रविवार

संकट अभी टला नहीं और झंझट लेने पर तुले हो

जय हो

किसी ने सच ही कहा है दुम अगर टेढ़ी है तो लोहे की पाइप भी उसे दस सालो में ठीक नहीं कर सकता ! यह अब दिख रहा है मौर्या टीवी में ! किसी तरह प्रकाश झा चैनल को ओनएयर करना चाहते हैं तो टेढ़ी दुम वाले साहेब लोग आपस में ही उलझा देते है चैनल को ! अब देखिये ना तयारी २६ जनवरी को झंडा फहराने की है पर चैनल के राजीवमिश्रा गायब हो गए है ! दस दिनों से दफ्तर नहीं आ रहे हैं ! संकट ही संकट ! भाई प्रभात झा लौट आये डाकू के मुखबीर को पत्रकार बनाकर और गेस्ट हाउस में डेरा डंडा जमा लिए है ! तो रत्तू भैया लाज शर्म बेचकर फिर चैनल में बिना पेंदी के लोटे डीएम राजेश के साथ लौट आये है ठीक उसी तरह जैसे किस्से की बुढ़िया रोज़ नदी से लौट आती थी लोग पूछते थे की मरी क्यों नहीं तो बुढ़िया का जवाव होता था की घास ने रोक लिया ! और रत्तू भैया को भी ऐसे ही कोई रोक लेता है बेचारा डूब भी नहीं पाता लगातार जलील होने के बाद रत्तू को अब पता है नहीं है की ज़लील कहते है किसे !दरअसल रत्तू के सामने परेशानी है की उसने मौर्या टीवी के स्टाफ बनते ही मारुती गाडी खरीद लिया और उसका किस्त देना है सो ज़लील क्या लात भी लोग मारेंगे तो भी भैया काम करेंगे भले ही .... टेस्ट चेंज करने वाला ही काम क्यों ना हो !
अब एक बात और की मौर्या टीवी वाले कई नेट ब्लॉग को पैसे दें रहे की उनके बारे में असलियत ना लिखा जाय ! पर सच यह है की मौर्या के अन्दर अफरातफरी मची है सब भागना चाहते है पर बाहर कोई काम देने को तैयार ही नहीं ! वैसे कोलकाता में सड़क पर इंस्पेक्टरी करने वाले सरकार को रख कर अच्छा ही हुआ यहाँ भी आग लग सकती है ! सरकार को सीएनइबी ने इसी लिए निकाल दिया था की इसके रहते सर्वर में आग लग गयी थी अब मौर्या वाले समझे !
तेज़ तर्रार प्रोडूसर लोग आकर ज्वाइन कर लिए पर काम ही पता नहीं ! दरअसल प्रकाश झा ने आज़ादी ही नहीं दी है की कोई अपने मन से काम करे अगर बिना पूछे किया तो हलाल !
बहरहाल राजीव मिश्रा दिल्ली में नौकरी की तलाश में लग गए है और खबर तो यह है की बिहार के एक राजनीतिग्य के पैसे से चैनल ही लायेंगे ! देखें क्या क्या सब दिखाए जिंदगी !
जय हो

शुक्रवार

नए टेक्नीकल हेड

जय हो

एक खबर मौर्य टीवी के लिए की मोहंती के ऊपर एक नए टेक्नीकल हेड आ गया है ! जो अब चैनल लौंच करेगा !

जय हो

सोमवार

भला है बुरा है जैसा भी है मेरा पति मेरे देवता है

जय हो

यह किसी के घर में घुस कर उसके बेडरूम में झाँकने की मेरी कोशिश नहीं है कि वहां देखू कि कोई यह गाना गा रही है या ... रही है ! लेकिन जब संकट आता है तो पेड़ , पौधे , सड़क , गिट्टी , बालू , दीवाल सबमे सुनने कि शक्ति आ जाती है! तेज़ आवाज़ होते ही चमकू बैल कि तरह ये तमाम चीज़ हिनहिनाने लगते है और खबर फ़ैल जाती है ! किसी लेखक ने बिलकुल सही लिखा है कि आप रात या दिन भले ही सोते हैं पर आपकी जीभ नहीं सोती है ! अब जबकि कहानी कि जानकारी सबको हो गयी तो श्रीमानजी कहानी कि नायिका का तबादला कर दिया गया है ! वह भी उसके भाषा भाषी इलाके में जहाँ किसी चीज़ कि गूँज नहीं होती सब कुछ ऐसे ही गर्त में मिल जाता है और कुछ भी शेष बचाता है तो सिर्फ स्मिरितियाँ !
भले ही आज मटुक नाथ अपनी शर्मनाक हालत को लेकर निर्लज्जता कि सीमा लांघ जाए और सरेआम मंच से अपने घटिया प्रेम कि दुहाई दें पर कोई भी एक सभ्य व्यक्ति अपने घर उन्हें नहीं बुलाता ... तो यह है समाज ! नीचता की सीमा के पार कर किसी के लिए समाज से टकराने कि जरुरत उस उम्र में पड़ती है जहाँ बालक मन प्रभावी होता है ! अब यह सब करने का अर्थ सीधा है कि आप दलदल में जाना चाहते हैं .............. तो जाएये ! गुड बाय !
अनानास के खेती वाले इलाके अखबार के लिए वह जगह है जहाँ किसी को कालापानी कि सजा दिया जा सके ! सो तय हुआ और मैडम कालापानी भेज दी गयी हैं भले वो ज्वाइन ना करें यह अलग बात है !लेकिन इस खबर ने मीडिया जगत में जातिवाद फैला दिया है ! जाति के पत्रकार भाई सब इकट्टा है कि जाति को बदनाम किया जा रहा है ! पर कोई भी जुबान से पाप के खिलाफ क्यों नहीं है ... पाप और पापी , अपराध और अपराधी , कुकर्मी और कुकर्म को बढ़ावा देने से कोई फायदा नहीं है बंधू !
खैर , दुनिया में लहू के दो रंग है यह अब समझ गया ... आप समझे ... नहीं ना .... तो आप अनाड़ी है ! अब ..... जय हो

भला है बुरा है जैसा भी है मेरा पति मेरे देवता है

जय हो

यह किसी के घर में घुस कर उसके बेडरूम में झाँकने की मेरी कोशिश नहीं है कि वहां देखू कि कोई यह गाना गा रही है या ... रही है ! लेकिन जब संकट आता है तो पेड़ , पौधे , सड़क , गिट्टी , बालू , दीवाल सबमे सुनने कि शक्ति आ जाती है! तेज़ आवाज़ होते ही चमकू बैल कि तरह ये तमाम चीज़ हिनहिनाने लगते है और खबर फ़ैल जाती है ! किसी लेखक ने बिलकुल सही लिखा है कि आप रात या दिन भले ही सोते हैं पर आपकी जीभ नहीं सोती है ! अब जबकि कहानी कि जानकारी सबको हो गयी तो श्रीमानजी कहानी कि नायिका का तबादला कर दिया गया है ! वह भी उसके भाषा भाषी इलाके में जहाँ किसी चीज़ कि गूँज नहीं होती सब कुछ ऐसे ही गर्त में मिल जाता है और कुछ भी शेष बचाता है तो सिर्फ स्मिरितियाँ !
भले ही आज मटुक नाथ अपनी शर्मनाक हालत को लेकर निर्लज्जता कि सीमा लांघ जाए और सरेआम मंच से अपने घटिया प्रेम कि दुहाई दें पर कोई भी एक सभ्य व्यक्ति अपने घर उन्हें नहीं बुलाता ... तो यह है समाज ! नीचता की सीमा के पार कर किसी के लिए समाज से टकराने कि जरुरत उस उम्र में पड़ती है जहाँ बालक मन प्रभावी होता है ! अब यह सब करने का अर्थ सीधा है कि आप दलदल में जाना चाहते हैं .............. तो जाएये ! गुड बाय !
अनानास के खेती वाले इलाके अखबार के लिए वह जगह है जहाँ किसी को कालापानी कि सजा दिया जा सके ! सो तय हुआ और मैडम कालापानी भेज दी गयी हैं भले वो ज्वाइन ना करें यह अलग बात है !लेकिन इस खबर ने मीडिया जगत में जातिवाद फैला दिया है ! जाति के पत्रकार भाई सब इकट्टा है कि जाति को बदनाम किया जा रहा है ! पर कोई भी जुबान से पाप के खिलाफ क्यों नहीं है ... पाप और पापी , अपराध और अपराधी , कुकर्मी और कुकर्म को बढ़ावा देने से कोई फायदा नहीं है बंधू !
खैर , दुनिया में लहू के दो रंग है यह अब समझ गया ... आप समझे ... नहीं ना .... तो आप अनाड़ी है ! अब ..... जय हो

रविवार

काठ की हांडी बना मौर्य टीवी

जय हो

आखिरकार वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था ! रत्तु भैया घर बैठ गए हैं ! खबर है की भैया को डिप्टी एडिटर से सीधे प्रोडूसर बना दिया तो भैया का दीमाग गरम हो गया और घर आकर बैठ गए ! हो भी क्यों नहीं ऐसी बेइज्जती कभी किसी का ना कभी हुआ और ना होगा ! मैत्री को प्रोमोसन , अकरम सर को बटन बढ़ गया और रत्तु भैया को अंगूठा ! चलिए यह जानकारी है की रेपोटर को दो सौ रूपये बढ़ा दिए गए और कैमरा मैं को पांच सौ ! कोई बात नहीं ! नए सर ने तो अब रत्तु भैया के टीवी दफ्तर नहीं आने पर क्लास के दौरान अब गाना बजाना ही कर रहे हैं ! क्योंकि मुकेश कुमार और गुंजन सिन्हा अपने ज़माने की किशोर कुमार और मुकेश है सो गा रहें है ! नहीं गायेंगे तो करेंगे क्या ! नए टेक्नीकल ने तो सर्वर का भट्टा बैठा दिया है !
पर मौर्य के कर्मी प्रभंधन से अब भी नाराज़ है क्योंकि प्रकाश झा ने अब भी चैनल को बेत्तिया के पोलिटिक्स से जोड़ रखा है ! अब देखिये ना एक तरफ चैनल में २००/ ५०० की बढ़ोत्तरी और बेतिया स्ट्रिंगर और डाकू का मुखबीर रूपेंद्र को १५००० की सैलरी पर रख लिया है ! ताकि अगले विधान सभा चुनाव में डाकू के बेटे का समर्थन मिल जाए !पता ही नहीं है की डाकू के मुखबीर को रेपोटर बना देने से चुनाव नहीं जीत सकते प्रकाश बाबु ! यह फिल्म नहीं है की कहानी गढ़ लिए और दर्शक को मुर्ख बनाकर फाइनेंसर का रकम दे दिए !
वैसे ताज़ा खबर यह भी है की मौर्य टीवी की एचआर शशि प्रभा को निकाल दिया गया है ! यह फैसला भी प्रकाश सर ने गजब तरीके से कर दिया की सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे !
अब चैनल को बिना एयर में डाले ही लौंच करने की तैयारी है ! कई लोग बहाल हो गए ! नए इनपुट , आउटपुट, पुराने को अर्चाइव की जिम्मेदारी दे दी गयी है ! सब खुस हैं काली रत्तु भैया दुखी मन से घर पर है तो गुंजन अब रत्तु भैया की जिम्मेवारी वो वाला सम्हलने लगा है !

जय हो

शनिवार

खबरदार जो दलाल कहा जीभ खिंच लेंगे

जय हो

यह मुनादी है की दलाल को आप दलाल नहीं कह सकते है चोर को इमानदार बताना होगा नहीं तो ... यह फैसला है पटना के उन नामचीनों का जो आजतक सिर्फ और सिर्फ दलाली ही करते रहें हैं ! कभी उसकी तो कभी सत्ता की तो कभी उन बेईमानो की जो ना तो बाप के हुए और ना ही माँ के ! उनकी दलाली से फायदा ये की रातो रात लक्ष्मी बिना मशक्कत के आ गयी ! लक्ष्मी आ गयी तो उसे बचाना भी है ! इसके लिए भी दलाली पर खबरदार जो दलाल कहा जीभ खिंच लेंगे !

अब आप समझ गए होंगे की तालिबान से भी कड़े लोग हैं ! चाबुक से नहीं वल्कि आपको सेट कर देंगे वो भी ऐसा की पानी नहीं मिलेगा ! पर बंधू एक आप ही नहीं शेर पैदा हुए हैं यहाँ शेर पर सावाशेर भी हैं जो दलाल को दलाल , चोर को चोर कहने की हिम्मत ही नहीं माद्दा भी रखते हैं ! अब तक आँखों पर पट्टी बाँध कर धर्म राज की भूमिका अदा करने वालो ने नहीं सोचा की गलतियाँ हर इन्सान से होती हैं पर उन गलतियों को सुधारने की कला होनी चाहिए ! धर्मराज की तरह हर गलती पर चुप रहना भी अपराध है !

यह सही है की सच बोलने लिखने के लिए खुद को मज़बूत करना होता है ! चाणक्य की धरती पर राजनीति और रणनीति की जानकारी सब को है ! लिहाज़ा होना यह चाहिए की सच के साथ षड्यंत्र का विरोध हो ! कलम के सिपाही का काम ही यही है ! चलिए यह तो एक सुझाव है ! माने तो ठीक ना माने तो भी ठीक ! मेरी लेखनी ऐसे की खिलाफ रहेगा !

जय हो

शुक्रवार

रात के अँधेरे का सच

जय हो

आज एक खुलासा और ! मौर्या टीवी को लेकर चल रहे उठा पटक के बीच चोरी चोरी चुपके चुपके एक और राज की बात है जो मौर्या के मालिक प्रकाश झा के अलावे और कोई जानता है तो वह है तेज़ चैनल के सुजीत झा ! बात यह है की भले ही दुनिया के सामने यह जाहिर हो की सुजीत झा और प्रकाश झा के बीच कोई बात नहीं होती पर सच तो यह है की दोनों रात के अँधेरे में मिलते है और सुबह की उजास फैलते ही ऐसे नज़र आतें है जैसे कभी मिले ही ना थे ! है ना बात मजेदार ! दोनों रात में मिलते है गिला शिकवा तो करते ही नहीं फैसले की बात होती है और देखिये इन पाखंडियो को की सबके सामने सच कहने से डरते हैं ! अभी की ही बात लीजिये प्रकाश झा आये रात में दोनों में घंटो बाते हुई ! जाहिर है बात घर परिवार की नहीं हुई क्योंकि इसके बाद प्रकाश झा ने मुकेश कुमार और गुंजन पर संगीन तान दिया है की पंद्रह दिन में बताओ की चैनल लौंच कर पाओगे की नहीं ! बेचारे , रांची भागे ... कई से बात की मिले और तो और जब गुंजन हैं तो फिर क्या कहना मधुर शील भी रांची के ऑफिस में आये ! नौकरी चाहिए ना ! वैसे गुंजन को मधुर काफी दिनों से जानते हैं ! तब से जब मधुर इ टीवी में स्ट्रिंजर थे ! गुंजन की ही कृपा थी ... आखिर एल का सवाल था ! सो गुंजन अब लौट आये तो मधुर समेत तमाम वे जो स्वाद जानते हैं गुंजन के इर्द गिर्द इकठ्ठा हो गए हैं ! आखिर तड़का चाहिए तो कुछ तो करना परेगा !
क्योंकि सब जय हो का कमाल है १

जय हो

मंगलवार

फिर एक बोबी काण्ड करने कि तैयारी

जय हो

इस बार मै आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हूँ जिससे आपका रूह काँप जाएगा ! कथा काजल कि कोठरी के उस सच्चाई कि है जिसे पूरी तैयारी के साथ छुपाने की कोशिश ही नहीं की जा रही है वल्कि इस कहानी की नायिका की जान जोखिम में है ! दो साल से रुमाल कि तरह जिसे यूज किया गया आज उस रुमाल को हमेशा के लिए मिटा देने कि तैयारी कर ली गयी है ! आप सोच रहे होंगे कि आखिर मुहावरे में मै क्या कह रहा हूँ पर आपको थोडा सोचना होगा तस्वीर साफ़ हो जायेगी ! बस आपसे गुजारिश यही कि अगर कहानी की नायिका को पहचान जाइए तो उसे बचा लीजिये उन दरिंदो से जो पत्रकारिता और राजनीती को गन्दा कर रहे हैं !
सिगरेट उसके हाथो में बुझने लगी थी जबकि पहला मौका था जब उसने उनके दिए सिगरेट पी रही थी ! पटना के नागेश्वर कालोनी के अपार्टमेन्ट में प्रिया अन्दर से सिगरेट कि तरह सुलग रही थी ! सामने सत्ताधारी पार्टी में अभी अभी शामिल हुआ नेता जो अब उसका पति है बैठा है और लगातार एक ही रट लगा रहा है कि अब बच्चा नहीं चाहिए ... बच्चा गिरा दो ! शब्द कानो मर पिघले शीशे कि तरह घुस रहा था ! सिगरेट का ऐअश के साथ धुंआ कि लकीर को देख रही थी प्रिया ! सोच नहीं पा रही थी कि क्या जवाब दे ! धुवें कि लकीर के साथ वो खोने लगी अपने अतीत में !.......... वह तो सिर्फ मीडिया के लोगो से मिलना चाहती थी .... मीडिया में काम का ऑफर मिला तो अपने को रोक नहीं सकी ! देश के नंबर दो के अखबार का पटना एडिसन ...कैसे रूकती !
खुद बॉस थे सामने ! हौले से पहले पीठ और बाद में .... पहले तो लगा कि अपनत्व दिखा रहे हैं पर जब हाथो का दवाब बढ़ा तो .... समझ ही नहीं पायी ... तरक्की हो गयी ! समझ में आया तो देर हो चुकी थी ! उसके बाद ......... कौन नहीं आया ... ऊपर से नीचे तक के सारे अधिकारी ! सबने तरक्की का आश्वासन दिया ! और मिला भी ! मीडिया इवेंट कि ये खुद बॉस हो गयी ! पर काम वही था ... सबको खुस करना ! और यही करना भी पड़ा ... इसे आप जो भी कह ले मजबूरी या रजामंदी ! पर ये अधिक दिनों तक नहीं चला ! नए फल खाने के शौकीनों को पटना जैसे शहर में इसकी कमी भी नहीं है यह प्रिया अच्छी तरह समझ गयी ! पर इसी बीच में नेता जी का आगमन बढ़ा ! नेता जी पुराना घर छोड़ चुके थे और नयी पार्टी में मान बढ़ गया था ! अखबार में आना जाना पहले से था सो इसबार बॉस ने नेता जी खुश करने के लिए प्रिया को साथ लगा दिया ! बस नेता जी धन्य हो गए ! पहले पटाया फिर शादी कि और गाडी फ्लैट खरीद दिया ! मौज होने लगा ! पर खेल में अडंगा लग गया तब जब प्रिया माँ बनने कि स्थिथि में आ गयी ! नेता जी के घर में पता चला तो पत्नी ने ज़हर खा लिया ! नेता जी का भाई गुस्से में आ गया और पहले तो फ्लैट पर ताला मार आया फिर अखबार के दफ्तर जा कर गाली गलौज कर आया ! प्रिया अपनी जान बचाने के लिए छुप गयी है तो नेता जी नज़र नहीं आते !
मज़ा में अखबार के बॉस !

जय हो

रविवार

छोटे मियां गायब

जय हो



मौर्य टीवी के पीछे एक ही है जो साथ चलता है वह है दुर्भाग्य ! अब देखिये चैनल लौंच करने की जद्दोजहद को लेकर ही इसके सुप्रीमो प्रकाश झा पटना में कैम्प किये हैं ताकि चैनल को किसी तरह लौंच कर दिया जाय पर मौर्य टीवी के दफ्तर में आते ही उन पर भी भूत सवार हो गया और अब तक मौर्य को गताल में पहुँचाने वालो की सलाह पर सात कर्मियों को निर्मम तरीके से बाहर कर दिया ! और टीवी में काम करने वालो से कहा की इन पर पहले से ही नज़र थी ! कौन सी नज़र ? खुलासा को खबर पहुँचाने पर ? या चैनल के अन्दर हो रहे बेशर्मी के खिलाफ आवाज़ उठाने पर ! ये सिर्फ माननीय प्रकाश झा ही जानते हैं !
वैसे प्रकाश झा इन दिनों अपने भाई को लेकर काफी परेशान हैं ! जब से प्रभात झा के लिए उन्होंने मौर्य टीवी का दरवाज़ा बंद किया है और गेस्ट हाउस का कमरा बंद कराया है प्रभात झा गायब हो गए हैं ! पटना में हैं ... मोबाइल पर बात होती है पर ... बानी एक जगह ... सुन सुन कर प्रकाश झा को जोरो का झटका धीरे से लग रहा है ! बारे भाई हैं तो क्या हुआ जब चाहे काम दिए और जब चाहे झोल्तंग बना दीजियेगा ये कोई बात हुई ! खैर भाई ने अब बंटाधार करने की प्लानिंग कर लिया है ! नया चैनलेले आयेंगे और ऊहो सुद्ध बिहारी में तब जुगाड़ते रहिएगा !
छोटे भाई का कहना भी एक हिसाब से ठीक ही है ! उम्र हो गयी पर भाई हैं की भरोसा ही नहीं करते ! हर जगह बेइज्जत कर दिया ! उ भी बलाकतारा के कहने पर ! अब कैसे जाएँ कही सब पूछते हैं की चैनल से निकाल दिया भाई ने ! हद पार कर दिया !
वैसे प्रभात झा कहाँ हैं इसके लिए जल्दी ही पीएंडएम एक बिज्ञापन छपवाने की तैयारी में है ! भाई लाओ... नौकरी पाओ ! और जोर से बोलो...जय हो!

शनिवार

सिर्फ सात की ही बलि क्यों


सिर्फ सात की ही बलि क्यों
जय हो

मौर्या टीवी वालो ने अपने संस्थान से सात लोंगो को निकाल दिया है और तीन को वार्निंग दिया है की सुधर जाओ वर्ना गए तेल बेचने ! दरअसल पिछले ढाई साल से चैनल लौंच ना कर पाने की खीझ मौर्या कर्मियों पर उतारा और सात कर्मियों को चैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया ! इनमे दिवाकर , आशुतोष पाण्डेय , पुरषोत्तम , संतोष श्रीवास्तव ,अनामिका ,अवनीश के साथ नीतेन्द्र है ! साथ ही नयन ,रजिया और ज्योति को एक महीने के अन्दर अपनी काबलियत साबित करने को कहा है ! ये वो लोग है जो मौर्या में राजनीती की शूटिंग के खिलाफ थे और स्पोट बॉय गलती से बन गए थे ! हालांकि पुरसोत्तम और आशुतोष पाण्डेय को प्रभात झा भी जिलेबी खिलाने को तैयार थे पर यह नहीं हो पाया !

खैर , मुकेश कुमार एंड गुंजन सिन्हा ने इंटरविउ के बहाने चैनल के तमाम लोंगो की परीक्षा ही नहीं ली वल्कि इंटरविउ के दौरान उनकी पैंट भी उतार ली थी ! मसलन , प्रिये रत्नेश्वर भाई को तो जब पूछा गया की आपने ढाई सालो में चैनल में क्या किया ? जवाब ही नहीं था! सीधा जवाब: हजुर नौकरी से मत निकालिए जो कहेंगे वो करेंगे चाय लाने से पैर पूजी तक ! काम छोड़ कर जो कहिएगा कर देंगे ! ख़ास कर आप लोंगो के लिए स्पेसल इंतजाम भी कर देंगे ! सिर्फ टेस्ट बताना होगा !

ले भाई ! गुंजन के तो मुंह में पानी और भाई की .....या खुदा अल्लाह देता है तो छप्पर फार कर देता है ! बच गयी नौकरी रत्नेश्वर की ! पर अकरम मारा गया ! उसका तो इंटरविउ महज इसलिए नहीं हो पाया की ना तो वह तीन में है ना तेरह में ! इसीलिए अभी से बाहर नौकरी खोज रहा है ! अन्दर दारु पीते बॉस की दरबानी करता है ! एक कहावत है ! लोभी के देश में ठग भूखे नहीं मरता है ! और मौर्या के ठग लोभी बॉस को सपना दिखा कर अपनी नौकरी की फ़िराक में लगे हैं !
जय हो

मंगलवार

नमस्कार और जय हो

नमस्कार और जय हो

खबर तत्काल देने का वादा दरअसल इसलिए पूरा नहीं कर सका की शहर से बाहर जाना पड़ा और जहाँ था वहां कम्पूटर की सुविधा नहीं थी !बहरहाल इतना तो आपको पता ही होगा की मौर्या टीवी में मुकेश कुमार और गुंजन सिन्हा आ चुके हैं और वहां काम करने वालो को नए सिरे से बेइज्जत कर रहें है ! शायद यह मौर्या टीवी के लिए ठीक नहीं है ! दो सालो से काम करने वालो की फिर से परीक्षा कोई सिरफिरा ही ले सकता है ! यह बात दीगर है की इस परीक्षा के पीछे का मकसद कुछ और हो ! यानी कौन किसका आदमी ! प्रभात झा का कौन , कौन है राजिव मिश्रा का सिपहसालार तो किसने थाम्ह रखी है झाज ग्रुप की कमान !
पर पहचान के लिए पत्रकारों को जलील करना कहाँ का इन्साफ है !

गुंजन तुम तो यहीं के हो बिहार के आरा घर है यह कैसे कर रहे हो तुम ! सिधांत विहीन कब से हो गए ! हाँ ठीक ही है ! अपने से जूनियर के नीचे काम करने पर मानसिकता बदल जाती है ! वही हो रहा है ! व्यापक दृष्टीकी वकालत तो अपना हित साधने के लिए करते रहे यह तो मै जानता हूँ !
ठीक है की चैनल खड़ा करना है ! करिए ... किस ने मना किया है ? पर लोंगो को जलील करना बंद कर दीजिये ! इस चैनल का इतिहास जानते हैं ना, नहीं तो रत्नेश्वर से पूछ लीजियेगा ? आपसे अधिक जिलेबिया है आपको भी गांधी मैदान घूमा देगा ! पुछिये की यहाँ जो भी तीन तड़का दिखाए गए तेल बेचने ! आप तो तेल बेच भी नहीं सकते सर जी !

चलिए आज के लिए आपको कोटा हो गया
फिर कल

जय हो