मंगलवार

मीडिया की फूलन



जय हो

पटना के पत्रकारों की जय हो | भाई बड़े पत्रकारों को सलाम ... नमस्ते .... मान गए की चुन चुन कर आप लोग पत्रकारिता में नगीना ला रहें है ... क्या कहना ... आइसा नगीना की बोलती बन्न | यह नगीना खाली हाथ नहीं चलाती ... बाकी मुंह आइसा चलाती है की बड़े बड़े धुरंधर चारो खाने चित्त |अब देखिये ना उस दिन की ही बात है बिहार सरकार के एक मंत्री खिसियानी बिल्ली की तरह मुंह निपोड़ कर रह गए ...डरे कितना रिपोटर दुरे रहता है ... सटलअ त लटकलअ बेट्टा |
तो अब आपको पूरी कहानी बता रहा हूँ ... पटना की पत्रकारिता पूरे देश में सम्मान की पत्रकारिता रही है !यहाँ के दो चार पत्रकारों को छोड़ सबने इसकी गंभीरता बनाए रखी है | ऐसी पत्रकारिता को पुरे देश के पत्रकार सम्मान देते रहें हैं !पर टीवी मीडिया के आने से पत्रकारिता के दामन दागदार होने लगे | लिहाजा बाद के दिनों में यहाँ ऐसे लोग भी आ गए जिनका ना तो कोई मिशन था और ना ही कोई सोच ... सीधे कैमरा पकड लिए की कम पढ़े लिखे होने की वजह से नौकरी कही तो मिलेगी नहीं ... इस ढाल को अपना लो ... अब सारा कुछ दरकिनार सामने माँ बहन की गालियाँ वह भी सबके सामने ! अब तो जो लडकिया इस पेशे में पटना में है वो तो ... फूलन देवी की जय |
भाई यह फूलन पत्रकार देश के चर्चित बहुभाषी , आर्थिक, इंटरटेनमेंट चैनल के पटना में पत्रकारिता की ट्रेनिंग ले रही है !कैमरा से लेकर लिखने तक का ! टीवी जर्नलिज्म की इस नयी पौध को कभी आप किसी से बात करते देखिये ... फट के हाथ में आ जाएगा | कही और की घटना है उसकी भाषा पर एक ने टिपण्णी कर दी लडकी ने कहा ... यहाँ तुम घुमते रहे मैंने दिल्ली में कितनो को मज़ा दिया और लिया ... तुम्हारे पास वो है नहीं की मज़ा ले सको साला |आजू बाजू सन्नाटा ... सब भागते नज़र आये |
यह कहने की बात नहीं पर इतना बताना चाहूंगा की पटना में यह कोई पहली लड़की नहीं है ... प्रिंट और टीवी मिलाकर यहाँ पचास के आसपास लडकियां है जो काम कर रही है ... कई तो अभी अपने ब्यूरो के हेड हो गयी है पर किसी की जुबान इतनी गंदी नहीं रही !सब सम्मानीय रही और सम्मान पाती रही ! पर इसको ... इसकी जुबान को कौन है जो गंदा कर रहा है | फूलन देवी तो बन्दूक चलाती थी और लोग डर जाते थे ... पर पटना पत्रकारिता की इस फूलन की जुबान ऐसी चलती है की सब भयभीत की कब कपड़ा फाड़ कर इलज़ाम लगा दे |
जय हो