गुरुवार

चोर पुलिस


जय हो



यह तो सच है कि पुलिस को देखते ही कितना बड़ा चोर क्यों नहीं हो उसका फट जाता है ! हुआ भी वही पुलिस जैसे ही चैनल के दरवाज़े पहुंची चोरो ने अपना जुर्म कबूल कर लिया ! यह बता दिया है कि भारत का पूर्व नाम को तोड़ मरोर कर नया नाम पर पटना से खुलने वाले एक चैनल को सारा सोफ्टवेयर बेच दिया है ! इस काम में कई शामिल थे पर चैनल वालो ने दो अनुराग मिश्र और रंजन को ही निकाला वैसे एक धीरज तो पहले से ही भाग कर उस चैनल में काम कर रहा है ! अब सवाल है कि बिहार में एक कहावत पहले से ही हीट ही नहीं फिट भी है ... चोर चोरी से जाय हेरा फेरी से ना जाय ! तो बंधू ,हेरा फेरी कर सोफ्टवेयर पाने वाले चैनल की दशा कितने दिनों की है यह तो सभी जानते है ... क्योंकि इस नए चैनल के नबर दो सर की करामात जाननी हो तो यहाँ नौकरी के लिए इंटरवियू देने आयी को जनाव ने ऐसा न्यूज़ पैक दिया की वह भाग खड़ी हुई ! जनाब ने उसे तरक्की पाने से लेकर नौकरी पाने का जुगाड़ बता दिया और .... मांग लिया ! लोंगो को टीवी पर देखने वाली इस नयी नवेली ने पत्रकारों का इस घिनौने चेहरे को देखा तो सन्न रह गयी ! इस पेशे से ही नफरत कर बैठी ... सब कुछ लुटा दिया ... यह नहीं गाना चाहती थी !

आप कभी फेस बुक पर इस चैनल के एक एंकर को तलाश करिए और इस चैनल के भीतर कैसे फोटो शूट होते है ... मॉडलिंग की ट्रेनिंग मिलती है का खुलासा हो जाएगा !

बहरहाल , चैनल चलाने के लिए यह जरुरी है क्या कि आपको ... आपके साथ मैडम हो ... और हमेशा आप गायें ... मिलाने को जी चाहता है


जय हो

खूब मिलेगा काजू किसमिस

जय हो बिहार में चुनावी डंका क्या बजा नेताओं के साथ दौरा करने वाले पत्रकार और छायाकारो ने अपना फटेला बैग और पुराना कैमरा सरियाना शुरू कर दिया है

खबर है कि इस चुनाव में नया बैग के साथ ही दिवाली गिफ्ट के लिए ये जांबाज़ अभी से तैयारी में जुट गए हैं की किस नेता के साथ कौन फिट बैठेगा
मांसाहारी पत्रकार अब इस फेरे में हैं कि किसी तरह पासवान जी का साथ मिले पर उनके यहाँ अभी से लोहा को सोना बनाने वाले छायाकार जी जाजिम तकिया लेकर बैठ गए है कि किसी की इंट्री नहीं
वैसे पासवान जी के साथ चुनावी दौरा करने वाले पत्रकारों कि कमी नहीं है ! क्या बूढ़े और क्या जवान पत्रकार सबके सब ... उसमे भी जब दौरे में दिवाली आनी हो तब ... अपनी नौ फूट वाली जीभ लपलपा रहे सभी ... मछली भात का अभी से गुणगान हो रहा है




पर चुनावी दौरे में यादव जी भी कम नहीं करते हैं भाई ... लिट्टी और चोखा अरे इस बार तो समझ ही रहे हैं ... ऐलानिया हड्डी खाने का प्रबंध ... पहले से ही कतार लगी है ... पत्रकार ... टीवी पत्रकार ... छायाकार ... कैमरा मैन सबका मन लपलपाय हुआ है
यादव जी की खासियत कहिये कि जो भी साथे गया कि अगले ही दिन ... नंबर वन हो जाता है




वैसे नितीश कुमार के साथ जाने वालो की कमी नहीं है पर यंहा लस्सी और फ्रूट पैकेट से काम चलाना पड़ता है
जगह जगह भाषण की रिकार्डिंग और ऊपर से निकलने वाली थेसिस ... विश्लेषण ...
लेकिन पहलवान , कांग्रेस भी खूब ख़याल इन भाई साहेबो का रखता है
समय पर पैकेट ... समय समय पर सड़क छाप नेताओं का शानदार पार्टी भी मिलती रहती है ... ना रहे शाम बांकी ... ना रहे जाम बांकी ... अगले दिन अखवारो में नेताजी का फोटू छप जाता है !वैसे एक बात है कि ऐसे नेताओं के एहसान तले दबने वाले पत्रकारों की कमी नहीं है ... साप्ताहिक से लेकर दैनिक और नेशनल से लेकर रीजनल तक एकाध बिडले ही है जो नहीं बिके... नहीं तो यहाँ हाट लगा है ... आओ भाई आओ ... पांच हज़ार महीने का पत्रकार ... सात हज़ार महीने का ... एक रेट ... मोलतोल नहीं ... ज़िन्दगी भर बंदगी करेगा ... दलाली का चार पुश्तो का अनुभव !



अब आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा ... और ऐसे ही लोगो की लेखनी पर भरोसा ... ना बाबा ना !ख़याल रखिये समाज से आपकी कोई बात छुपती नहीं ... तो दल्ला क्यों ... पेशे के प्रति समर्पण क्यों नहीं




जय हो