शनिवार

सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का


जय हो

भैय्या की जय हो |सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का... पुराने नाम वाले चैनल में टोपी वाले बाबा ने कमान संभाल है...ला...की तो पौ बारह हो गई है...कोई किसी को टेरवे नहीं करता है...सब ला...सब सा ... ताव में ही रहता है....रे बोलेगा...कल तक मिश्रवा था तो तुम लोग बड़ी उछलते थे...अब हमारा राज है...समझा रे झाजीवा |

इनपुट और आउटपुट के दूगो सदस्य किसी बात पर उलझ गये...पिछले पांच दिनों से चलती में रहने वाला वर्मा वोला...रे काहे टर्र टर्र करता है...चंदन वदन को बुरा लग गया...बोला पिछले पांच दिनों से तुम बहुत उड़ने लगे हो...अच्छा नहीं होगा...संभल जाओ...रे भाई ... इ वर्मा भी ... आ गया ताव ...बोला....तू क्या देखेगा रे...तुम्हारा मिसरवा तो अब गया...अब जो हम कहेंगे ऊ करना पड़ेगा...ई बात सुनते ही ... भैया चंदन वदन वाले पंगा जी भड़क गए... एक हाथ से पैंट संभालते हुए... दौड़ पड़े... याद आ गया गुरु का खेल ...कैसे बेतिया वाले झाजिवा को गुरु ने ... बस क्या था सब हो गया मुंह से माँ बहन सामने लूट गयी और ये पीठ थपथपाते रहे और... पब्लिक... लिया ... उ नहीं मज़ा ...देखेगा...इतना दिन भी अभी ख़राब नहीं हुआ है...ऐसी की तैसी कर देंगे...बात बढ़ गई...मां...बहन तक बात पहुंच गई...इतने में टोपी वाले गिन्जन बाबा को भनक लगी...बीच बचाव करने के लिए दौड़े...अब दोनों ... पर... अड़ गया...इसके हटाओ नहीं तो हम इस्तीफा दे देंगे...

बाबा भी सोच में पड़ गये...ले लोटा....ज्वाइन करने के दो दिन बादे चार गो छोड़ गया....अब अगर इहां लफड़ा हुआ तो सब गुर गोबर हो जाएगा....जाति वाले को हटा नहीं सकते...और दूसरे को हटाया तो वैसे ही बदनाम हैं....फुल खिलने से पहले मुरझा जाएगा.....किसी तरह दोनों को शांत किया....मामला तो फिलहाल शांत हो गया...लेकिन दोनों मिलकर इतना बड़ा नाटक खड़ा कर दिया है...बाबा एक बार फिर से टेंसन में हैं कि एक बार तो किसी तरह मामला शांत हुआ लेकिन अब होगा तो क्या करेंगे.... बेचारे यही सोच कर परेशान हैं।

जय हो