शुक्रवार

और कई है हमार के मालिक के हरम में

जय हो
आसाम से लेकर दिल्ली और वहाँ से पटना और छपरा तक में हमार टीवी के मालिक द्वय ने अपने कई हरम बना रखे है | इन हरम में हर उम्र और हर रंग की रंगीनिया मौजूद है | किसी को नौकरी पर तो किसी को प्रोग्राम की एंकर के नाम पर तो किसी को खुद से भी बड़ा पद देकर ऐयास्सी के लिए रखा है | आप दंग रह जायेंगे की इस कमलापति सिंह ने तो रिश्तो को भी कलंकित कर दिया है | आजकल लड़कियों और महिलाओं को पटाने के लिए यह शख्स पहले बेटी और बहन बनाता है फिर शुरू हो जाता है खेल |
दरअसल , हमार टीवी की शुरुवात के समय यह माना जाने लगा था की इस चैनल से भोजपुरी चैनल को एक नयी राह मिलेगी और भोजपुरी स्पीकिंग लोग कही भी बैठकर देश जवार की खबर देख पायेंगे | पर महिला के साथ विवाद में चैनल का दुर्दिन आ गया और इससे भी सीख नहीं ले पाए कमलापति सिंह | और आज भी अपने हरम को गुलजार रखने के लिए तरह तरह का प्रपंच रच कर हरिया रहें है |
बेहतर पत्रकार और उम्दा टीम के बावजूद हमार टीवी की पहुँच उन दर्शको तक नहीं है जो टी आर पी हैं | कंटेंट भी लोंगो पर प्रभाव छोड़ने में विफल है | कारण साफ़ है कि सारा कंटेंट और आइडिया तो हरम में लग रहा है | चैनल के पत्रकार अभाव के बाद भी हरम की नार को कब्जियाने के फेर में लग गए हैं तो चैनल पर सिर्फ अनिल सुलभ का ही इंटरभिय्यू चलेगा ना |
जय हो

जूता बेचने वाली चैनल की प्रशासक

जय हो
यह कोई कोरी बात नहीं है ... सौ फीसदी सच है ... मैडम सिंह आजकल हमार टीवी में प्रशासक के पद पर बहाल हो गयी हैं | इनके आने से चैनल में बहार आ गया है ... काम करने वाले से लेकर ... क ..पति सिंह भी टनाटन्न है और मस्ती में काम चल रहा है | कोई चिंता नहीं ... कोई फिकर नहीं ... चैनल कर्मी को सही समय पर मुद्रा मिले या नही पर ... मैडम को एडवांस में ही सैलरी और गिफ्ट मिल रहा है | भाई मिले क्यों नहीं ... मैडम है रांची से आयी है ... रांची का पानी चेहरे से छलकता है | सो इनका आदेश आजकल सब मानने को तैयार रहता है ... डांट सुनाने का मतलब ... अगले दिन अकेले में बतियाने का सुख ... सो सब ऊपर वाले की कृपा है |
तो आप कहिएगा की भाई इसमें खबर क्या है ... तो अब खबर बताता हूँ ... मैडम का असली नाम कुछ और है ... असली नाम भी बताना पडेगा क्या ... चलिए उ भी बता देता हूँ ... उषा ... रांची के सबसे महंगा जूता दूकान में थी ... पूमा शॉप ... अब उषा ... शाम की बेला में छवि ... आइना जो ना कराये ... तो छवि बनी रहे सो यही नाम ... कृपा ऊपर वाले की ... कोई तो दोस्त बनाने वाला मिला ... दोस्त बन गयी ... निशब्द ... उम्र मायने नहीं रखता ... बुची को गोद में बैठने का सपना लिए .... छवि की यारी पा धन्य हो गया और बन गयी एक कहानी |
अब देखिये न मैडम मिलन.... सार है ... यहाँ जो ना मिला उ कहते है ना ... भोजपुरी में ... छीनलपाना ... यही विभूषण मिलता है पति सिंह से ... तो आप भी मिल सकते है ... ना तो जाकर ... को डीनेटर ... सर से पूछ लीजिये ... आजकल मैडम का हुकुम से आँखों पर |
जय हो

बर्बाद गुलिस्ता करने को बस एक ही एंकर काफी है

जय हो
सतयुग हो या त्रेता हर समय हर काल में नारद की भूमिका देखी गयी ... नारद ... नारायण ... नारायण का जाप करने वाला यह भक्त हर काल में द्योतक रहा है ... चुगलखोड़ो का ... जिन पर यकीन करना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारकर... विकलांगता का सर्टिफिकेट लेकर... आधे दाम में ट्रेन का सफ़र का मज़ा | पर आप जान लीजिये की हर कोई नारद की भूमिका में नहीं आ सकता ... कइयो के पास अपने से अधिक अपने जमीर का फिक्र है ... तो कई दलाली में इतने डूबे है की उनको और किसी की चिंता नहीं रहती | पर कई ... न न ... सिर्फ कुछ गिने चुने ऐसे है जो सर्व गुण संपन्न है ... इश्वर ने इनकी रचना वीक ऑफ के दिन फुर्सत के साथ की ... कलियुग के सारे गुण विष्णु ने कूट कूट कर इनमे भर दिया | वैसे इनकी पहचान आज की तारीख में करना मुश्किल है पर आपको कुछ टिप्स देता हूँ ... कोशिश कीजिये ... शायद आपके आसपास दिख जाए ... ना दिखे तो पाटलिपुत्र कालोनी के रोड नंबर पांच में जाए ... एक नहीं ... आप गिनते गिनते हैरान परेशान हो जायेंगे |
वैसे इस कलियुगी नारद का चेहरा अंडाकार ... कद में आप ना पड़े ... ये नाटे भी हो सकते है ... कही जगह ये लम्बे भी होते है ... इनकी मूछे अक्सर साफ़ रहती है ... लेकिन कई बार ये लोंगो को भ्रम में रखने के लिए पतले और छोटे मूंछ रखते है ... ये पहचान के भूखे ... और तक़दीर के मारे होते है और इसी कारण काम की जगह भी बेईमानी नहीं छोड़ते ... आप जब इनसे बात करेंगे तो सिद्धांत और संस्कार की जाल में आपको ऐसे उलझा लेंगे की आपका दम निकल जाएगा पर जब इनका असली चेहरा देख ले ... रिपोटिंग में दलाली ... यकीन मानिए ... हम यहाँ उस संस्थान के निदेशक का नंबर छाप दे सकते है ... पर खुलासा का मकसद किसी को जलील करना नहीं वल्कि पत्रकारिता के दलाल को सामने लाना है ताकि वह अपने दलाली से बाज़ आये |
हाँ तो मै कह रहा था की सफ़ेद बाल रखकर खुद को गंभीर मीडिया कर्मी बनने वाले भी इसी श्रेणी में आते है | हालंकि ये लोग चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए है ... नौकरी खुद के टैलेंट पर नहीं झाजी के आरक्षण पर मिल गयी ... एंकर भी बन गए ... और अपनी औकात भूल ... चादर से बाहर पैर निकाल लिए | आपने कभी सीडी या डीवीडी देखा है ... बीच में छेद ... वही कैरेक्टर के ये होते है ... जहाँ रहेंगे वहीँ सारा कुकर्म करेंगे ... थाली क्या .... उसमे भी छेद कर लेंगे ... यकीन नहीं है ... जाकर मिल तो आइये ... पहचान बता दिया ... अब ... हाँ अपने कैरेक्टर के ऊपर एक ब्लॉग भी खोल रखा है ... हाँ याद आया ... अगर इसी पहचान में दाढ़ी वाला मिल जाए तो उस पर भी सौ परसेंट भरोसा मत कर लीजिएगा ... उ तो सबसे आगे ... का कहते है ... चापलूस है ... बेईमानी रग रग में है ... कैसे तो यह कहानी सुन लीजिये ...
बढ़ी दाढ़ी लेकर डाक्टर के यहाँ गया ... डाक्टर आपकी ही तरह था ... फेर में आ गया ... दार्शनिक समझ बैठा ... बिना फीस का इलाज कर दिया ... दोस्ती हो गयी ... बाद में अगले ही दिन से डाक्टर के पास इसका मरीज़ आने लगा ... फ्री में इलाज़ ... डाक्टर ने पता किया ... अरे भाई ... इ तो फीस अपने लेता था और रिलेटिव बनाकर इलाज़ करता था ... समझ गए |
जय हो

आरक्षण में आरक्षण विवाद है ही नहीं ... सबका वीप बजा दिया झा जी

जय हो
एक कहावत है ना ... हिंग लगे ना फिटकरी रंग चोखा ... सो प्रकाश झा ( भाई जी ) ने बिना दाम लगाए फिल्म का ऐसा प्रचार कर दिया की बिग बी चित्ते पर गए है | कभी सोचा भी नहीं था की बिना फिल्म देखे नेता फिल्म के बारे इतना जान लेंगे | सिर्फ एक संवाद को प्रोमो में डाल ऐसा पासा डाला की का नेता और का अभिनेता ... सब पट्टे... समझ ही नहीं पा रहा है की भाई जी के पास दिमाग कितना है ... कोइयो नहीं समझ पाया तो पुनिया जी समझेगे ... भाई जी के दिमाग के बारे में जानना हो तो दुइये गो लोग आपको बता सकता है ... एक दीप्ती नवल और दूसरा प्रभात झा | एक पत्नी और दूसरा भाई | बांकी सब ... झुमरी तिलैया ... |
तीन राज्य ने फिल्म को बैन कर दिया ... पटना में सिनेमा हॉल के बाहर पुलिस ... दर्शक ... तीन तेरह में ... कहीं बहरे से कुछ कर दिहिस त ... जय हो ... ठीके बोला था ... नाग का इलाज़ है पर मैथिल ... उसमे भी ब्रह्मण ... डसेगा एक बार ... असर ... जगह जगह ... भाई का नहीं हुआ तो लालू और पासवान का होगा ...अरे इसी पासवान ने तो इस फिल्म का आइडिया दिया था ... चुनाव भले हार गए पर आरक्षण नहीं भूले |
कोई बात नहीं ... अबकी आयें तो ... सवाल अक्के गो ... आजतक छोड़े किसको ... ?
 

सोमवार

पत्रकार बड़े हरकत छोटी ... विज्ञापन के लिए चिरौरी

जय हो




एक कहावत है ... उसकी दुम को बारह साल तक ... बारह फीट लम्बे पाइप में ... बारह फीट नीचे धरती में गाड देंगे ना तो पाइप भले टेढ़ी हो जाय ... दुम नहीं सीधा होगा ... यही हाल है पटना के बड़े हैसियत वाले पत्रकारों का
हैसियत जितनी बढ़ी हरकत ... शर्मशार करने वाला
कम्पनी की मोटी रकम ने चमड़ी को ... गेंडा की खाल की तरह मोटा कर दिया है ... इसका अंदाजा उनको नहीं है और... वो भी देखता होगा तो यही सोचता होगा ... यार ये पत्रकार भी शरीफों के खाल में बेईमान है




अब पटना के ऐसे ही कुछ पत्रकारों की आँखों में आजकल ... डेली एक ही सपना तैरता आपको दिखेगा... वह ... माफिया बनना... या माफियागिरी कर अरबपति बन जाना ... इसके लिए जो भी कुकर्म करना पड़े ... कर्म तो ये करेंगे नहीं पर इनके कुकर्म की बानगी पटना के मौर्या होटल उस दिन दिख गया
भाई लाईट कुमार को तेल कंपनी का विज्ञापन चाहिए ... अरे सबसे ऊँची बिल्डिंग से वे अपनी एक पत्रिका निकलते है मैगज़ीन निकलता है उसी के लिए ... कलरफुल पत्रिका के लिए विज्ञापन ... तो भाई आप इसके लिए एक एजेंट रखिये ,,, खुदे पहुँच जाइयेगा ... अपने पहुँच भी गए ... मंत्री से आँखों ही आँखों में इशारा हुआ ... कार्यक्रम ख़त्म ... लाईट कुमार जी मंत्री जी के पास पहुंचे और ... पैरवी ने काम कर दिखाया और अब ... अगले अंक में विज्ञापन देख लीजिएगा




यह सिर्फ एक बानगी है ... यहाँ के बड़े हैसियत वाले पत्रकारों का चरित्र चित्रण करना शुरू करूँ तो रामायण से मोटी किताब लिखा जाएगा ... अब आप सोचिये ना की पटना के ये पत्रकार ठेकेदारों का सिंडिकेट बना चुके हैं और पैरवी कर टेंडर लाते है और दलाली लेकर सिंडिकेट को काम दिया जाता है
इसके लिए इन्हें सिर्फ आई ए एस लॉबी को पटाने का जिम्मा है
इस काम का सारा खर्च भी सिंडिकेट उठाता है और पार्टी अलग
आप पता कर लीजिये की अभी सबसे अधिक और सबसे बड़ा काम... सरकारी... मोबाइल कंपनी ... रेलवे कैंटीन ... सब जगह ... मत पूछो कहाँ कहाँ ... ये मिलेंगे हर जगह ...




बरखा दत्त की राह पर ये बड़े पत्रकार अब अलग अलग दफ्तर भी चला रहे है जहाँ फीस लेकर काम दिलवाने की पूरी गारंटी




जय हो













खबर है सनसनीखेज

जय हो




इनदिनों भाई जी के चैनल में कुछ और भी चल रहा है . हम आपकी तरह घुमा फिराकर बात नहीं करते सो सीधे कह रहे है की ..मौर्या टीवी में इनदिनों प्यार का मौसम चल रहा है . पहले से तो लग ही रहा था ... अब नया मामला है मैडम जी का . मैडम जी का प्यार इन दिनों अपने बाजू वाले नेशनल चैनल के मुनि नाम वाले एक कैमरा मैन से चल रहा है और आप कभी भी दोपहर में भाई जी के चैनल के ठीक पीछे एक ही बिल्डिंग में चल रहे दो चैनल में से एक चौबीस घंटे में जायेंगे तो सब कुछ साफ़ हो जाएगा
रिपोटर गया तेल लेने पर यह दबंग कैमरा मैन मैडम के साथ कभी खाना खाते तो कभी गप्पे लड़ाते मिल जाएगा
आपको यकीन नहीं है ... आप इसके नंबर की जांच करा ले ... सब सामने आ जाएगा ... खाना तो दूर ... वो भी ... समझ गए ना साथ में
अब मैडम जी कौन हैं ... मै आपको बता देता हूँ ...



वही जो पिछले महीने इंडिया न्यूज़ छोड़कर मौर्या टीवी में आई है ...आते ही गरमा गया है मौर्या का मौसम . आपको बता दे की कि दिल्ली छोड़ जब से पटना आई है...मत पूछिए एक नहीं कई दीवाने बना लिए है . एक दीवाना है भाई जी के चैनल के पीछेवाला चौबीस खबर घंटा दिखने का दावा करने वाला नेशनल चैनल ... उसमे काम करने वाला कैमरामैन है मुनि जी . बेचारा चिपकू की तरह पीछे पीछे घूमता रहता है . पता नहीं... शादी के सपने देखता है या ...की ...हम नहीं बोलेंगे ... हम बोलेगे तो बोलेगा की बोलता है ... घर से लाना... और फिर घुमाना ... मौर्या टीवी पहुंचाना ... अरे रुकिए महराज ...घर पहुन्छाने का भी जिम्मा लिया है
पता है काहे ... पत्रकार पुत्र है ना
कलाई में लाल धागा ... ऊपर से फ्रेंड शिप बैंड... ऐ महराज ... लड़का है ना ... हिल तो जाएगा ना ... हिलेगा ... तो हिला देगा
और पटना के घंधी मैदान में बेचारे झाजी को अइसा हिलाया की दुसरे झाजीवा का तो ... ? सूरमा है ... कोई नहीं आप नहीं डरिये... चित्रगुप्त जी के परिवार से है ... हवा पानी टाईट है
और उस दिन ... ऐ महराज इ त गजबे कर दिया था ...



मैडम जी के लिए कईयों से बांस बल्ला लेकर लड़ा और गाली खाया ... सबको खिलाया .. . खैर जब से मैडम मौर्या में आई है ...इस दीवाने की तो बांछे खिल गई है . क्योंकि भाई जी के चैनल के बाजू में ही तो है इस दीवाने का दफ्तर . काम धंधा छोड़कर लगा रहता है मैडम जी की तीमारदारी में . दफ्तर से घर पहुचने जाता है .तो मंदिर के पास अंगूर... संतरा खिलाता है
एक दिन कुछ लोगो ने देख लिया एक ने कहा ...अंगूर खिलाने से नहीं चलेगा ..खिलाना है तो अनार खिलाओ ... हाईट के सात टाईट होगा प्यार ...खैर..दीवाना हर वक़्त उसके आगे पीछे मंडराता रहता है ..कई बार लोगो ने अँधेरे में दोनों को देखा है क्या होता है यह हम नहीं कहेंगे ... फिर वही बात ... बोलेंगे तो बोलेगा की बोलता है ... पर आपको बता दे की मैडम जी से पहले भी यह एक और मैडम जी के लिए फाइटिंग कर चुका है ... वू मैडम अब इसको भाव नहीं देती सो बेचारा मन से दुखी हो गया ... कई जगह नोक किया ... पर उफ़ ... मुनि जी को .... का बताये .... लेकिन दीवाना ऐसा की हर दर्द समझता है सो इ मैडम हाथ से ना निकल जाए सो ...गेम प्लान से लेकर ... डे प्लान... फिर तो स्टोरी पूरी करवाने तक ...पिछले दिनों उसका ब्यूरो रांची गया लेकिन वह नहीं गया ...एक बहाना बनाकर ... ना रे भाई सब डरता है हैं ना ...तिवारी जी साथ हैं तो का गम है ...और फिर तो... जमकर हुआ ऐश मौज .... नास्ता खा लो .... देखो ना वो मेरी स्टोरी रोक देता है ... उसको तो ... अच्छा रुको ना शीशे फोड़ देंगे .... यहाँ उ भी देखते है ... अरे किसी की गा ...में दम है ...यही नहीं दीवाना अब मौर्या में वैसे उन सभी को निशाने पर लेने लगा है जिससे मैडम जी को परेशानी है ...भाई जोड़ी हो तो ऐसी
कैसी लगी यह संतरा अनार का प्यार
लेकिन रहिये खबरदार ... गाली देगा ... जो घर से सिख कर आता है ... हेल्लो .... सुन लिए ना ... बाय




जय हो















इस महीने हाफ ... अगले महीने होगा साफ़ ... फिर क्या करेंगे आप ... बजायेंगे घडी घंटा

जय हो




इस महीने हाफ ... यानी देश लाइव में इस महीने आधी सैलरी दी गयी है
पिछले मार्च से ऑफ एयर इस चैनल को ऑन करने के लिए लगातार कोशिश जारी है और इसके करता धर्ता से बात के बाद ऐसा लगता है की किसी भी क्षण यह चैनल टीवी सेट पर दिख जाएगा पर इस कोशिश के कामयाबी पर चैनल कर्मी को संदेह है ! कारण अब तक चैनल में काम काज तो चल ही रहा है पर प्रबंधन ने आधी सैलरी देकर इस बात पर मुहर लगा दिया है कि इस महीने हाफ ... अगले महीने साफ़ ... फिर बजेगा ... घडी घंटा




जी हाँ आधी सैलरी को लेकर जब चैनल के कर्मी वरीय प्रोड्यूसर मुकेश महान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे अभी छुट्टी पर थे उन्हें पूरी जानकारी नहीं है
वहीँ चैनल के एक सूत्र ने कहा कि इस बार चैनल स्टाफ को सैलरी देने के मूड में प्रबंधन नहीं था क्योंकि चैनल कर्मी ऑफ एयर के दौरान अपने कर्तव्य का निर्वहन ठीक से नहीं किया ... पर चैनल के दुसरे निदेशको के कहने के बाद आधी सैलरी दी गयी है




हालांकि चैनल लौंच करने की जद्दोजहद जारी है ... वही चैनल कर्मी आधी सैलरी पाकर यह तय मान रहे है कि अगले महीने ... साफ़ ... सर्फ़ एक्स़ल की तरह झकझकाने के आसार है
अब चैनल के लोग पास के बांसघाट के काली मंदिर से घडी घंटा लाने की तैयारी में हैं ... बजायेंगे घडी घंटा




जय हो

मंगलवार

मौर्या टीवी में सलारी बढ़ी... गार्ड हटाये गए ... नए चैनल हेड आयेंगे

जय हो
भाई जी ने अपने चैनल कर्मियों की सैलरी बढ़ाने का फैसला कर लिया है | दो दिन से पटना में मौजूद भाई जी असल में आये हैं मुख्यमंत्री से मॉल के उद्घाटन के लिए समय लेने ... इसी बीच भाई जी सैलरी बढ़ाने का फैसला कर लिया और साथ ही भाई जी का दुसरा फैसला ... चैनल के गार्डो पर बज्रपात कर दिया है ... नए फैसले के मुताबिक भाई जी ने गार्ड को एस आई एस ज्वाइन करने का हुक्म सुना दिया है ... भाई जी के इस फैसले से गार्ड नाराज़ है उनका कहना है की चैनल में गार्ड बनाने के लिए उन लोंगो ने भाई जी को तीस हज़ार रुपया दिया था |
अब गार्ड कल से नहीं दिखेंगे ... नंबर माँगने वाला गार्ड भी नज़र नहीं आयेगा पर एक नया आदमी दिखेगा ... चौंक गए ना ... तो जनाब भाई जी ने सम्पादक को बदलने का भी मन बना लिया है और नए सम्पादक के रूप में राकेश शुक्ला मौर्या टीवी को सम्हालेंगे ... पर यह कबसे यह तय नहीं है |
जय हो

चैनल ने बहुत डराया ... एन बी ए को लेटर

जय हो
हरियाणा के सिरसा के पाठक विचार मंच ने एन बी ए को एक लेटर भेजा है की कैसे चैनलों की वजह से दर्शको का जीना मुश्किल हो गया है ! हम उस लेटर को यहाँ हुबहू छाप रहे हैं
पाठक विचार मंच सिरसा (हरियाणा) सेवा में , अध्यक्ष , NBA , नई दिल्ली. मान्यवर महोदय, यह सत्य तो पूरा देश जानता है कि आप किसी भी चैनल का बाल-बांका नहीं कर सकते फिर भी आपका ध्यान दिं 10 मार्च चैनल IBN-7 , 5:30 pm को जिस प्रकार \" महामून \" को लेकर देश को डराया गया की ओर दिलाया जाता है. चैनल ने कहा,\" 19 मार्च तबाही की पूनम होगी , लहरें बेकाबू होंगी , मचेगी तबाही , धरती पर महाविनाश होगा , भूकंप का खतरा , फट सकते है ज्वालामुखी , हो सकता है भयंकर आग लग जाए , समुद्र में हलचल मचाएगा चाँद , चाँद कर सकता है तांडव , हो सकता है शहर पानी में बह जाए \". लेकिन इस घिनौनी / डरावनी चेतावनी के पाप का ठीकरा 28 मार्च को 8:00pm \" विनोद दुआ लाइव \" कार्यक्रम में चैनल NDTV india ने देश के संत , महात्माओं के सिर पर फोड़ने का स्तरहीन कार्य किया. चैनल कर्मी विनोद दुआ को संत महात्माओं पर झूठे आरोप लगाने के संस्कार कहां से मिले , माता-पिता से या कहीं ओर से ये भी हम आपके माध्यम से जानना चाहते है. दिं 30 मार्च 2011. आदर सहित , आर.के. बिश्नोई गली नo - 4 , कंगन पुर रोड , सिरसा ( हरियाणा ) विनोद नरूला , मोहित खरबन्दा , राज कुमार , नितिन चंद्रपाल , मनमीत शर्मा , राकेश ककड़ , उमेश सूर्यवंशी , गौरव राजोरा , अशोक , अभिजीत नागेन्द्र पटवा
आप अंदाजा कर लीजिये की चैनलों के खिलाफ आम लोग अब आवाज़ उठाने जा रहे हैं |
 

शनिवार

मौर्या में फेरबदल ... पांड़े जी इनपुट लौटे

जय हो
मौर्या टीवी में कुमार जी ने फिर उलटा पलटी कर दिया है ... पनिशमेंट में आउट पुट की ड्यूटी पर तैनात किये गए पांड़े जी के लिए राहत की खबर है ... पांड़े को फिर से इनपुट तो प्यार जी को आउट पुट भेज दिया गया है ! हालांकि इसके साथ ही अभी तक नाईट ड्यूटी से बचने वाले को साप्ताहिक नाईट ड्यूटी पर जाने के आदेश भी जारी कर दिए गए है ! नाईट ड्यूटी से सिर्फ प्यार जी और लड़कियों को बड़ी किया गया है |
खबर ने प्यार जी को जहाँ फिर से जान सांसत में डाल दिया है वही पांड़े बेल्बोटअम उछल कर नाच रहा है ... साथ में नयनसुख के लिए एक नया टंटा है की पांड़े अब उसे नहीं छोड़ेगा ... कन्या प्रेम से लबरेज उसके डेढ़ फिट्टा सीने को छलनी करने के लिए बाहर गेट पर फोटो चिपकाने के फेर में है ! तो नयनसुख भी कम नहीं है इंतज़ार में है कि मौक़ा मिला और भांजा श्री को ऐसा ... लेंगे कि फेर खेल उलटा |
जय हो

बुधवार

मौर्या टीवी में लफा शूटिंग में इस्तीफ़ा

जय हो
भाई जी के चैनल की यह दुःख भरी कहानी है ... एक दिन भी बिना विवाद के यह चैनल रह ही नहीं सकता ... असल में चैनल की शुरुवात ही गलत हो गया था | चैनल का गृह प्रवेश गलत पंडित और गलत जजमान ने कर दिया और तब से लेकर अबतक सब ठीक रहते ही अचानक आपस में भाई लोग लफा शूटिंग कर देता है और मामला में इतना झोल आता है की प्रबंधन को सलटाने में ही तेल निकल जाता है | अब देखिये ना मंगलवार को भाई पांड़ेवा ने एक भाई को ऐसे लतियाने की फोन पर कोशिश की बेचारा छुट्टी छोड़ इस्तीफा दे दिया और पांड़ेवा ने इस्तीफ़ा भी स्वीकार कर लिया |अब प्रबंधन की फटी पड़ी है |
मामला हुआ यह की कुमार जी का प्रोग्राम ऐट पीएम में स्प्रीट की मात्र ढंग से डालने के लिए पांड़ेवा ने अजय को बुलाया ... अजय छुट्टी पर था आने से मना कर दिया ... पांड़े जी को गुस्सा आ गया और इस्तीफ़ा मांग लिया ... अजय भी डिब्बा वाला दूध तो पीया नहीं था आकर धमक गया ... पांड़ेवा ने धक्का दे दिया तो अजय ने माँ बहन को ऐसी की तैसी कर पांड़ेवा के मुंह पर इस्तीफ़ा ऐसे फेंका की ...|पांड़ेवा सन्न ... गाली और इस्तीफ़ा दोनों ही ... |
आज प्रबंधन ने कहा की पांड़ेवा कौन होता है इस्तीफ़ा लेने वाला ... मीटिंग ... पांड़ेवा अब फटने की बारी पांड़ेवा की ... फट रहा है |
जय हो

शनिवार

सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का


जय हो

भैय्या की जय हो |सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का... पुराने नाम वाले चैनल में टोपी वाले बाबा ने कमान संभाल है...ला...की तो पौ बारह हो गई है...कोई किसी को टेरवे नहीं करता है...सब ला...सब सा ... ताव में ही रहता है....रे बोलेगा...कल तक मिश्रवा था तो तुम लोग बड़ी उछलते थे...अब हमारा राज है...समझा रे झाजीवा |

इनपुट और आउटपुट के दूगो सदस्य किसी बात पर उलझ गये...पिछले पांच दिनों से चलती में रहने वाला वर्मा वोला...रे काहे टर्र टर्र करता है...चंदन वदन को बुरा लग गया...बोला पिछले पांच दिनों से तुम बहुत उड़ने लगे हो...अच्छा नहीं होगा...संभल जाओ...रे भाई ... इ वर्मा भी ... आ गया ताव ...बोला....तू क्या देखेगा रे...तुम्हारा मिसरवा तो अब गया...अब जो हम कहेंगे ऊ करना पड़ेगा...ई बात सुनते ही ... भैया चंदन वदन वाले पंगा जी भड़क गए... एक हाथ से पैंट संभालते हुए... दौड़ पड़े... याद आ गया गुरु का खेल ...कैसे बेतिया वाले झाजिवा को गुरु ने ... बस क्या था सब हो गया मुंह से माँ बहन सामने लूट गयी और ये पीठ थपथपाते रहे और... पब्लिक... लिया ... उ नहीं मज़ा ...देखेगा...इतना दिन भी अभी ख़राब नहीं हुआ है...ऐसी की तैसी कर देंगे...बात बढ़ गई...मां...बहन तक बात पहुंच गई...इतने में टोपी वाले गिन्जन बाबा को भनक लगी...बीच बचाव करने के लिए दौड़े...अब दोनों ... पर... अड़ गया...इसके हटाओ नहीं तो हम इस्तीफा दे देंगे...

बाबा भी सोच में पड़ गये...ले लोटा....ज्वाइन करने के दो दिन बादे चार गो छोड़ गया....अब अगर इहां लफड़ा हुआ तो सब गुर गोबर हो जाएगा....जाति वाले को हटा नहीं सकते...और दूसरे को हटाया तो वैसे ही बदनाम हैं....फुल खिलने से पहले मुरझा जाएगा.....किसी तरह दोनों को शांत किया....मामला तो फिलहाल शांत हो गया...लेकिन दोनों मिलकर इतना बड़ा नाटक खड़ा कर दिया है...बाबा एक बार फिर से टेंसन में हैं कि एक बार तो किसी तरह मामला शांत हुआ लेकिन अब होगा तो क्या करेंगे.... बेचारे यही सोच कर परेशान हैं।

जय हो

शुक्रवार

आधा घंटा ... पांच प्रोडूसर ... मिला घडी घंटा


जय हो

यह तो कमाल है ... यह देश लाइव में ही हो सकता है ... आधा घंटा का स्पेशल के लिए चैनल के पांच तोप माने जाने वाले प्रोडूसर दिन भर मगज मारी करते है और जब स्पेशल ऑन एयर पर जाता है तो बजता है ... घडी घंटा |आप समझ सकते है की इस चैनल को शील जी कुछ भी कर लें रास्ता पर नहीं ला सकते | अब आप पूछेंगे की भाई एक न्यूज़ प्रोग्राम के लिए पांच प्रोडूसर क्यों ... आधा घंटा के लिए पांच घंटे की एडिटिंग ... वह भी ... बिना ... समझ गए ... एक कहावत यहाँ फीट है ... राम मिलाये जोड़ी एक अंधा एक कोढ़ी ... यानी कि आप समझ गए होंगे ...मुंह में खैनी ... बढ़ी हुई दाढ़ी ... तो कोई बिलकुल दार्शनिक अंदाज में सफ़ेद बाल और आउटपुट हेड का तमगा ... एक तो अखबारी लाल ... यानी अब कुछ लिखने की जरुरत मुझे नहीं लगता ... और सैलरी औकात से अधिक ... भाई पैसा लेते है तो दिमाग कहाँ छोड़ आते है ... हाँ ... याद आया ... बेकार में लिख दिए ... चलिए ... औरों को तो बताने दीजिये कि आखिर आपका दिमाग कहाँ रहता है ... गायिका नाम वाली ... मानव ... को स्त्रीलिंग बनाने वाली ... या भगवान् से पूजा अर्चना करने ... खैर ... आप दिमाग को संतुलित कीजिये ... तम्बाकू खाकर अखवार की सम्पादकीय मत लिखिए ... समझ में आ जाए तभी कीजिये ... पांच खोपड़ी सत्यानाश ... बचा लेता है एडीटर ... नहीं तो गोल गपाड़ा |

वैसे इस चैनल को टिम्बक टुम्ब की श्रेणी में रखना ही उचित है ... जसे झुमरी तिलैया ... दो जगह ... नाम जुडा हुआ ... देश लाइव ... रांची से टेलीकास्ट और प्रोग्राम पटना से ... है ना टिम्बक टुम्ब ... बेचारे शील जी को तो इन प्रोडूसर के कारनामे ... क्या करेंगे ... पांच में से दो को तो इसी लिए निकाला भी था श्रीवास्तव ने ... पर तम्बाकू का स्वाद ही निराली है ...

भाई ... आधा घंटा के स्पेशल के लिए पंद्रह मिनट चाहिए ... दिमाग से काम लीजिये ... मन को शांत रखिये ... फागुन के वयार में मन बौरा गया है ... चित्त मन से... नहीं... दिमाग से कीजिये ... कामुक और उन्माद एक साथ नहीं ... काम करिए कामुक होकर ... मन में उन्माद मत लाइए |

जय हो

गार्ड मोबाइल नंबर माँगता है


जय हो

भाई जी के चैनल ... भाई जी का दफ्तर ... भाई जी का गार्ड सबकी जय हो ... यह जय नहीं किये तो गए ... सीधे नरक ... ऐसा नरक जहां खाना एक नबर ... पीना दू नम्बर ... ओढ़ना तीन नंबर और मोबाइल अलग से बतियाने के लिए ... तो आप पूछेंगे की खुलासा जी इसमें ऐसा क्या है ... तो बंधू इसमें जैसे ही गार्ड है ... पर्सनल गार्ड भी होगा तो समझिये ... निराशा नामक गार्ड ... इससे पुरुष नहीं डरते पर चैनल में काम करने वाली डरती है ... एक दुसरे को बताती है की ए इ गडवा तो मोबाइल नंबर मांगता है ... कहता है की अकेले में बतियाएंगे ... कौन चीज बतियायेगा ? गंदा है गार्ड |

यह जानकार आपको हैरानी होगी ... होनी भी चाहिए ... आखिर गार्ड को लड्क्यों के नंबर क्यों चाहिए |पर आपको लगता नहीं है की इस मोबाइल नंबर मांगने के पीछे कोई राज़ है ... |अब आप भाई जी के चैनल में काम करने वालियों से पूछ लीजिये ... भले वो यह कह दें की मुझसे नहीं फलां से माँगा था | पर चैनल में काम करने वाली हरेक लडकी इस गार्ड के नेक इरादे से इस कदर डरी हुई हैं की कोशिश में रहती है की सामने निराशा ना पड़े |अगर वो गेट पर होता है तो अकेले कोई नहीं निकलती |

बावजूद निराशा मस्त है ... भाई जी के चैनल की लडकियों पर नज़र ... खबरदार ... नंबर नहीं दिया तो |उपरा तो लेंगे ही |

जय हो

इनपुट हेड बोले तो प्राणे ले लेंगे


जय हो

आर्यन में उठा पटक दौर खत्म भी नहीं हुआ है कि एक समस्या सामने आ गई है। वह है चंदन से बदन बाले का गुस्सा। बिहार की पत्रकारिता में इनकी गिनती पिछलग्गू की होती है...वह भी ...वेश सिंह के पिछलग्गू की...इ महाशय वहीं वहीं गये जहाँ ...वेश सिंह ने इस्तीफा दिया या जहाँ से उसे बाहर का दरबज्जा दिखा दिया गया। अपनी आदत से लाचार ...ये चन्दन वदन वाले पत्रकार फिर से उसी जगह पर गये जहाँ से नाम के वेश बाबू को धकिया कर निकाला गया था।

अब देखिये ना चन्दन वदन वाले भाई जी को जब साधना टीवी ने शिमला का सैर करवाने का इरादा किया तो सर्दी जुकाम जैसे रोग से पीड़ित चन्दन वदन ने साधना से नाता तोड़ लिया और अपने बेरोजगार हो गये|इधर उधर काफी पैर पटके पर इनके सामने आर्यन टीवी का ही एकमात्र ओपसन बच गया ... मौर्या ... देश लाइव ... ने भी जगह के अलावे कोई दूसरा विकल्पे नहीं था...मौर्य में भी पूरी कोशिश किये ... पैरवी ... वह भी छोटके भैया से ... चन्दन वदन को पता ही नहीं था की भाई जी ने छोटे भाई जी के चैनल में प्रवेश प्रतिबन्ध लगा दिया है ...बेचारे को कोई पूछता नहीं है|छोटे भाई जी चैनल में इंट्री के लिए खुद ही पैरवी खोज रहें है तो चन्दन वदन को कैसे भरोसा दिलाते ... सो छोटे भाई क्या कहते ... लम्बी सांस लेकर बोले भी ... लेट आईला हो ... देख तानी ... चैनलवा त हमरे नामे बा पर ... अच्छा ठीके बा जा तैयारे रहेके ...|

चन्दन वदन वाले पत्रकार जी खुश कि अब तो बैतरनी पार...लेकिन होइहैं वही जो राम रचि राखा ... ले बलैया इ बात भाईजी को पता चला तो उन्होने छोटे भाई जो को खबरदार कर दिया ... कुछ दिन तक तो श्रीमान चन्दन वदन वाले...तिया ...बनते रहे पर इसी बीच मिश्रा जी ने आर्यन का तोहफा भेजा और झट से पहुँच गए कामेश्वर सिंह काम्प्लेक्स और दौड़ कर चढ़ गए ... ल ऊपर आये त साँसे उखड गया ...पानी पिए और तबसे वहीँ का पानी पी रहें हैं |

आर्यन टीवी में जबतक सांस रुकती तभी मिश्र जी भी इतिश्री पा गए ... फिर झंझट... बने इनपुट हेड पर ... बोल के देखिये ... सब ... घुसार देंगे ...विश्वाश नहीं है त जाइए और कहिये कि इनपुट हेड चन्दन वदन से मिलना है ...अगर सुन गए तो वहीँ पटका पटकी कर देंगे ... माँ बहन बोनस में ...उस दिन देखिये ना उनका ही अक स्टाफ बोल दिया बस ऐसा उखड़े कि अभी तक शांत नहीं हो पाए उसकी गिलती इतनी ही थी... उनको इनपुट हेड बोल दिया...हत्थे से हथ्था लेकर ही उखङे... बार बार सभी को मना कर रहे थे... खबरदार... सावधान... जुबान पर लगाम ब्यूरो चीफ बोलो... कोई मुझे इनपुट हेड बोला तो...अरे...सा ...ला... पोल्टिक्स ... मार्केट खराब करना चाहता है चूति...या ... अपना धंघा ही चौपट कर देगा...आपको मालूम है... है न... उनका धंधा... सुन लीजिए...टीटीएम... ताबड़ तोड़ तड़का वाला तेल मालिश ...जो दे दाम उसका कोई चोवाईस नहीं ... इनपुट हेड...इसी लिए ना रे बाबा ... चीपे ठीक है |

जय हो

सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का

जय हो

भैय्या की जय हो |सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का... पुराने नाम वाले चैनल में टोपी वाले बाबा ने कमान संभाल है...ला...की तो पौ बारह हो गई है...कोई किसी को टेरवे नहीं करता है...सब ला...सब सा ... ताव में ही रहता है....रे बोलेगा...कल तक मिश्रवा था तो तुम लोग बड़ी उछलते थे...अब हमारा राज है...समझा रे झाजीवा |

इनपुट और आउटपुट के दूगो सदस्य किसी बात पर उलझ गये...पिछले पांच दिनों से चलती में रहने वाला वर्मा वोला...रे काहे टर्र टर्र करता है...चंदन वदन को बुरा लग गया...बोला पिछले पांच दिनों से तुम बहुत उड़ने लगे हो...अच्छा नहीं होगा...संभल जाओ...रे भाई ... इ वर्मा भी ... आ गया ताव ...बोला....तू क्या देखेगा रे...तुम्हारा मिसरवा तो अब गया...अब जो हम कहेंगे ऊ करना पड़ेगा...ई बात सुनते ही ... भैया चंदन वदन वाले पंगा जी भड़क गए... एक हाथ से पैंट संभालते हुए... दौड़ पड़े... याद आ गया गुरु का खेल ...कैसे बेतिया वाले झाजिवा को गुरु ने ... बस क्या था सब हो गया मुंह से माँ बहन सामने लूट गयी और ये पीठ थपथपाते रहे और... पब्लिक... लिया ... उ नहीं मज़ा ...देखेगा...इतना दिन भी अभी ख़राब नहीं हुआ है...ऐसी की तैसी कर देंगे...बात बढ़ गई...मां...बहन तक बात पहुंच गई...इतने में टोपी वाले गिन्जन बाबा को भनक लगी...बीच बचाव करने के लिए दौड़े...अब दोनों ... पर... अड़ गया...इसके हटाओ नहीं तो हम इस्तीफा दे देंगे...

बाबा भी सोच में पड़ गये...ले लोटा....ज्वाइन करने के दो दिन बादे चार गो छोड़ गया....अब अगर इहां लफड़ा हुआ तो सब गुर गोबर हो जाएगा....जाति वाले को हटा नहीं सकते...और दूसरे को हटाया तो वैसे ही बदनाम हैं....फुल खिलने से पहले मुरझा जाएगा.....किसी तरह दोनों को शांत किया....मामला तो फिलहाल शांत हो गया...लेकिन दोनों मिलकर इतना बड़ा नाटक खड़ा कर दिया है...बाबा एक बार फिर से टेंसन में हैं कि एक बार तो किसी तरह मामला शांत हुआ लेकिन अब होगा तो क्या करेंगे.... बेचारे यही सोच कर परेशान हैं।

जय हो

फूल ड्रेस टाईट हैं तो स्वागत है आर्यन टीवी में


जय हो

लङकियों को मीडिया में काम करना हो तो फिजिकल रूप से हमेशा टाईट रहिए। आपका बॉडी टंच रहना चाहिए...देखने में खूबसूरत हो जिस पर कोई भी मर मिटे । तभी आप मीडिया में काम कर सकती हैं। यह कहना मेरा नहीं है....ये डिमांड है आर्यन के तारणहार गिंजन जी का...मेरी बात पर विश्वास नहीं हो तो आप आर्यन टीवी जाए आपको अपने आप सबकुछ दिख जाएगा। सीसे के चेंबर में बैठे टोपी बाले बाबा के सामने 20 से 21 साल की लङकी बैठी मिल जाएगी। आज कल फिर से वे सभी को मीडिया में आने का गुर सिखा रहे हैं। उनके अनुसार न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज्यादा तभी आपके पीछे सभी आयेगे।

महिला प्रेम उनकी कमजोरी है ये तो सभी जानते ही होंगे। ये महाशय इसी कारण हर चैनल को छोङते रहे हैं...जहाँ वे खुद नहीं छोङे वहाँ से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कुछ दिन पहले की ही बात है गिेंजन जी प्रोफेसरगिरी छोङ कर फिर से चैनल में आने की सोचे... मौका भी मिला झाजीवा के चैनल में...नौकरी पर आते ही सबसे पहले अपने चेंबर को साफ करवाये...ताकि उन्हें अपने पुराने धंधे में कोई तकलीफ न हो... सभी महिला एंकरों पर डोरा डाले... मगर ये क्या पहले से काम कर रही लङकियों ने कोई भाउये नहीं दिया...सो उन्होंने अपनी रणनीति बदली ...अब वे अपना जादू इन्टर्न पर चलाए...जादू चलना शुरू हो गया...और जादू भी ऐसा एक, दो नहीं आधा दर्जन लङकियों को अपने चेंबर में बैठा कर देने लगे...मैनेजमेंट से लङकर सभी को तीन तीन हजार की नौकरी भी दिलवा दी...लेकिन कुछ ही दिन के बाद संपादक जी के साथ खटपट होने लगा...संपादक जी बोले गिंजन जी अकेले से काम नहीं चलेगा...बेचारे परेशान ई कहा से आ गया दाल भात में मूसल चंद...संपादक जी भी कहाँ पीछे रहने वाले थे...लगे कान भरने झाजीवा का... काम रंग भी लाया कुछ ही दिन के बाद इस्तीफा देना पङा बाबा को.... यही रोग एक बार फिर से सर चढ कर बोलने लगा है गिंजन जी को...काम कम गप्प ज्यादा वो भी लङकियों के साथ...जिसके कारण मौर्या से निकाले गये थे एक एक कर सभी को नौकरी देना शुरू कर दिए हैं। श्रुति को बुलाकर नौकरी दे दी सात ही कहा कि औरो कोई हो तो बताना...

हम तो यही कहेंगे गिंजन जी एस बार संभल जाईये नहीं तो फिर हो जाएगा टाई टाई फिस्स...

जय हो

मंगलवार

नारी नरक की द्वार है ... भुलावे में मत रहियेगा


जय हो

यह सिर्फ एक कहावत नहीं ... मुखौटा लगाए मीडियाकर्मी अक्सर ऐसे अपने सफाई देते आपको मिल जायेंगे पर कभी विचित्र चैनल से मौर्या और फिर देश लाइव तक का सफ़र तय कर चुके जनाब को आपने देखा है ... हर खेल के धुरंधर ... कंप्यूटर से लेकर कैमरामैन और रिपोटर तक की हैसियत वाले इस जनाब का आजकल यही कोट है ... नारी नरक का द्वार है ... पर जनाब नारी से दोस्ती के लिए तड़प रहे हैं | भाई आजकल अपने चैनल में एक एंकर से दोस्ती के लिए क्या नहीं किये ... उसका प्रोग्राम तक संपादित नहीं किया ... मामला गंभीर हो गया ... जनाब अड़ कर भड़क गए ... मामला बॉस तक पहुंचा ... मामला को शांत करने में पसीना बह गया | खैर आजकल जनाब की नज़र उसी के पीछे है और सबसे बड़ी बात यह है जनाब भी शादी शुदा है और तीन बच्चो के बाप भी !

असल में जनाब का यह प्रेम कोई पहला नहीं है जब एक सीडी छाप चैनल में थे तभी उनको यह बिमारी लगी ... रोग इतना गहरा की जनाब वहाँ की एक एंकर के कारण विदा भी हो गए और सीधे गिरे मौर्या में | साफ़ सुथरा छवि तब टूटना शुरू हुआ जब भाई निवेदन के चक्कर में पद गए ... निवेदन की शादी हो गयी ... बेचारे जनाब कहाँ कहाँ नहीं ट्राय किया और इसी दौरान नौकरी भी छोड़ पहुँच गए देश को लाइव करने ... ले भाई यहाँ तो जनाब की नज़र ...?

अब जनाब परेशान हैं की इनको ... कोई चांस नहीं मिलता है ... बॉस लोग अपने चेंबर का इस्तेमाल कर लेते है तो जनाब नाराज़ ... कोई बात नहीं जनाब अब कहते है की ... फलां से दोस्ती करा दो ... और जनाब इंतज़ार में बैठे हैं ...

जय हो

कोई एक मटुक नहीं हैं मीडिया में ... मटुको की कतार लगी है ... सावधान


जय हो

यह कोई हंसने की बात नहीं है ... इसे सीरियस होकर सोचिये ... गंभीर होना कोई गलत नहीं है ... गलती तो तब है जब आप गंभीर होने का नाटक करते है और गंभीरता की खाल ओढ़ कर अपने अन्दर के मटुक को आगे कर खुद पीछे चलते हैं ... हाँ बिलकुल यह आपकी बात हो रही है ... इधर उधर देखने की जरूरत नहीं है ... सिर्फ आपकी बात ... आप भाग नहीं सकते |आप यानी ... तो बताना चाहूंगा की मटुक प्रवृति मीडिया में काम करने वाले पुरुष और महिला दोनों में हैं |अब देखिये ना मटुक प्रवृति के कारण ही कोई कोई कहाँ से कहाँ पहुँच जाता है और टैलेंट अपने किस्मत को दोषी ठहराता है !

आप कहेंगे की क्या भाषण है यार ...किताब लिख दो नाम अमर हो जाएगा ... मै मानता भी हूँ ... पर ये क्यों नहीं मानते ... महिला है ... प्यार किया ... पहले लोग धोखा में थे ... अच्छा किया मांग भरने लंगी ... पर अगले को तो समझाइये ... कहिये ... गलत दरवाज़े के पीछे क्यों खडा है ... अब आपको क्या लस्ट है... निकल लीजिये ... पर आप मानेगी नहीं मै यह जानता हूँ और आपकी हिम्मत की दाद देता हूँ क्या कलेजा पाया है ... सात साल के प्यार को पाने के बाद भी ... |

जी यह पूरा वाकया पटना के गंगा किनारे वाले चैनल के ऑफिस का है ... आजकल प्यार का रोग वहाँ सबको लग गया है ... क्या साहेब क्या छोटे ... सबको एक प्रेमिका चाहिए ... बेचारे शील जी ... शील की रक्षा में ही दम निकल रहा है ... पर मातहत मानने को तैयार नहीं ... अरे साहब मातहत को छोडिये ना वो है ना मु नाम वाला रिलेटिव ... देखिये ना उ भी फेर में है ... मस्ती चढ़ गया है ... शादी शुदा के चक्कर में लगा है ... अब आप पूरा माजरा समझ गए होंगे की खेल है या ...?

यह मानना पडेगा बंधू कि की विश्वामित्र की तपस्या भंग करने वाली मेनका आज रूप बदलकर घूम रहीं है ... कभी जू ...ली बनकर तो कभी ने ... बनकर तो कभी मान.... बनकर |यह तपस्या ही नहीं भरे परिवार की चिंदी करने की औकात वाली है ... इन्हें यह गम नहीं कि घर कौन सा टूटा . ये तो तोड़कर अपना भी घर इठलाती है |

जय हो

सोमवार

छोटे भाई जी का खौफ ... मिललअ त लटकल बेटा


जय हो

आजकल मौर्या टीवी में छोटे भाई जी का खौफ ऐसा है कि तबियत ख़राब होने के बावजूद कोई मिलने नही आता ... कोई मिला कि नहीं की छोटे भाईजी शुरू हो जाते है ... ले भाई कौन फसेंगा ... बेचारा कारिन्दा फंस ही गया उस दिन ... सुबह सुबह हाल पूछने क्या गया कि छोटे भाईजी ने पकड़ लिया ... बेचारा ... छोटे भाई जी टोपी लगाईं ... माथे पर टीका लगाईं और बेतिया की सडको पर निकल गए ... रे भाई एक नहीं ... दो नहीं ...तीन नहीं ... पांच किलोमीटर ... बेचारा कारिन्दा ... फट ही गया बेचारे का ... पर आजकल टीवी के अन्दर भी लोगो की फट रही है ... बेचारी वो तीन है ... और प्यार जी को कोई भाव नहीं ... देखती भी नहीं ... प्यार जी को ताव आ गया ... सिफारिश कर दिया ... तीनो को निकालिए ... ल ... फिर यहाँ टपक गए नयन सुख जी ... बेचारे ... मुगलिया सल्तनत की चर्चित ... सुल्ताना के चक्कर में अड़ गए ... यह नहीं जायेगी ... यही रहेगी ... न ... ही तो ... सब समझ गए कि रत्तू भैया से लेकर नयनसुख को बैतरनी पार कराने वाली सुल्ताना की भाव बढ़ गया ... अब नहीं जायेगी तीनो |

तो सायबान ... प्यार जी को बाट लगा दिया नयनसुख ने ... और बदला साधा लिया पार्टी में गाली सुनवाकर ... इसी को कहते है ... अपटी खेत में जान देना |

जय हो

रविवार

गए थे हरी भजन को ओटन लगे कपास


जय हो

मौर्या टीवी वालो की जय हो ... ऐसा जय जो कभी किसी के साथ नहीं हुआ हो ... जय जय ... पर जय के साथ भय ... गाली का ... नयन का ... कर दिया गोल गपाड़ा | कभी भी इ नयनवा को भला नहीं होगा ... कु .... है |रंग में भंग करता है ... हे भगवान् इसको भी ... पानी नसीब नहीं हो ... सा ... रामी है |इसको रतौंधी हो जाय ... नै तो मोतिया बिन्द हो जाय ...| यह शब्द मेरे नहीं है ... आप जाइए और मौर्या टीवी के ऐसे किसी से बात कीजिये जो रात में विनय की विदाई पार्टी में भात खाने गए थे पर ... हे दिना नाथ कोढ़ी फूट जाय इसको ... | समझे आप ... रह रह कर पांड़ेवा ... पानी पी पी कर गाली देता मिल जाएगा | यह होना भी चाहिए इसीलिए हो रहा है | आप नहीं समझ पाए कोई बात नहीं ... आपको पूरी कहानी ही बता देते हैं |

असल में विनय ने मौर्या टीवी से विदाई ले ली है और इस ख़ुशी में उसने अपने घर पर एक पार्टी दी और इस पार्टी में मौर्या टीवी के सारे लोंगो को बुलाया पर नज़रे इनायत करने वाले नयन सुख को इस ख़ुशी में शामिल होने का न्योता नहीं दिया | और नयन सुख जी टाक में थे की पार्टी को भारनष्ट कर दें और मौक़ा मिल गया | शनिवार की रत ... रात दस भी नहीं बजे थे ... इनपुट और आउटपुट खाली ... सब भात पर टूटने नहीं बल्कि न्यूज़ एक्सप्रेस तक मैसेज पहुँचाना चाहते थे की सब आने को तैयार है ... विनय से पैरवी चल रही थी ... नयन सुख जी ने ना आउ देखा ना ताव और लगाया भांजा श्री को फोन ... हजूर ... माई बाप ... सब गजबे कर दिया है ... एक्को गो नहीं है ... सब गायब है ... कैसे चलेगा चैनल ... ले बलैया... भांजा श्री तुरते हाज़िर ... कहाँ हैं सब सा ... फोन लगाओ ... मोबाइल की घंटी बजी ... हेल्लो ... प्यार जी ... बात कीजिये ... हेल्लो पांड़े ... फाड़ दूंगा ... सा ... जल्दी ... निकल |

हो गया खेल ... नयनसुख जी मस्त ... कुमार साहेब ने खेल देखा ... बच गए रे भाई नहीं तो हमको भी ....| जय हिंद ... मौर्या टीवी जिंदाबाद ... | पर भगवान् है तो इसको ... इसको फिर से ... देखना हो भगवान् इस बार बचे नहीं |चीख पुकार प्यार जी और पांड़े जी के सीने में गूँज रही है |

जय हो

शुक्रवार

मौर्या में इंटरव्यू


जय हो

मौर्या टीवी में आजकल ताबड़तोड़ तरीके से कर्मियों का इंटरव्यू लिया जा रहा है ... कहने को तो यह कर्मियों का मन टटोलने और उनकी सैलरी और पद में बढ़ोत्तरी के लिए है पर इसका असली कारण कुछ और ही है !दरअसल पिछले एक महीने में मौर्या टीवी को कई लोंगो ने अलविदा कह दिया और कहीं और जाकर ज्वाइन कर लिया इससे प्रबंधन में खलबली मच गयी है की आखिर लात मारकर काने की वजह क्या है सो यह एक घटिया तरीका अपनाया गया है ! जबकि होना यह चाहिए की अक्षम और वाहियात को बाहर का रास्ता दिखाकर जो कामुक लोग हैं उनकी सैलरी बढ़ा कर एक अच्छा माहौल बनाते ... पर यहाँ तो मामला ही उलटा है ... इंटरव्यू के बहाने महिला एंकर से आधे घंटे तक बातचीत का सबब हर कोई जानना चाहता है |चैनल के शुरुवाती दिनों से काम कर रही महिला एंकर से आधे घंटे की पूछताछ ... का जान रहे थे कुमार बाबू ... भांजा जी तो पहले से ही घोषित रसिक है पर आप तो ...?

वैसे जाने वालो की सूची मौर्या से लम्बी होती जा रही है ... कोई एक्सप्रेस में तो कोई इधर उधर ... वैसे पांड़े भी लक्कर आर्यन में लगाया था ... पर वहां गुंजन आ गए ... गुंजन को आज भी मौर्या से निकलवाने वाले दुशाशन पांड़े की खोज है ... भरी सभा में चिर हरण किया जाएगा ... बदला होगा पूरा ... उसके बाद शंखनाद होगा |आर्यन ठोकेगा रोज़ एक बवाल खबर और मौर्या टीवी ठिसुवा कर रह जाएगा ... रणनीति ... राजनीति नहीं ... यही खेल ... |

जय हो

शनिवार

साजिश ... षड़यंत्र की बू आरही है मौर्या टीवी में

संपादक जी बरा सिरियस हो गए है...समझ में नहीं आता की का करें.... कैसे भी कर करा के चैनलवा तीन नंबर पर आ गया ... तब भी हेडमास्टर जी को अपने पीछे बू ... बू आती है ...सब सा ... साजिश में लगे है ... लेकिन कुमार जी आपको फाड़ कर औरो को का मिलेगा काहे आपको सब में साजिशे लौकता है|

लेकिन हम जान गए की आपको साजिश की बू कहाँ से आ रही है ... भांजा जी के माथा के ऊपर से ना ... एक दम सही सोच रहे है अरे भांजा जी की खोपड़ी अब खतरनाक हो गयी है... देखे ना टी आर पी आया... और गाल कौन बजा रहा है ... किये दिए आप और मज़ा कोई और लेने के लिए तैयार है ... समझिये की जिसके खिलाफ आप साजिश किये ... उ आज अगर आपका... एट पीएम ब्रांड को देसी इस्टाइल में चुक्का में दाल कर बेच रहा है तो समझ लेना चाहिए ... उ तो बोला कुमार जी डाल डाल और बाबा पांड़े पात पात ... कर दिए थे बाबा पाँरे का बत्ती गुम बेचारा दिल्ली का गया नाशे कर दिया सब मिलकर ... इनपुट से एकदम्मे आउटपुट ले ... लहरियासराय कर दिया था उ तो ... बचा दिया ... खेल का तेल निकल गया |

अब कुमार जी बू आ रही है तो का ... का बिगाड़ लेंगे ... तभी ना मीटिंग में साजिश का खुलासा किये ...अब देखिये ना भाई जी का प्रोग्राम ... वेंदु जी का प्रोग्राम तकुमार साहेब चुप थोड़े रहेंगे एक्के बार में दू गो प्रोग्राम पर कुमार की के लिए ठन ठन गोपाल .... भोर में दू गो प्रोग्राम हीट... शामो में एगो फिट... लेकिन... आठ का वाट... लग गया ना ...कोई देखने वाला नहीं...भाई जी के आने खौफ में बेचारे का सब बार बार गिला हो रहा है ... धुत महराज अरे उ नहीं ... नयन से आंसू की धारा और इ नयनमा भांजा के साथ मिलकर खेल कर रहा है टी आर का पी गायब करने के चक्कर में है ... सो कुमार साहेब बुधवार से टेंसन में हैं... धाय एक मीटिंग बुला रहे है ... एलर्ट ... साजिश की बू आ रही है ... सावधान ... साजिश |

गुरुवार को तो गजब हो गया... कुमार साहेब ने नाइन 2 नाइन से महंगा वाला स्नो और पाउडर मंगवाया फेस मसाज भी किया और करीने से नेचुरल कलर लिपस्टिक भी लगाया और ले बलैया खेले खराब कर दिया ... मंत्री जी का लाइव बीचे में कट गया... रिपोर्टर को खोजा ...नदारद..... पटना रांची दोनों पार....किसी तरह लाइव ख़तम हुआ लेकिन टेंशन बढ़ गया खत्मे नहीं हो रहा था... ऊपर से मेकप वाला ठेंगा दिखा दिया है ... बेचारा पोछना उठाने के लिए तैयार नहीं हुआ ... अब तो वो भी वाट लगा दिया है | बुरबक को पते नहीं था की कुमार बाबू अपने चहरे का कितना ख्याल रखते है...फतवा जारी कर दिया... उसके लिए और बज गया बैंड अपना |जय हो कुमार बाबू |

अब खेल इधर का देखिये ... सब के बीच में एमसीआर ने ऐसा पटका मारा की कुमार बाबू ... ना नर ना नारी ... प्रोग्रामे नहीं चलाया.... ले लोटा...अब कुमार बाबू को देखिये ... दिन भर ऍमसीआर मुह मारते रहते हैं |नचा दिया है सब ... और खेल के पीछे के खेल को अब कुमार ने पकड़ लिया है ... बू आ रही है ... दुर्गन्ध ... साजिश का गंध ... पलीता लगा दिया है बस ...|

जय हो

मधुरशील अब चैनल हेड


जय हो

पक्की खबर ... एक महीने से अपनों से परेशान देश लाइव ने आखिरकार सम्पादक धीरेन्द्र श्रीवास्तव से किनारा कर ही लिया और चैनल की जिम्मेवारी मधुरशील को दे दी गयी | बिहार के जानेमाने बिजनेसमैन नीतीश्वर ने देश लाइव की बुनियाद रखी उसको लेकर शुरू से ही राजनीति शुरू हो गयी थी | महुवा टीवी से बेईमानी के आरोप में निकाले गए ऋषि नाम वाले सज्जन ने यहाँ भी खेल शुरू कर दिया था ... महिला एंकर और प्रोडूसर को घंटो कमरे में बिठा कर सेंटिमेंट को जगाने और फिर ... जाने दीजिये ... ऋषि महाराज तो सतयुग से ही ऐसे थे... अपना गिरेबान झांके नहीं और बीबी को पत्थर बना दिए थे ... तो हुजुर ... ऋषि जी के जाने के बाद चैनाल्मे कामकाज ठीक हुआ की भाई अखबारी लाल को मालिक की याद सताने लगी | नया फरमान ... विजुअल नहीं ... टेक्स्ट फार्मेट से काम चलाओ ... असली नकली नहीं पैसा लाओ ... रे भाई जा ... रन अखबार है क्या ... डीएम और एस पी विज्ञापन देगा ... ठेंगा छाप आदमी ... डाक्टर बोला था पत्रकार बन जाओ |

भाई साहब को नीतीश्वर ने बाहर ... राजापुर.. टेम्पो स्टैंड का रास्ता क्या दिखया ... मन का धीर भूल भाई लग गए मधुर को बजाने में ... भाई मधुर ने दिल्ली में दूरदर्शन के लिए एंकरिंग भी की है ... मंदी हाउस पर बैठकर बादाम भी फोड़ा है ... इ टीवी के चतरा से लेकर रांची ब्यूरो भी सम्हाला है ... कहने को तो इंदिरा गाँधी भी गंदी थी ... किसी के पास कोई सबूत है तो बताये ... बस मधुर में यही कमी है की यह हंस कर बात करता है ... सच्चा है और रहेगा ... जिस घर में कोई पत्रकार नहीं हो ... बनारस यूनिवर्सिटी का छात्र ... पारिवारिक दवाब के बावजूद कर्मठता ... थैंक्स मधुर ... बधाई ...आदित्य आपको जानता है ... उस सच्चाई को भी जो शायद यहां के पत्रकार नहीं जानते ... खासकर के चू... यस ... जो सिर्फ आजकल ब्लैकमेलिंग को धंधा बना चुका है |

जय हो

विदाई का सबब


जय हो

यह गलत किया है देसी शराब नाम वाले चैनल ने ... भाई ठाकुर जी को विदा कर दिया ... का गलती हो गयी थीं ... ग़लती हुई तो ठीक भी किया जा सकता था ... इ का मतलब हुआ की सीधे ... ग ... मुडिया दे कर पलट दीजिएगा | इ भाई ठीक नहीं है ... अपने हिसाब से चैनल चलाइये ... शिकायत नहीं ... पर जब न तब तेल निकालने पर लगे रहिएगा ... ऐ भाई आप ही लोग जनता जनार्दन हैं ... फैसला कीजिये ... ठाकुर जी पटना में रहे महुवा से नशा पैदा करते रहे ... एक्को बार बाज़ार में नहीं गए ... बैठे बिठाए खेलते रहे ... लेते रहे रहे ... हाँ इ गलती हो गया की सड़क से चुनकर उठाये और भाप पर चढ़ा कर नशा पैदा करते रहे ... पर इ कौनो बात है की जब चाहिएगा ... हवा ऐसे थोड़े निकाला जाता है ... तरीका नया अपनाइए ... ठीके बनारसी है ... |

तो सायबान आपके लिए खबर इ की ठाकुर जी अब देसी कंपनी से बाहर ... अब फिर झाजीवा ताल ठोकेगा... आया ऊंट पहाड़ के निचे ... पर यह गलत है ... ठाकुर जी गलती किये तो का मतलब ... उनके साथ भी ऐसे ही होगा ... न ... इसका विरोध करेंगे तबतक जबतक की बेचारे ठाकुर जी का माल ख़त्म ना हो जाए और ठीके पहाड़ के निचे ना आ जाएँ |

वैसे कहावत ठीके है ... बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए |

जय हो

गुरुवार

एक साल चले डेढ़ कोस


जय हो

भाई जी के चैनल ने एक साल पूरा कर लिया ... जानदार शानदार जलसा के साथ सेलिब्रेट भी हुआ ... ख़ुशी को इज़हार करने के लिए अशोका होटल में पूरा इंतजाम ... मटन ... मुर्गा से लेकर सब कुछ ... सब गरम ... गर्मी इतनी की समय पर एक साल के ब्योरा का क्लिपे नहीं चला ... पर सब बढ़ियाँ इंतजाम ... कमी थी तो भाई जी का ... ना अपने आये और ना लोंगो ने याद ही किया ... अपने में मशगूल रहे सब ... मुर्गा का लात तोड़ते रहे पर भाई जी की याद नहीं आया किसी को ... भाई जी को तो छोडिये ... भाई जी की पसंद के सम्पादक मुकेश कुमार की भी कोई चर्चा नहीं ... चैनल एक साल में मज़बूत हो गया ... बिना ... छोडिये ... ऐसे ही होता है |चैनल है ... भाई जी का पैसा है ... उडाना है ... फूंकना है तो फूंको भाई ... अपने में बाँट लो पुरस्कार ... अपनी पीठ है जैसे मन वैसे ठोक लो ... हम ठोकेंगे तो दिक्कत होगी ... खुलासा नहीं होगा |

तो चैनल एक साल का ... एक साल के ज़द्दोज़हद की कोई चर्चा नहीं ... गेस्ट भी ऐसे जिसे कोई जानता नहीं ... एक दुसरे से पूछते रहे ... बेस्ट परफोरमर कौन ... नैन नक्श वाले ... विनय से विनम्र तक ... कला से शिल्प तक ... बिरहा प्रेमी सम्पादक तक ... खूब बांटे ... तीस गो पुरस्कार आ सब तीसमार खान सब को ... दो महीना पहले आये ... पुरस्कार पाए |पर एक साल में क्या खोये इसकी चर्चा तक नहीं | हैं ना मजेदार ... जायकेदार |

भाई जी का चैनल और भाई जी आये क्यों नहीं ... छोटे भाई जी भी नहीं आये ... भांजा ने कमान सम्हाल रखा था ... सम्हालना भी चाहिए ... बुर गया वंश कबीर का उपजा पूत कमाल | तो भाई एक साल के मौके पर इंतजाम में कोई कमी नहीं ... सामने सबकुछ और ... हिडेन भी रहना चाहिए ... लेकिन चेहरे पर रौनक हिडेन रहने कहाँ दिया ... ठुमक ठुमक वाली चाल और चौरी होती आँखे सब कुछ बयान कर रहा था |

तो भाई जी नहीं आये ... आते तो ... पचा नहीं पाते ... फरेब के जाल को पचा नहीं पाते ... आते तो सब घोषणा भी करा लेता ... तब भाई जी पूछते की भैया प्रेम जी को पुरस्कार आउटपुट का और सम्हाल रहें है इनपुट ... यह तो वही वाली कहावत हो गयी ... देखो रे देखो किस्मत का खेल पढ़े फारसी बेचे तेल |तो भैय्या ... एक साल की पार्टी पर कोई स्माइल नहीं ... सबके चेहरे पर भाई जी के नहीं आने और उनकी चर्चा नहीं होने का गम ... मन मसोस कर मन ही मन सब गा रहे थे ... के दुःख बांटी संग चली के ... का बुझी इ दुनिया ... केकरा के दुःख दरद सुनावे पिजरे वाली मुनिया |

जय हो

रविवार

परिवर्तन कामी मौर्या


जय हो

भाई जी के चैनल में अब सम्पादक नहीं हेडमास्टर आ गए हैं | डंडा लेकर चैनल के पत्रकारों को सीधा करने की मुहीम चला रहें है ... चपरासी को चैनल में कंटेंट हेड और न्यूज़ वाले भाई गेट पर पहरेदारी करेंगे |हैं ना गजब की खबर ... तो सायबान यह मौर्या टीवी है ... जहा बैंड बजता नहीं बजाय जाता है खाली व्यवस्था टाईट होनी चाहिए | अब खबर ये की मौर्या टीवी के सुनील पाण्डेय जो अबतक इनपुट का काम देख रहे थे को सीधे आउटपुट की नयी जिम्मेवारी दी गयी है ... यह प्रोमोशन हैं ... ना ... यह तो खेल है ... पांडे जी को वाश करने का ... देह पर जमे मैल को ... पांडे जी नाराज़ हैं ... नाराज़ तो प्रेम जी भी हैं .... कहाँ पहले चैनल की जिम्मेवारी थी अब सीधे रेपोटर के बीच बिठा दिया है ... अब स्वेतान्शी... शिल्पा एंकर से फिल्ड भेज दी गयी है ... शिल्पा कला संगीत के साथ खेलेगी तो स्वेतान्शी कांगेस और लालू जी की पार्टी का कमान धीरेन्द्र के साथ सम्हालेगी |रवि रंजन को पोलिटिकल हेड बना दिया गया है .... अमित पटना ब्यूरो का हेड बन गया है ... और नवेंदु जी कुमार साहेब के... पीछे पीछे... स्नो पाउडर... लगा कर... वही वाला गाना गायेंगे ... वो वाला ... चल छैयां छैयां.... करेंगे |वैसे हेडमास्टर साहेब कुछ और परिवर्तन करेंगे ... सूचना मेल से ...|

तो अब भाई जी का चैनल टिम्बक टुम्ब की श्रेणी में आ गया है |घात प्रतिघात का खेल चल रहा है ... भले ही चैनल के काम करने वाले आशुतोष जैसे रिपोटर भाग कर दुसरे चैनल को ज्वाइन कर ले |

तो भाई जी के चैनल में अब होगा .... चल छैयां छैयां छैयां छैयां |

जय हो

मंगलवार

मीडिया की फूलन



जय हो

पटना के पत्रकारों की जय हो | भाई बड़े पत्रकारों को सलाम ... नमस्ते .... मान गए की चुन चुन कर आप लोग पत्रकारिता में नगीना ला रहें है ... क्या कहना ... आइसा नगीना की बोलती बन्न | यह नगीना खाली हाथ नहीं चलाती ... बाकी मुंह आइसा चलाती है की बड़े बड़े धुरंधर चारो खाने चित्त |अब देखिये ना उस दिन की ही बात है बिहार सरकार के एक मंत्री खिसियानी बिल्ली की तरह मुंह निपोड़ कर रह गए ...डरे कितना रिपोटर दुरे रहता है ... सटलअ त लटकलअ बेट्टा |
तो अब आपको पूरी कहानी बता रहा हूँ ... पटना की पत्रकारिता पूरे देश में सम्मान की पत्रकारिता रही है !यहाँ के दो चार पत्रकारों को छोड़ सबने इसकी गंभीरता बनाए रखी है | ऐसी पत्रकारिता को पुरे देश के पत्रकार सम्मान देते रहें हैं !पर टीवी मीडिया के आने से पत्रकारिता के दामन दागदार होने लगे | लिहाजा बाद के दिनों में यहाँ ऐसे लोग भी आ गए जिनका ना तो कोई मिशन था और ना ही कोई सोच ... सीधे कैमरा पकड लिए की कम पढ़े लिखे होने की वजह से नौकरी कही तो मिलेगी नहीं ... इस ढाल को अपना लो ... अब सारा कुछ दरकिनार सामने माँ बहन की गालियाँ वह भी सबके सामने ! अब तो जो लडकिया इस पेशे में पटना में है वो तो ... फूलन देवी की जय |
भाई यह फूलन पत्रकार देश के चर्चित बहुभाषी , आर्थिक, इंटरटेनमेंट चैनल के पटना में पत्रकारिता की ट्रेनिंग ले रही है !कैमरा से लेकर लिखने तक का ! टीवी जर्नलिज्म की इस नयी पौध को कभी आप किसी से बात करते देखिये ... फट के हाथ में आ जाएगा | कही और की घटना है उसकी भाषा पर एक ने टिपण्णी कर दी लडकी ने कहा ... यहाँ तुम घुमते रहे मैंने दिल्ली में कितनो को मज़ा दिया और लिया ... तुम्हारे पास वो है नहीं की मज़ा ले सको साला |आजू बाजू सन्नाटा ... सब भागते नज़र आये |
यह कहने की बात नहीं पर इतना बताना चाहूंगा की पटना में यह कोई पहली लड़की नहीं है ... प्रिंट और टीवी मिलाकर यहाँ पचास के आसपास लडकियां है जो काम कर रही है ... कई तो अभी अपने ब्यूरो के हेड हो गयी है पर किसी की जुबान इतनी गंदी नहीं रही !सब सम्मानीय रही और सम्मान पाती रही ! पर इसको ... इसकी जुबान को कौन है जो गंदा कर रहा है | फूलन देवी तो बन्दूक चलाती थी और लोग डर जाते थे ... पर पटना पत्रकारिता की इस फूलन की जुबान ऐसी चलती है की सब भयभीत की कब कपड़ा फाड़ कर इलज़ाम लगा दे |
जय हो

शुक्रवार

चैनल में राजनीति

जय हो

चैनल अभी ठीक से खडा भी नहीं हुआ और भाई जी लोग लग गए तीन तेरह करने में ... अपनी नौकरी पक्की नहीं और औरों की नौकरी खाने के लिए सुरसा की तरह मुंह खोल खडा हो गए |यह कोई एक चैनल की बात नहीं है | पटना से ब्रोडकास्ट होने वाले सारे चैनल की यही कहानी है |इतना ही नहीं भाई लोग अपनी नौकरी जाते ही अब दुसरे चैनल में पहले से काम कर रहे अपने ही विरादरी की ... ले रहे है | पता करना है तो चन्दन सा बदन वाले भाई से पूछ सकते है की भाई तोपचंची ससुराल वाले डीयर हीयर ने कैसे मेल आने से पहले ही चार्ज ले लिया | और ये भाई जी टीटीएम के लिए लाये तेल देखते रह गए |अब इनके आका को आसमान फाका दिख रहा है |

असल में कहानी आपको बता रहे थे भाई देश लाइव चैनल की ! इस चैनल की शुरुवात ठीक नहीं रही है ! पहले कोई और नाम और बाद में दुसरा नाम आकाश में आया ! भाई एक पूज्य ऋषि के नाम वाले पत्रकार को पटना का हेड बनाया क्या गया और झारखण्ड की जिम्मेवारी मिठाई नाम से शुरू होने वाले एक सीनियर पत्रकार को दी गयी !चैनल ठीक से चले की पोलटिक्स का कीड़ा घुस गया ... हम बड़े तो हम बड़े ... मालिक गया तेल लेने !पहले महान जी को धराशायी करने की योजना बनी और बिफल भी हुआ तो इस योजना को आकर देने वाले ऋषि महाराज को अपनी ही बलि देनी पडी है !यानी वही वाली बात... लटकल त गेल बेटा |

इसी तरह राजा के नाम वाले बिल्डिंग से चलने वाले चैनल की कहानी सुनिए ... भाई तोप चंची ससुराल वाले पत्रकार भाई को निकलवाने के लिए मिसिर जी ने अपना ही इस्तीफा दे दिया ... ल ... कर दिया खेल ... भाई को की विदाई ... भाई भी कमजोर नहीं मिसिर जी की सम्बन्धी को लेलिया ... और खेल शुरू हो गया है ... चल कबड्डी आस लाल ... लाल !

जय हो

बुधवार

बडबोले मटन बाबू


जय हो कुछ पत्रकार भाइयों के नस में इनदिनों बडबोलेपन का कीड़ा घुस गया है | जहां भी जाते हैं ... जैसे ही कुछ साथी मिलेंगे लगते हैं अपने कुकर्मो का बखान करने ... मैंने इतना पीया ... इतना दारु पी सकता हूँ ... मुझे क्या है कंपनी पीने के लिए पांच हज़ार रुपये रोज़ देती है ... मेरे बिना कंपनी ... मै हूँ तो कंपनी है |मेरे हाथ का कभी मटन खाओ ... सारे चैनल वाले मेरा मटन खा चुके हैं ... रम डालकर मटन बनाने में मै माहिर हूँ ... ऐसी और इस तरह के शिगूफा दागने वाले मटन बाबू इनदिनों यह भी बताने से नहीं चूकते कि उनके बारे में जब खुलासा ने मीट झा पुराण लिखा तो उन्होंने कैसे खुलासा के ऑफिस में जाकर गाली गलौज किया ... डरते हैं सब ... है कोई ... सा .... ला .... फाड़ कर रखता हूँ |

असल में मटन बाबु आजकल फ्रस्टेशन में जी रहें हैं ... जीना भी चाहिए ... अब उन्ही के हिसाब से सोचिये कि रोज़ एक ब्रेकिंग खबर करने के बावजूद उन्हें कोई नहीं जानता कि भाई साहब मटन बाबू क्या करते है सो मटन बाबु दिन में दो बजे ही शुरू हो जाते है | कभी रम तो कभी बीयर तो कभी व्हिस्की |और जब थोडा ले लिए तो फिर उनके रगों में दौड़ने लगता है बडबोलेपन का कीड़ा ... वह भी एक नहीं दो नहीं ...लाखो करोडो कीड़ा एक साथ और मटन बाबू सनसना जाते है |

अब देखिये पूर्णिया के बीजेपी विधायक की ह्त्या के कवरेज के लिए भाई साहेब पहुंचे पूर्णिया... कवरेज अपनी जगह ... रिपोटिंग गया तेल बेचने... मटन बाबू मुंह में गुटका दाब शुरू हो गए |दिन से रात तक ... कोई रोकटोक नहीं ...कंपनी पांच हज़ार इसी लिए रोज़ देती है |भाई साहेब ने मटन भी बनाया खाए भी खिलाये भी ... विधायक की ह्त्या और महिला रूपम की गिरफ्तारी का मामला होटल के किचेन में मसाला के साथ ही फ्राय हो गया ... शुरू हुआ व्हिस्की तो याद आया और फिर शुरू ... यु पी में मैंने कैसे डकैतों को खदेड़ कर रिपोटिंग की ... सोनिया गाँधी कैसे मेरा नाम लेकर बुलाती थी ... भाई साहेब मटन बाबू ने अतहतह कर दिया ... जय हो मटन बाबू |

मंगलवार

भाई साहेब मैंने चरस नहीं दारु पी है


जय हो यह तो कमाल हो गया ... भाई जी के चैनल के दो एंकर ने वो कमाल किया की धोती फट के रुमाल हो गया ... नहीं समझे ... कहाँ किस खेत में रहतें हैं आप ... अरे वही भाई जी चैनल वाले झाजीवा... नहीं मालोम तो अपुन आपको बताई देता है ... विचित्र शहर के ... हडताली मोड़ से आप भगवान् कृष्ण के नाम वाले इलाके में जाइए ... बस दारु वाले दूकान से पश्चिम हो जाइए ... बच्चो वाले पार्क के पास पहुंचे की ... बाए ... सामने देखिये ... मिल जाएगा भाई जी का चैनल |

तो सायबान , आप समझ गए की इस चैनल के असली मालिक कौन है ... मामा या भगिना|मामा तो गुमान में है और भगिना तो मत पूछिए साहेब ... कपूत नहीं पूत है | तो असली कहानी अब ... चैनल में कई एंकर है ... कोई दारु पीता है तो कोई गांजा तो कोई चरस नहीं तो कोई किसी की रखैल |आज भी गांजा सिगरेट में भर कर पीने वाला कोई और नहीं ... अरे वही अपना राजेन्द्र नगर में रहने वाला ... वीवी को वेश्या घोषित करने वाला और दूसरा... भाई ... क्या बताएं ... रहता है गंगा के सामने एक अपार्टमेन्ट के किराए के फ़्लैट में और गंगा को माँ नहीं ... ? आप समझ लीजिये क्योंकि इस कहानी में सारे पात्र असली है ... सिर्फ नकली है तो लेखक |

तो भाई जान आज दोनों एंकर में शर्त लगी कौन कितना पीता है ... एक ने पहले सिगरेट में गांजा भर के पी ... ताव में दुसरे ने भी पी ... फेर चरस आया ... विचित्र शहर के बजरंगवली जो आने वालो और जाने वालो की निगरानी में स्टेशन पर बैठे है... का सहारा लिया गया ... उनके मंदिर के पीछे ... थंक्यू ... आज बजरंगवली को भी समझ में आया | पर महावीर जी को लगा कि सा .... ला .... ई दुनु तो फाड़ दिया सो अपने गार्ड को भेजे ... दारु पीते और एक दुसरे की माँ ... बहन ... वीवी को गरियाते पकड़ा गया ...|

विचित्र शहर के ठण्ड में ऐसी मार पड़ी कि दोनों मिमिया गए | जारे कुलक्षण ... ताव आ गया ... सा ... मारेगा ... हम झाजीवा के चैनल में एंकर हैं ... ल ... और ठुकाई ... सबके सामने झाजीवा को पब्लिक का माँ बहन ... याद आया ऐन्करवा को ... रे सा ... ई तो स्टेशन है ... पैर पकड़ा ... गलती हो गयी मज़ाक कर रहे थे ... भैया आप मेरे बाप नाहित है ... मेरे घर आईये ... जो कहिये ... ने ...नहीं तो सब इंतजाम कर देंगे |

अब कहानी का पटाक्षेप ... बच गया पर विचित्र शहर का हर कोई कहानी से वाकिफ | जय हो