सोमवार

छोटे भाई जी का खौफ ... मिललअ त लटकल बेटा


जय हो

आजकल मौर्या टीवी में छोटे भाई जी का खौफ ऐसा है कि तबियत ख़राब होने के बावजूद कोई मिलने नही आता ... कोई मिला कि नहीं की छोटे भाईजी शुरू हो जाते है ... ले भाई कौन फसेंगा ... बेचारा कारिन्दा फंस ही गया उस दिन ... सुबह सुबह हाल पूछने क्या गया कि छोटे भाईजी ने पकड़ लिया ... बेचारा ... छोटे भाई जी टोपी लगाईं ... माथे पर टीका लगाईं और बेतिया की सडको पर निकल गए ... रे भाई एक नहीं ... दो नहीं ...तीन नहीं ... पांच किलोमीटर ... बेचारा कारिन्दा ... फट ही गया बेचारे का ... पर आजकल टीवी के अन्दर भी लोगो की फट रही है ... बेचारी वो तीन है ... और प्यार जी को कोई भाव नहीं ... देखती भी नहीं ... प्यार जी को ताव आ गया ... सिफारिश कर दिया ... तीनो को निकालिए ... ल ... फिर यहाँ टपक गए नयन सुख जी ... बेचारे ... मुगलिया सल्तनत की चर्चित ... सुल्ताना के चक्कर में अड़ गए ... यह नहीं जायेगी ... यही रहेगी ... न ... ही तो ... सब समझ गए कि रत्तू भैया से लेकर नयनसुख को बैतरनी पार कराने वाली सुल्ताना की भाव बढ़ गया ... अब नहीं जायेगी तीनो |

तो सायबान ... प्यार जी को बाट लगा दिया नयनसुख ने ... और बदला साधा लिया पार्टी में गाली सुनवाकर ... इसी को कहते है ... अपटी खेत में जान देना |

जय हो

रविवार

गए थे हरी भजन को ओटन लगे कपास


जय हो

मौर्या टीवी वालो की जय हो ... ऐसा जय जो कभी किसी के साथ नहीं हुआ हो ... जय जय ... पर जय के साथ भय ... गाली का ... नयन का ... कर दिया गोल गपाड़ा | कभी भी इ नयनवा को भला नहीं होगा ... कु .... है |रंग में भंग करता है ... हे भगवान् इसको भी ... पानी नसीब नहीं हो ... सा ... रामी है |इसको रतौंधी हो जाय ... नै तो मोतिया बिन्द हो जाय ...| यह शब्द मेरे नहीं है ... आप जाइए और मौर्या टीवी के ऐसे किसी से बात कीजिये जो रात में विनय की विदाई पार्टी में भात खाने गए थे पर ... हे दिना नाथ कोढ़ी फूट जाय इसको ... | समझे आप ... रह रह कर पांड़ेवा ... पानी पी पी कर गाली देता मिल जाएगा | यह होना भी चाहिए इसीलिए हो रहा है | आप नहीं समझ पाए कोई बात नहीं ... आपको पूरी कहानी ही बता देते हैं |

असल में विनय ने मौर्या टीवी से विदाई ले ली है और इस ख़ुशी में उसने अपने घर पर एक पार्टी दी और इस पार्टी में मौर्या टीवी के सारे लोंगो को बुलाया पर नज़रे इनायत करने वाले नयन सुख को इस ख़ुशी में शामिल होने का न्योता नहीं दिया | और नयन सुख जी टाक में थे की पार्टी को भारनष्ट कर दें और मौक़ा मिल गया | शनिवार की रत ... रात दस भी नहीं बजे थे ... इनपुट और आउटपुट खाली ... सब भात पर टूटने नहीं बल्कि न्यूज़ एक्सप्रेस तक मैसेज पहुँचाना चाहते थे की सब आने को तैयार है ... विनय से पैरवी चल रही थी ... नयन सुख जी ने ना आउ देखा ना ताव और लगाया भांजा श्री को फोन ... हजूर ... माई बाप ... सब गजबे कर दिया है ... एक्को गो नहीं है ... सब गायब है ... कैसे चलेगा चैनल ... ले बलैया... भांजा श्री तुरते हाज़िर ... कहाँ हैं सब सा ... फोन लगाओ ... मोबाइल की घंटी बजी ... हेल्लो ... प्यार जी ... बात कीजिये ... हेल्लो पांड़े ... फाड़ दूंगा ... सा ... जल्दी ... निकल |

हो गया खेल ... नयनसुख जी मस्त ... कुमार साहेब ने खेल देखा ... बच गए रे भाई नहीं तो हमको भी ....| जय हिंद ... मौर्या टीवी जिंदाबाद ... | पर भगवान् है तो इसको ... इसको फिर से ... देखना हो भगवान् इस बार बचे नहीं |चीख पुकार प्यार जी और पांड़े जी के सीने में गूँज रही है |

जय हो

शुक्रवार

मौर्या में इंटरव्यू


जय हो

मौर्या टीवी में आजकल ताबड़तोड़ तरीके से कर्मियों का इंटरव्यू लिया जा रहा है ... कहने को तो यह कर्मियों का मन टटोलने और उनकी सैलरी और पद में बढ़ोत्तरी के लिए है पर इसका असली कारण कुछ और ही है !दरअसल पिछले एक महीने में मौर्या टीवी को कई लोंगो ने अलविदा कह दिया और कहीं और जाकर ज्वाइन कर लिया इससे प्रबंधन में खलबली मच गयी है की आखिर लात मारकर काने की वजह क्या है सो यह एक घटिया तरीका अपनाया गया है ! जबकि होना यह चाहिए की अक्षम और वाहियात को बाहर का रास्ता दिखाकर जो कामुक लोग हैं उनकी सैलरी बढ़ा कर एक अच्छा माहौल बनाते ... पर यहाँ तो मामला ही उलटा है ... इंटरव्यू के बहाने महिला एंकर से आधे घंटे तक बातचीत का सबब हर कोई जानना चाहता है |चैनल के शुरुवाती दिनों से काम कर रही महिला एंकर से आधे घंटे की पूछताछ ... का जान रहे थे कुमार बाबू ... भांजा जी तो पहले से ही घोषित रसिक है पर आप तो ...?

वैसे जाने वालो की सूची मौर्या से लम्बी होती जा रही है ... कोई एक्सप्रेस में तो कोई इधर उधर ... वैसे पांड़े भी लक्कर आर्यन में लगाया था ... पर वहां गुंजन आ गए ... गुंजन को आज भी मौर्या से निकलवाने वाले दुशाशन पांड़े की खोज है ... भरी सभा में चिर हरण किया जाएगा ... बदला होगा पूरा ... उसके बाद शंखनाद होगा |आर्यन ठोकेगा रोज़ एक बवाल खबर और मौर्या टीवी ठिसुवा कर रह जाएगा ... रणनीति ... राजनीति नहीं ... यही खेल ... |

जय हो

शनिवार

साजिश ... षड़यंत्र की बू आरही है मौर्या टीवी में

संपादक जी बरा सिरियस हो गए है...समझ में नहीं आता की का करें.... कैसे भी कर करा के चैनलवा तीन नंबर पर आ गया ... तब भी हेडमास्टर जी को अपने पीछे बू ... बू आती है ...सब सा ... साजिश में लगे है ... लेकिन कुमार जी आपको फाड़ कर औरो को का मिलेगा काहे आपको सब में साजिशे लौकता है|

लेकिन हम जान गए की आपको साजिश की बू कहाँ से आ रही है ... भांजा जी के माथा के ऊपर से ना ... एक दम सही सोच रहे है अरे भांजा जी की खोपड़ी अब खतरनाक हो गयी है... देखे ना टी आर पी आया... और गाल कौन बजा रहा है ... किये दिए आप और मज़ा कोई और लेने के लिए तैयार है ... समझिये की जिसके खिलाफ आप साजिश किये ... उ आज अगर आपका... एट पीएम ब्रांड को देसी इस्टाइल में चुक्का में दाल कर बेच रहा है तो समझ लेना चाहिए ... उ तो बोला कुमार जी डाल डाल और बाबा पांड़े पात पात ... कर दिए थे बाबा पाँरे का बत्ती गुम बेचारा दिल्ली का गया नाशे कर दिया सब मिलकर ... इनपुट से एकदम्मे आउटपुट ले ... लहरियासराय कर दिया था उ तो ... बचा दिया ... खेल का तेल निकल गया |

अब कुमार जी बू आ रही है तो का ... का बिगाड़ लेंगे ... तभी ना मीटिंग में साजिश का खुलासा किये ...अब देखिये ना भाई जी का प्रोग्राम ... वेंदु जी का प्रोग्राम तकुमार साहेब चुप थोड़े रहेंगे एक्के बार में दू गो प्रोग्राम पर कुमार की के लिए ठन ठन गोपाल .... भोर में दू गो प्रोग्राम हीट... शामो में एगो फिट... लेकिन... आठ का वाट... लग गया ना ...कोई देखने वाला नहीं...भाई जी के आने खौफ में बेचारे का सब बार बार गिला हो रहा है ... धुत महराज अरे उ नहीं ... नयन से आंसू की धारा और इ नयनमा भांजा के साथ मिलकर खेल कर रहा है टी आर का पी गायब करने के चक्कर में है ... सो कुमार साहेब बुधवार से टेंसन में हैं... धाय एक मीटिंग बुला रहे है ... एलर्ट ... साजिश की बू आ रही है ... सावधान ... साजिश |

गुरुवार को तो गजब हो गया... कुमार साहेब ने नाइन 2 नाइन से महंगा वाला स्नो और पाउडर मंगवाया फेस मसाज भी किया और करीने से नेचुरल कलर लिपस्टिक भी लगाया और ले बलैया खेले खराब कर दिया ... मंत्री जी का लाइव बीचे में कट गया... रिपोर्टर को खोजा ...नदारद..... पटना रांची दोनों पार....किसी तरह लाइव ख़तम हुआ लेकिन टेंशन बढ़ गया खत्मे नहीं हो रहा था... ऊपर से मेकप वाला ठेंगा दिखा दिया है ... बेचारा पोछना उठाने के लिए तैयार नहीं हुआ ... अब तो वो भी वाट लगा दिया है | बुरबक को पते नहीं था की कुमार बाबू अपने चहरे का कितना ख्याल रखते है...फतवा जारी कर दिया... उसके लिए और बज गया बैंड अपना |जय हो कुमार बाबू |

अब खेल इधर का देखिये ... सब के बीच में एमसीआर ने ऐसा पटका मारा की कुमार बाबू ... ना नर ना नारी ... प्रोग्रामे नहीं चलाया.... ले लोटा...अब कुमार बाबू को देखिये ... दिन भर ऍमसीआर मुह मारते रहते हैं |नचा दिया है सब ... और खेल के पीछे के खेल को अब कुमार ने पकड़ लिया है ... बू आ रही है ... दुर्गन्ध ... साजिश का गंध ... पलीता लगा दिया है बस ...|

जय हो

मधुरशील अब चैनल हेड


जय हो

पक्की खबर ... एक महीने से अपनों से परेशान देश लाइव ने आखिरकार सम्पादक धीरेन्द्र श्रीवास्तव से किनारा कर ही लिया और चैनल की जिम्मेवारी मधुरशील को दे दी गयी | बिहार के जानेमाने बिजनेसमैन नीतीश्वर ने देश लाइव की बुनियाद रखी उसको लेकर शुरू से ही राजनीति शुरू हो गयी थी | महुवा टीवी से बेईमानी के आरोप में निकाले गए ऋषि नाम वाले सज्जन ने यहाँ भी खेल शुरू कर दिया था ... महिला एंकर और प्रोडूसर को घंटो कमरे में बिठा कर सेंटिमेंट को जगाने और फिर ... जाने दीजिये ... ऋषि महाराज तो सतयुग से ही ऐसे थे... अपना गिरेबान झांके नहीं और बीबी को पत्थर बना दिए थे ... तो हुजुर ... ऋषि जी के जाने के बाद चैनाल्मे कामकाज ठीक हुआ की भाई अखबारी लाल को मालिक की याद सताने लगी | नया फरमान ... विजुअल नहीं ... टेक्स्ट फार्मेट से काम चलाओ ... असली नकली नहीं पैसा लाओ ... रे भाई जा ... रन अखबार है क्या ... डीएम और एस पी विज्ञापन देगा ... ठेंगा छाप आदमी ... डाक्टर बोला था पत्रकार बन जाओ |

भाई साहब को नीतीश्वर ने बाहर ... राजापुर.. टेम्पो स्टैंड का रास्ता क्या दिखया ... मन का धीर भूल भाई लग गए मधुर को बजाने में ... भाई मधुर ने दिल्ली में दूरदर्शन के लिए एंकरिंग भी की है ... मंदी हाउस पर बैठकर बादाम भी फोड़ा है ... इ टीवी के चतरा से लेकर रांची ब्यूरो भी सम्हाला है ... कहने को तो इंदिरा गाँधी भी गंदी थी ... किसी के पास कोई सबूत है तो बताये ... बस मधुर में यही कमी है की यह हंस कर बात करता है ... सच्चा है और रहेगा ... जिस घर में कोई पत्रकार नहीं हो ... बनारस यूनिवर्सिटी का छात्र ... पारिवारिक दवाब के बावजूद कर्मठता ... थैंक्स मधुर ... बधाई ...आदित्य आपको जानता है ... उस सच्चाई को भी जो शायद यहां के पत्रकार नहीं जानते ... खासकर के चू... यस ... जो सिर्फ आजकल ब्लैकमेलिंग को धंधा बना चुका है |

जय हो

विदाई का सबब


जय हो

यह गलत किया है देसी शराब नाम वाले चैनल ने ... भाई ठाकुर जी को विदा कर दिया ... का गलती हो गयी थीं ... ग़लती हुई तो ठीक भी किया जा सकता था ... इ का मतलब हुआ की सीधे ... ग ... मुडिया दे कर पलट दीजिएगा | इ भाई ठीक नहीं है ... अपने हिसाब से चैनल चलाइये ... शिकायत नहीं ... पर जब न तब तेल निकालने पर लगे रहिएगा ... ऐ भाई आप ही लोग जनता जनार्दन हैं ... फैसला कीजिये ... ठाकुर जी पटना में रहे महुवा से नशा पैदा करते रहे ... एक्को बार बाज़ार में नहीं गए ... बैठे बिठाए खेलते रहे ... लेते रहे रहे ... हाँ इ गलती हो गया की सड़क से चुनकर उठाये और भाप पर चढ़ा कर नशा पैदा करते रहे ... पर इ कौनो बात है की जब चाहिएगा ... हवा ऐसे थोड़े निकाला जाता है ... तरीका नया अपनाइए ... ठीके बनारसी है ... |

तो सायबान आपके लिए खबर इ की ठाकुर जी अब देसी कंपनी से बाहर ... अब फिर झाजीवा ताल ठोकेगा... आया ऊंट पहाड़ के निचे ... पर यह गलत है ... ठाकुर जी गलती किये तो का मतलब ... उनके साथ भी ऐसे ही होगा ... न ... इसका विरोध करेंगे तबतक जबतक की बेचारे ठाकुर जी का माल ख़त्म ना हो जाए और ठीके पहाड़ के निचे ना आ जाएँ |

वैसे कहावत ठीके है ... बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए |

जय हो

गुरुवार

एक साल चले डेढ़ कोस


जय हो

भाई जी के चैनल ने एक साल पूरा कर लिया ... जानदार शानदार जलसा के साथ सेलिब्रेट भी हुआ ... ख़ुशी को इज़हार करने के लिए अशोका होटल में पूरा इंतजाम ... मटन ... मुर्गा से लेकर सब कुछ ... सब गरम ... गर्मी इतनी की समय पर एक साल के ब्योरा का क्लिपे नहीं चला ... पर सब बढ़ियाँ इंतजाम ... कमी थी तो भाई जी का ... ना अपने आये और ना लोंगो ने याद ही किया ... अपने में मशगूल रहे सब ... मुर्गा का लात तोड़ते रहे पर भाई जी की याद नहीं आया किसी को ... भाई जी को तो छोडिये ... भाई जी की पसंद के सम्पादक मुकेश कुमार की भी कोई चर्चा नहीं ... चैनल एक साल में मज़बूत हो गया ... बिना ... छोडिये ... ऐसे ही होता है |चैनल है ... भाई जी का पैसा है ... उडाना है ... फूंकना है तो फूंको भाई ... अपने में बाँट लो पुरस्कार ... अपनी पीठ है जैसे मन वैसे ठोक लो ... हम ठोकेंगे तो दिक्कत होगी ... खुलासा नहीं होगा |

तो चैनल एक साल का ... एक साल के ज़द्दोज़हद की कोई चर्चा नहीं ... गेस्ट भी ऐसे जिसे कोई जानता नहीं ... एक दुसरे से पूछते रहे ... बेस्ट परफोरमर कौन ... नैन नक्श वाले ... विनय से विनम्र तक ... कला से शिल्प तक ... बिरहा प्रेमी सम्पादक तक ... खूब बांटे ... तीस गो पुरस्कार आ सब तीसमार खान सब को ... दो महीना पहले आये ... पुरस्कार पाए |पर एक साल में क्या खोये इसकी चर्चा तक नहीं | हैं ना मजेदार ... जायकेदार |

भाई जी का चैनल और भाई जी आये क्यों नहीं ... छोटे भाई जी भी नहीं आये ... भांजा ने कमान सम्हाल रखा था ... सम्हालना भी चाहिए ... बुर गया वंश कबीर का उपजा पूत कमाल | तो भाई एक साल के मौके पर इंतजाम में कोई कमी नहीं ... सामने सबकुछ और ... हिडेन भी रहना चाहिए ... लेकिन चेहरे पर रौनक हिडेन रहने कहाँ दिया ... ठुमक ठुमक वाली चाल और चौरी होती आँखे सब कुछ बयान कर रहा था |

तो भाई जी नहीं आये ... आते तो ... पचा नहीं पाते ... फरेब के जाल को पचा नहीं पाते ... आते तो सब घोषणा भी करा लेता ... तब भाई जी पूछते की भैया प्रेम जी को पुरस्कार आउटपुट का और सम्हाल रहें है इनपुट ... यह तो वही वाली कहावत हो गयी ... देखो रे देखो किस्मत का खेल पढ़े फारसी बेचे तेल |तो भैय्या ... एक साल की पार्टी पर कोई स्माइल नहीं ... सबके चेहरे पर भाई जी के नहीं आने और उनकी चर्चा नहीं होने का गम ... मन मसोस कर मन ही मन सब गा रहे थे ... के दुःख बांटी संग चली के ... का बुझी इ दुनिया ... केकरा के दुःख दरद सुनावे पिजरे वाली मुनिया |

जय हो