शनिवार

सिर्फ सात की ही बलि क्यों


सिर्फ सात की ही बलि क्यों
जय हो

मौर्या टीवी वालो ने अपने संस्थान से सात लोंगो को निकाल दिया है और तीन को वार्निंग दिया है की सुधर जाओ वर्ना गए तेल बेचने ! दरअसल पिछले ढाई साल से चैनल लौंच ना कर पाने की खीझ मौर्या कर्मियों पर उतारा और सात कर्मियों को चैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया ! इनमे दिवाकर , आशुतोष पाण्डेय , पुरषोत्तम , संतोष श्रीवास्तव ,अनामिका ,अवनीश के साथ नीतेन्द्र है ! साथ ही नयन ,रजिया और ज्योति को एक महीने के अन्दर अपनी काबलियत साबित करने को कहा है ! ये वो लोग है जो मौर्या में राजनीती की शूटिंग के खिलाफ थे और स्पोट बॉय गलती से बन गए थे ! हालांकि पुरसोत्तम और आशुतोष पाण्डेय को प्रभात झा भी जिलेबी खिलाने को तैयार थे पर यह नहीं हो पाया !

खैर , मुकेश कुमार एंड गुंजन सिन्हा ने इंटरविउ के बहाने चैनल के तमाम लोंगो की परीक्षा ही नहीं ली वल्कि इंटरविउ के दौरान उनकी पैंट भी उतार ली थी ! मसलन , प्रिये रत्नेश्वर भाई को तो जब पूछा गया की आपने ढाई सालो में चैनल में क्या किया ? जवाब ही नहीं था! सीधा जवाब: हजुर नौकरी से मत निकालिए जो कहेंगे वो करेंगे चाय लाने से पैर पूजी तक ! काम छोड़ कर जो कहिएगा कर देंगे ! ख़ास कर आप लोंगो के लिए स्पेसल इंतजाम भी कर देंगे ! सिर्फ टेस्ट बताना होगा !

ले भाई ! गुंजन के तो मुंह में पानी और भाई की .....या खुदा अल्लाह देता है तो छप्पर फार कर देता है ! बच गयी नौकरी रत्नेश्वर की ! पर अकरम मारा गया ! उसका तो इंटरविउ महज इसलिए नहीं हो पाया की ना तो वह तीन में है ना तेरह में ! इसीलिए अभी से बाहर नौकरी खोज रहा है ! अन्दर दारु पीते बॉस की दरबानी करता है ! एक कहावत है ! लोभी के देश में ठग भूखे नहीं मरता है ! और मौर्या के ठग लोभी बॉस को सपना दिखा कर अपनी नौकरी की फ़िराक में लगे हैं !
जय हो