्ली ब्रांड ने तो तूफ़ान मचा दिया है एक एंकर सब जगह जा कर उससे निजात पाने की बिनती कर रही है ... अब दिन में नहीं रात को बुलाता है ... कहता है कि बॉस ने कहा है मस्ती करने को !
तो जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ ... पर यहाँ तो नाला में बैठ गंगा का मज़ा ले रहा है गुल्लर सब !
जय हो
आप माने या ना माने पर यह सच है की जब कोई बात बिगड़ जाए तो जीना आसान नहीं रह पाता! अब देखिये ना भाई की बुलंदी ... कभी आसमान पर तो कभी खजूर पर ! जो कभी सलाम ठोकते थे आज उनको भाई सलाम ठोकता है ! आखिर भाई करे भी तो क्या ... ज़िन्दगी आसान नहीं रह गयी है ! भाई का भाई भी दुर्दीन का शिकार है ... भले ही भाई अपने बड़े भाई को नहीं जानता हो ... सब गोवा की माया है ...!पर भाई भी कम बड़े खिलाडी नहीं है ... मुंबई के डान भाई लोग भी पानी माँगा ... सलाम किया ... चाय पानी पूछा ... पर भाई के हाथ कमान क्या आया भाई ने बजा दिया ... सब की ... कोई बच नहीं पाया ... मौक़ा मिला और सबने ऐसा बजाया कि भाई सीधे अपने घर में गिरा ! फिर से उठने की कोशिश में जुटा और मटन पार्टी शुरू !
वैसे भाई बहुत बड़ा ज्ञानी है ... कद ज्ञानी जैल सिंह की तरह.. आप मिलिए ना बिना मर्ज पूछे आपको कई दवाई बता देगा कि किसको कैसे पटकना है ... ज्ञान की तो जय !स्टेसन पर लड़की के कारण झगडा किया और नसीहत किसी और को दिया ... माँ बहन हुआ ... तो कालर झाड चल दिया ... मैंने सुना ही नहीं ! बिलकुल गिन्जन की तरह ... मालूम है या नहीं गिन्जन आजकल दिल्ली में है .. बाट लगा दिया दिल्ली ब्रांड ने ... पता चला कि नयी एंकर को घर पर बुला कर ट्रेनिग दे रहा था पता चल गया .... रांची भेजा गया तो वहां पहले से काम कर रहे लोंगो को आपस में लड़ा दिया और पहले से काम कर रही एक लडकी को पटाने में लग गया है .... यह तो गिन्जन का खेल है तो वही भाई दिल्ली ब्रांड ने तो तूफ़ान मचा दिया है एक एंकर सब जगह जा कर उससे निजात पाने की बिनती कर रही है ... अब दिन में नहीं रात को बुलाता है ... कहता है कि बॉस ने कहा है मस्ती करने को !
तो जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ ... पर यहाँ तो नाला में बैठ गंगा का मज़ा ले रहा है गुल्लर सब !
जय हो
मंगलवार
ना घर के ना घाट के
जय हो
सबसे बड़ा खिलाडी कौन ... जरा दिमाग पर जोर डालिए ! कोई मिला ... नहीं मिला ... अब दिमाग पर जोर नहीं प्रेसर डालिए ... मिल गया होगा उत्तर ! तो बंधुवर खिलाडियों के दौर में जो खिलाडी नहीं बन पाए उन्हें अनाड़ी नहीं चूके हुए महारथी कहा जाता है ! अब देखिये ना बिहार के सी एम नीतीश कुमार को पत्रकारों ने महिला बिल मामले पर घेरना चाहा ... विधान सभा से लेकर मौर्या होटल तक ... लेकिन खिलाडियों ने तय कर दिया की सी एम अभी नहीं बोलेंगे ! सी एम को भी लगता है की फ्री का प्रेस अटैची ... हर जगह मौजूद ... बाथरूम से विधान सभा तक ... अच्छा लगा सो एकदम साथे रख लिए है ! खिलाडी भी खुश ... अधिकारी नाराज़ ... गोटी सेट करने लगा है ! खिलाडी को पता नहीं की भाई यहाँ फूट्वौल तो ठीक कि अभी आप खेल रहे है पर यहाँ के बाबू लोग धोबिया पाट में मास्टर डिग्री धारक है ! एके बार में चारो खाने चित्त ! पर खिलाडी भी क्या करे ! टीम में और भी है पर भडोसा किसी पर नहीं कर सकता ... सबके सब ताक में लगे है मौक़ा लगा नही की गला रेतने चूकेगा नहीं ! सो पहले से ही अलर्ट है ! टीम के मेंबर भी चाह रहा है की एक बार चमचा संस्कृति से यह चुके कि बस ....! चमचा नहीं चरण वंदना के नयी पद्धति ला देगा ! इसके लिए कमर कस चुका है! अब देखिये ना चमचा संश्कृति को जानने के लिए भाई नदीम ने प्रेस संश्कृति को ही बेच दिया ... चाँद पैसो की खातिर भाई ने ठेका लिया पैसा बचाया और माँ बहन की गाली खाया ! और तो और अपने आका को भी गाली सुनवाया ! जय हो इसी परंपरा की अब पूछ भी हो रही है ! विधान सभा में सी एम मीडिया के कैमरा मैन को देखेंगे और चेहरा घुमा चल देंगे जैसे दोयम दर्जे के लोंगो को देख लिया ! अरे भाई अभी चेहरा घुमाइए ना अक्तूबर के बाद ये भी कैमरा का रुख मोड़ लेगा तब टन टना जाइयेगा ! इस लिए भूल मत कीजिये खिलाडी तो ऐसे ही ऐसे खेल खेलता रहेगा ! क्योंकि बेचारे के पास मिडिया का कम अब नहीं है अब सिर्फ मैनेज का काम है और यह टीम के चेले कर ही रहे है ! तो इसी बात पर जोर से बोलिए भाई खिलाडी की जय !
सबसे बड़ा खिलाडी कौन ... जरा दिमाग पर जोर डालिए ! कोई मिला ... नहीं मिला ... अब दिमाग पर जोर नहीं प्रेसर डालिए ... मिल गया होगा उत्तर ! तो बंधुवर खिलाडियों के दौर में जो खिलाडी नहीं बन पाए उन्हें अनाड़ी नहीं चूके हुए महारथी कहा जाता है ! अब देखिये ना बिहार के सी एम नीतीश कुमार को पत्रकारों ने महिला बिल मामले पर घेरना चाहा ... विधान सभा से लेकर मौर्या होटल तक ... लेकिन खिलाडियों ने तय कर दिया की सी एम अभी नहीं बोलेंगे ! सी एम को भी लगता है की फ्री का प्रेस अटैची ... हर जगह मौजूद ... बाथरूम से विधान सभा तक ... अच्छा लगा सो एकदम साथे रख लिए है ! खिलाडी भी खुश ... अधिकारी नाराज़ ... गोटी सेट करने लगा है ! खिलाडी को पता नहीं की भाई यहाँ फूट्वौल तो ठीक कि अभी आप खेल रहे है पर यहाँ के बाबू लोग धोबिया पाट में मास्टर डिग्री धारक है ! एके बार में चारो खाने चित्त ! पर खिलाडी भी क्या करे ! टीम में और भी है पर भडोसा किसी पर नहीं कर सकता ... सबके सब ताक में लगे है मौक़ा लगा नही की गला रेतने चूकेगा नहीं ! सो पहले से ही अलर्ट है ! टीम के मेंबर भी चाह रहा है की एक बार चमचा संस्कृति से यह चुके कि बस ....! चमचा नहीं चरण वंदना के नयी पद्धति ला देगा ! इसके लिए कमर कस चुका है! अब देखिये ना चमचा संश्कृति को जानने के लिए भाई नदीम ने प्रेस संश्कृति को ही बेच दिया ... चाँद पैसो की खातिर भाई ने ठेका लिया पैसा बचाया और माँ बहन की गाली खाया ! और तो और अपने आका को भी गाली सुनवाया ! जय हो इसी परंपरा की अब पूछ भी हो रही है ! विधान सभा में सी एम मीडिया के कैमरा मैन को देखेंगे और चेहरा घुमा चल देंगे जैसे दोयम दर्जे के लोंगो को देख लिया ! अरे भाई अभी चेहरा घुमाइए ना अक्तूबर के बाद ये भी कैमरा का रुख मोड़ लेगा तब टन टना जाइयेगा ! इस लिए भूल मत कीजिये खिलाडी तो ऐसे ही ऐसे खेल खेलता रहेगा ! क्योंकि बेचारे के पास मिडिया का कम अब नहीं है अब सिर्फ मैनेज का काम है और यह टीम के चेले कर ही रहे है ! तो इसी बात पर जोर से बोलिए भाई खिलाडी की जय !
शनिवार
हमारी भी जय जय : उनकी भी जय जय
जय हो
खबर पर निगाह रखने वालो सावधान तुम पर पड़ गयी है अब शैतान की नज़र ! घूरता रहता है ... पीछा करता है ... और पहचान कर रहा है पत्रकारिता के गुनाहगारो को... जिन लोंगो ने बदनाम कर दिया है ... बेच दिया सड़क पर बेशर्मो की तरह ... जिससे खाते रहे नमक उसी से नमक हरामी करने वालो ... चेत जाओ ... क्योंकि सच का सामना तो तुम नहीं कर सकते ... तुम तो किसी को भी अपने स्वार्थ के लिए बेच सकते हो !
आप भी यकीन करिए की आजकल पत्रकारिता में करोड़ पति बनाने का ख्वाब देखने वाले एक नहीं कई है ! किसी भी कीमत पर ... कलम बेचकर हो या .... ? सब कर सकते है !आकर तो देखिये पटना ! सब पता चल जाएगा ! कोई हर शनिवार को महज इसलिए मटन की पार्टी देता है ताकि उसे भाई लोग बड़ा मानता रहे ... तो कोई इस कारण की रात का जुगाड़ हो सके ... और आज भी कई लोग है जो मीडिया को धंधा मान इसलिए रह रहे है कि दूसरा धंधा ना चौपट हो जाए ! पर अरे नाराधर्मी होइहैं वही जो राम रचि राखा !
खबर पर निगाह रखने वालो सावधान तुम पर पड़ गयी है अब शैतान की नज़र ! घूरता रहता है ... पीछा करता है ... और पहचान कर रहा है पत्रकारिता के गुनाहगारो को... जिन लोंगो ने बदनाम कर दिया है ... बेच दिया सड़क पर बेशर्मो की तरह ... जिससे खाते रहे नमक उसी से नमक हरामी करने वालो ... चेत जाओ ... क्योंकि सच का सामना तो तुम नहीं कर सकते ... तुम तो किसी को भी अपने स्वार्थ के लिए बेच सकते हो !
आप भी यकीन करिए की आजकल पत्रकारिता में करोड़ पति बनाने का ख्वाब देखने वाले एक नहीं कई है ! किसी भी कीमत पर ... कलम बेचकर हो या .... ? सब कर सकते है !आकर तो देखिये पटना ! सब पता चल जाएगा ! कोई हर शनिवार को महज इसलिए मटन की पार्टी देता है ताकि उसे भाई लोग बड़ा मानता रहे ... तो कोई इस कारण की रात का जुगाड़ हो सके ... और आज भी कई लोग है जो मीडिया को धंधा मान इसलिए रह रहे है कि दूसरा धंधा ना चौपट हो जाए ! पर अरे नाराधर्मी होइहैं वही जो राम रचि राखा !
सोमवार
यह भी ठीक नहीं है
जय हो
पटना के पत्रकारों को प्रेस क्लब की होली मुबारक हो ! कितना अच्छा लगा जब जमकर डांस और दारु और गुलाल के बाद एक दुसरे की पिटाई का आनंद हैं ना मजेदार ! तो भाई साहब ये लोग पत्रकार है ख़ास करके अपने को समाज के चौथे पंक्ति के नंबर वन के दावेदार ! भाइयों ने फ्री का इतना दारु पी लिया था की होश खो बैठे थे ! कुर्सी छोड़ जमीनपर बैठ कर पीने का आनंद भी लिया और लग रहे वल्गर ठुमके का चक्षु आनंद भी ! कोई चुकने को तैयार नहीं ! असल में पूरी कहानी आपको ऐसे समझ में नहीं आएगी तो कद्रदान भाइयो कि करतूत जानने के लिए पूरी कहानी सुन लीजिये !
कहानी की शुरुवात है २७ फरबरी २०१० से ! देश के सबसे तेज़ चैनल में काम करने वाले कैमरा मैन नदीम आलम ने एक मीडिया कंसल्टेंसी कम्पनी को मीडिया मिलन कराने कि जिम्मेवारी ली ! जगह तय किया गया वही पटना प्रेस क्लब की बिल्डिंग ! बैंक रोड स्थित इस भवन को अभी भी बिहार का भवन निर्माण विभाग ही देख रेख कर रहा है सो भाई नदीम आलम ने अपने चैनल के नाम पर मंत्री से मिलकर एक दिन के लिए ले लिया ! पटना के पत्रकारों को एसएमएस भेज कर निमंत्रण दिया गया ! भाई लोग पहुंचे तो खुलासा हुआ कि यह किसी कंपनी का लौन्चिंग पार्टी है भाइयों को होली मिलन के नाम पर बुलाया गया है ! भाइयो ने फ्री में दारु मुर्गा देखा और देखा सलाम कि फूहर नाचने वाली लड़की कि भाइयो के लार टपकने लगा ! खुद तो आये ही जिनको नहीं बुलाया उसको भी बुला लिया aaja अरे चोखा पार्टी है फ्री में सब ...........! खबर पाते ही भाइयो ने दौड़ लगा दी ! जमकर पीने का प्रोग्राम शुरू ! खूब पीया ! इतना पीया कि याद ही नहीं रहा की भाई पासपोर्ट ब्रांड है ! चढ़ेगा तो सब कुछ उतार लेगा ! हुआ भी वही ! पहले माँ बहन ... फिर दारु के बोतल तोड़ी ... फिर प्लेट ! आयोजक भाइयो ने फिर इन पत्रकार भाइयो ko तोडना शुरू किया ! दे दना दन.... सब उतार दिया ... माफ़ी मांग कर भागे ! सुबह हुई तो पिटाई कि याद आ गयी ... बस फिर पहुँच गए खोजने आयोजको को ... और फिर दे दना दन ... इन लोंगो ने भी उतारी !
तो बनने के पहले ही प्रेस क्लब बिल्डिंग का लच्छन ठीक नहीं है ! शुरू से विवाद ! अब विवाद के साथ .... ? याद रखना भाई यह है पटना का पत्रकार और उसके प्रेस क्लब की बिल्डिंग ... ग्रह नक्षत्र दिखा लो भाई नहीं तो सकी होगी ...........!
जय हो
पटना के पत्रकारों को प्रेस क्लब की होली मुबारक हो ! कितना अच्छा लगा जब जमकर डांस और दारु और गुलाल के बाद एक दुसरे की पिटाई का आनंद हैं ना मजेदार ! तो भाई साहब ये लोग पत्रकार है ख़ास करके अपने को समाज के चौथे पंक्ति के नंबर वन के दावेदार ! भाइयों ने फ्री का इतना दारु पी लिया था की होश खो बैठे थे ! कुर्सी छोड़ जमीनपर बैठ कर पीने का आनंद भी लिया और लग रहे वल्गर ठुमके का चक्षु आनंद भी ! कोई चुकने को तैयार नहीं ! असल में पूरी कहानी आपको ऐसे समझ में नहीं आएगी तो कद्रदान भाइयो कि करतूत जानने के लिए पूरी कहानी सुन लीजिये !
कहानी की शुरुवात है २७ फरबरी २०१० से ! देश के सबसे तेज़ चैनल में काम करने वाले कैमरा मैन नदीम आलम ने एक मीडिया कंसल्टेंसी कम्पनी को मीडिया मिलन कराने कि जिम्मेवारी ली ! जगह तय किया गया वही पटना प्रेस क्लब की बिल्डिंग ! बैंक रोड स्थित इस भवन को अभी भी बिहार का भवन निर्माण विभाग ही देख रेख कर रहा है सो भाई नदीम आलम ने अपने चैनल के नाम पर मंत्री से मिलकर एक दिन के लिए ले लिया ! पटना के पत्रकारों को एसएमएस भेज कर निमंत्रण दिया गया ! भाई लोग पहुंचे तो खुलासा हुआ कि यह किसी कंपनी का लौन्चिंग पार्टी है भाइयों को होली मिलन के नाम पर बुलाया गया है ! भाइयो ने फ्री में दारु मुर्गा देखा और देखा सलाम कि फूहर नाचने वाली लड़की कि भाइयो के लार टपकने लगा ! खुद तो आये ही जिनको नहीं बुलाया उसको भी बुला लिया aaja अरे चोखा पार्टी है फ्री में सब ...........! खबर पाते ही भाइयो ने दौड़ लगा दी ! जमकर पीने का प्रोग्राम शुरू ! खूब पीया ! इतना पीया कि याद ही नहीं रहा की भाई पासपोर्ट ब्रांड है ! चढ़ेगा तो सब कुछ उतार लेगा ! हुआ भी वही ! पहले माँ बहन ... फिर दारु के बोतल तोड़ी ... फिर प्लेट ! आयोजक भाइयो ने फिर इन पत्रकार भाइयो ko तोडना शुरू किया ! दे दना दन.... सब उतार दिया ... माफ़ी मांग कर भागे ! सुबह हुई तो पिटाई कि याद आ गयी ... बस फिर पहुँच गए खोजने आयोजको को ... और फिर दे दना दन ... इन लोंगो ने भी उतारी !
तो बनने के पहले ही प्रेस क्लब बिल्डिंग का लच्छन ठीक नहीं है ! शुरू से विवाद ! अब विवाद के साथ .... ? याद रखना भाई यह है पटना का पत्रकार और उसके प्रेस क्लब की बिल्डिंग ... ग्रह नक्षत्र दिखा लो भाई नहीं तो सकी होगी ...........!
जय हो
शनिवार
भयभीत पत्रकार
जय हो
नेपाल के मीडिया टायकून जमिम शाह की हत्या के बाद लगातार काठमांडू के मीडिया हाउस द्वारा इस हत्या को मीडिया पर हमला बताने की कोशिश करने वाले दो मीडिया ग्रुप को धमकी मिली है की वे जमिम शाह हत्या मामले में इंटरफेयर करना बंद कर दें नहीं तो उनका भी अंजाम बुरा होगा ! यह धमकी निश्चित तौर पर मीडिया को सीमा तक ही काम करने की आज़ादी देने जैसा है ! यह अलग बात है की जमिम शाह पर दाउदइब्राहीम से मिले होने का आरोप था पर २००४ में जमिम ने यह साफ़ कर दिया था की उसका और उसके स्पेस टाइम्स का दाउद से कोई लेना देना नहीं है !
जमिम की हत्या काठमांडू में बिलकुल फ़िल्मी अंदाज़ में कर दी गयी थी और इस हत्या के बाद वहां टेलीविजन ब्रोडकास्टिंग असोसिएसन ने मीडिया की सुरक्षा की मांग की ! पर अभी हाल में कांतिपुर टाइम्स के पत्रकार और पब्लिशर को फोन और मेल से धमकी दी गयी है !
नेपाल में पत्रकार दस सालो बाद मार काट के बाद खुली वादियों में सांस ले रहें है और ऐसे में छोटा राजन हो या दाउद के लोग इन्हें पत्रकारों को धमकाने का कोई अधिकार नहीं है ! क्योंकि पत्रकार तो जमात है कभी मरता नहीं और ना ही मरेगा !
जय हो
नेपाल के मीडिया टायकून जमिम शाह की हत्या के बाद लगातार काठमांडू के मीडिया हाउस द्वारा इस हत्या को मीडिया पर हमला बताने की कोशिश करने वाले दो मीडिया ग्रुप को धमकी मिली है की वे जमिम शाह हत्या मामले में इंटरफेयर करना बंद कर दें नहीं तो उनका भी अंजाम बुरा होगा ! यह धमकी निश्चित तौर पर मीडिया को सीमा तक ही काम करने की आज़ादी देने जैसा है ! यह अलग बात है की जमिम शाह पर दाउदइब्राहीम से मिले होने का आरोप था पर २००४ में जमिम ने यह साफ़ कर दिया था की उसका और उसके स्पेस टाइम्स का दाउद से कोई लेना देना नहीं है !
जमिम की हत्या काठमांडू में बिलकुल फ़िल्मी अंदाज़ में कर दी गयी थी और इस हत्या के बाद वहां टेलीविजन ब्रोडकास्टिंग असोसिएसन ने मीडिया की सुरक्षा की मांग की ! पर अभी हाल में कांतिपुर टाइम्स के पत्रकार और पब्लिशर को फोन और मेल से धमकी दी गयी है !
नेपाल में पत्रकार दस सालो बाद मार काट के बाद खुली वादियों में सांस ले रहें है और ऐसे में छोटा राजन हो या दाउद के लोग इन्हें पत्रकारों को धमकाने का कोई अधिकार नहीं है ! क्योंकि पत्रकार तो जमात है कभी मरता नहीं और ना ही मरेगा !
जय हो
गुरुवार
खबर पक्की है कि बच गए ...
जय हो
राजनेताओं के चक्कर में पत्रकार को नहीं पड़ना चाहिए इससे हमेशा जान जोखिम में रहता है ! अब देखिये ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के बिहार के अध्यक्ष ललन सिंह में दरार क्या पड़ी की भाई पत्रकार लोग खेमा के चक्कर में पड़ गए ! दोनों नेताओ के करीबी माने जाने वाले अखबार और उसके पत्रकार अपनी अपनी गोटी सेट करने लग गए ! पटना से प्रकाशित दैनिक जागरण ने तो मुख्यमंत्री को शराब माफिया का सपोटर बताने के लिए एक खबर ब्रेक किया कि सी एम निवास में घुमने वाले कई नेता करोड़ पति बन गए हैं ! खबर बिहार के आबकारी मंत्री जमशेद अशरफ के उस लेटर को लेकर बनाई गयी जिसमे उन्होंने सी एम को इसे रोकने के लिए कहा था ! यह लेटर उडाई गयी ... और ललन सिंह और सी एम में तना तनी बढ़ गयी ! तहकीकात के बाद पता चला कि पहले इस लेटर को लेकर बिहार के बड़े आई ए एस अफजल अमानुल्लाह कि पत्नी और स्वयंसेवी संस्था चलाने वाली प्रवीण अमानुल्लाह हाई कोर्ट जा चुकी थी और इसे कोर्ट ने ख़ारिज भी कर दिया था ! पर मसला ललन सिंह का फेवर करने का था ! सो खबर छाप कर सरकार की ऐसी की तैसी कर दिया ! सी एम हिल गए ... तो कभी सुपर सी एम माने जाने वाले ललन खिल गए ! पत्रकार सुभाष पाण्डेय की पीठ ठोकी गयी ! पर मामला बिगड़ गया ! पाण्डेय जी का सी एम हाउस में........ नो एंट्री ! खेल ही बिगड़ गया ... अपटी खेत में जान फंस गयी !
वैसे जात जमात तो ठीक है पर पत्रकारिता को इससे दूर ही रखना होगा ! घटनाएं होती है ... आम तो सीख लेते है पर ये बेलगाम घोड़े सीखते नहीं ! अब देखिये पटना में पत्रकारों कि जमात जात , धर्म , कर्म, दलाली , हलाली के साथ ही चलता है ! यहाँ आई ए एस भी ऐसे ही बंटे हैं ! दलाली हलाली का धंधा चोखा बन गया है ! पत्रकार अब सेक्युरिटी एजेंसी चलाने से लेकर होर्डिंग तक टांगने लगे है तो कई लोग अब रिकवरी एजेंट बन गए है .. तो कई अब भी अपराधियों के मुखबीर है ! कई तो लालू ... पासवान और नीतीश कुमार के बीच ख़ुफ़िया एजेंट बन गए है तो कई व्यवसाईयों के लिए काम कर रहे है ! हर का धंधा ... वेतन से काम नहीं चलता ... उपरी चाहिए ... भाई इनका दर्द भी तर्क पूर्ण है कि डाक्टर , वकील , टीचर , का प्रक्टिस है तो ये क्यों चूंके .... मत चूको चौहान ... चूको मत ... लूट लो .. तुम लोंगो से भी भडोसा उठ गया ! लेकिन सलाह यह अखबार को बिकने दो ... तुम सामग्री मत बनो !नहीं तो अभी बचे ... कल बात लग जायेगी !
जय हो
राजनेताओं के चक्कर में पत्रकार को नहीं पड़ना चाहिए इससे हमेशा जान जोखिम में रहता है ! अब देखिये ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के बिहार के अध्यक्ष ललन सिंह में दरार क्या पड़ी की भाई पत्रकार लोग खेमा के चक्कर में पड़ गए ! दोनों नेताओ के करीबी माने जाने वाले अखबार और उसके पत्रकार अपनी अपनी गोटी सेट करने लग गए ! पटना से प्रकाशित दैनिक जागरण ने तो मुख्यमंत्री को शराब माफिया का सपोटर बताने के लिए एक खबर ब्रेक किया कि सी एम निवास में घुमने वाले कई नेता करोड़ पति बन गए हैं ! खबर बिहार के आबकारी मंत्री जमशेद अशरफ के उस लेटर को लेकर बनाई गयी जिसमे उन्होंने सी एम को इसे रोकने के लिए कहा था ! यह लेटर उडाई गयी ... और ललन सिंह और सी एम में तना तनी बढ़ गयी ! तहकीकात के बाद पता चला कि पहले इस लेटर को लेकर बिहार के बड़े आई ए एस अफजल अमानुल्लाह कि पत्नी और स्वयंसेवी संस्था चलाने वाली प्रवीण अमानुल्लाह हाई कोर्ट जा चुकी थी और इसे कोर्ट ने ख़ारिज भी कर दिया था ! पर मसला ललन सिंह का फेवर करने का था ! सो खबर छाप कर सरकार की ऐसी की तैसी कर दिया ! सी एम हिल गए ... तो कभी सुपर सी एम माने जाने वाले ललन खिल गए ! पत्रकार सुभाष पाण्डेय की पीठ ठोकी गयी ! पर मामला बिगड़ गया ! पाण्डेय जी का सी एम हाउस में........ नो एंट्री ! खेल ही बिगड़ गया ... अपटी खेत में जान फंस गयी !
वैसे जात जमात तो ठीक है पर पत्रकारिता को इससे दूर ही रखना होगा ! घटनाएं होती है ... आम तो सीख लेते है पर ये बेलगाम घोड़े सीखते नहीं ! अब देखिये पटना में पत्रकारों कि जमात जात , धर्म , कर्म, दलाली , हलाली के साथ ही चलता है ! यहाँ आई ए एस भी ऐसे ही बंटे हैं ! दलाली हलाली का धंधा चोखा बन गया है ! पत्रकार अब सेक्युरिटी एजेंसी चलाने से लेकर होर्डिंग तक टांगने लगे है तो कई लोग अब रिकवरी एजेंट बन गए है .. तो कई अब भी अपराधियों के मुखबीर है ! कई तो लालू ... पासवान और नीतीश कुमार के बीच ख़ुफ़िया एजेंट बन गए है तो कई व्यवसाईयों के लिए काम कर रहे है ! हर का धंधा ... वेतन से काम नहीं चलता ... उपरी चाहिए ... भाई इनका दर्द भी तर्क पूर्ण है कि डाक्टर , वकील , टीचर , का प्रक्टिस है तो ये क्यों चूंके .... मत चूको चौहान ... चूको मत ... लूट लो .. तुम लोंगो से भी भडोसा उठ गया ! लेकिन सलाह यह अखबार को बिकने दो ... तुम सामग्री मत बनो !नहीं तो अभी बचे ... कल बात लग जायेगी !
जय हो
शुक्रवार
पैसो के लिए मारा मारी
जय हो
हम यह नहीं कहते कि ज़ीने के लिए पैसे नहीं चाहिए पर अपनी अस्मिता को बेच कर या अलग रख कर नहीं करना चाहिए ! इससे कहीं ना कही बदनामी होती ही है साथ ही आपकी इमेज भी टूटती है ! देखिये परम्पराओं का टूटना अच्छा माना जाता है पर छवि पर अंगुली नहीं उठनी चाहिए !वैसे मैंने यह तय किया है कि किसी ख़ास या व्यक्ति विशेष पर इस ब्लॉग में नहीं लिखूंगा ! पर लोंगो कि करतूत से जब हिल जाता हूँ तब अपने को रोक नहीं पाता और लिखना पड़ता है ! अभी की ही कहानी है मौर्य टीवी को लौंच करना था ! पटना के एक टायकून टीवी पत्रकार ने प्रकाश झा और उनकी टीम को अपने बिजनेस का हाल दिखा कर पटना में होडिंग टांगने का ज़िम्मा ले लिया इसके लिए काफी पैसे भी दिए गए ! और अचानक ही पटना के सारे बाज़ार में मौर्य टीवी का होडिंग दिख गया ! पर यह होडिंग एक दुसरे टीवी वाले भी लेना चाहते थे ! उनका भी पटना में अलग मीडिया से जुड़ा धंधा है ! सरकार से लेकर सड़क तक के सारे बिजनेस भाई साहेब लेना चाहते है ! ऊँची बिल्डिंग में ऑफिस है सो सबको अपने नीचे मानते हैं ! लेकिन भाई को यहाँ गच्चा मिल गया ! ब्राहमण ने ब्राहमण को पहचान लिया तो गच्चा तो खाना ही था !पर भाई ने मान लिया मन के भीतर को मन लिया कि हे मन इस बार नहीं तो अगले बार !पर आगे तो इससे अधिक मामला गरम हो गया ! भाई को मौर्य टीवी के लौन्चिंग में शामिल होने के लिए कार्ड भेजा गया भाई के दोस्त पहले ही अन्दर चले गए थोड़ी देर के बाद सी एम आये और तब भाई पहुंचे या बुलाये गए कि भाई आओ सी एम अकेले है कुछ गोटी सेट करना है करलो... भाई भगा आया पर सेकयूरिती वालो ने गेट पर ही रोक लिया ... भाई को गुस्सा आ गया और वहीँ फाड़ डाला कार्ड ... कर दी ऐसी कि तैसी लेकिन किसी के सामने नहीं ..... चुपके से !
है ना मज़ेदाए मशालेदार जायका ! भाई का नाम बताएँगे अगले अंक मे !
आपको एक जानकारी खुलस४मीडिया अब डोट कोम में
जय हो
हम यह नहीं कहते कि ज़ीने के लिए पैसे नहीं चाहिए पर अपनी अस्मिता को बेच कर या अलग रख कर नहीं करना चाहिए ! इससे कहीं ना कही बदनामी होती ही है साथ ही आपकी इमेज भी टूटती है ! देखिये परम्पराओं का टूटना अच्छा माना जाता है पर छवि पर अंगुली नहीं उठनी चाहिए !वैसे मैंने यह तय किया है कि किसी ख़ास या व्यक्ति विशेष पर इस ब्लॉग में नहीं लिखूंगा ! पर लोंगो कि करतूत से जब हिल जाता हूँ तब अपने को रोक नहीं पाता और लिखना पड़ता है ! अभी की ही कहानी है मौर्य टीवी को लौंच करना था ! पटना के एक टायकून टीवी पत्रकार ने प्रकाश झा और उनकी टीम को अपने बिजनेस का हाल दिखा कर पटना में होडिंग टांगने का ज़िम्मा ले लिया इसके लिए काफी पैसे भी दिए गए ! और अचानक ही पटना के सारे बाज़ार में मौर्य टीवी का होडिंग दिख गया ! पर यह होडिंग एक दुसरे टीवी वाले भी लेना चाहते थे ! उनका भी पटना में अलग मीडिया से जुड़ा धंधा है ! सरकार से लेकर सड़क तक के सारे बिजनेस भाई साहेब लेना चाहते है ! ऊँची बिल्डिंग में ऑफिस है सो सबको अपने नीचे मानते हैं ! लेकिन भाई को यहाँ गच्चा मिल गया ! ब्राहमण ने ब्राहमण को पहचान लिया तो गच्चा तो खाना ही था !पर भाई ने मान लिया मन के भीतर को मन लिया कि हे मन इस बार नहीं तो अगले बार !पर आगे तो इससे अधिक मामला गरम हो गया ! भाई को मौर्य टीवी के लौन्चिंग में शामिल होने के लिए कार्ड भेजा गया भाई के दोस्त पहले ही अन्दर चले गए थोड़ी देर के बाद सी एम आये और तब भाई पहुंचे या बुलाये गए कि भाई आओ सी एम अकेले है कुछ गोटी सेट करना है करलो... भाई भगा आया पर सेकयूरिती वालो ने गेट पर ही रोक लिया ... भाई को गुस्सा आ गया और वहीँ फाड़ डाला कार्ड ... कर दी ऐसी कि तैसी लेकिन किसी के सामने नहीं ..... चुपके से !
है ना मज़ेदाए मशालेदार जायका ! भाई का नाम बताएँगे अगले अंक मे !
आपको एक जानकारी खुलस४मीडिया अब डोट कोम में
जय हो
एन.डी.टी.वी. ने शुरू किया पत्रकारिता ट्रेनिग प्रोग्राम
हेड लाइन टुडे और अन्य टी.वी चैनलों की तर्ज़ पर एन.डी.टी.वी. ने ब्राडकास्ट ट्रेनिग प्रोग्राम शुरू करने जा रहा हैं I नए पत्रकारों की फौज तैयार करने की एक कोशिश की जा रही हैं दस महीने का यह ट्रेनिग प्रोग्राम एन.डी.टी.वी. के चर्चित और अनुभव प्राप्त पत्रकारों के द्वारा दिया जायेगा i इसके लिए सभी इक्छुक उमीदवारों को पहले एक लिखित परीक्षा से गुजरना होगा ,जो उमीदवार इस लिखित परीक्षा में सफल होंगे वही साछात्कर में शामिल होंगे I चालीस लोगो का दो बैच अप्रैल और अगस्त २०१० में शुरू होगा जिसके लिए ऑनलाइन फॉर्म ndtvmi.com से डाउनलोड किये जा सकते हैं I फॉर्म की कीमत १०००/- रुपये हैं और पुरे कोर्स का फीस लगभग दो लाख रुपये हैं I उमीदवारों की उम्र २८ वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए I सफल उमीदवारों को ट्रेनिग पूरा करने के पश्चात एन.डी.टी.वी. के अलग अलग चैनलों ( एन.डी.टी.वी इंडिया ,NDTV 24X7, NDTV Profit ,NDTV Good Times ,NDTV Hindu) में इनटर्न के तौर पर नौकरी मिलेगा I पत्रकारिता के अलग अलग आयामों को ट्रेनिग प्रोग्राम के दौरान क्लास रूम और फिल्ड वर्क के द्वारा समझाने की कोशिश की जाएगी I
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