बुधवार

कहाँ गए वो दिन

जय हो

आप मुझे गाली दे सकते है ! ब्लॉग लिखने का आरोपी कह सकते है ! आपका इलज़ाम मेरे सिर माथे पर ! पर आप यह बताइए की सच लिखना गुनाह है तो मै आपका अपराधी हूँ और आपके द्वारा दिए गए सजा मुझे मंजूर है ! पर यह तेज़ चैनल का सुजीत झा और नंबर दो प्रशांत झा मुझे गाली दे तो मै सहन नहीं कर सकता ! मेरा अपराध बस यही है की सच की मुनादी नहीं करता हूँ पर हिम्मत रखता हूँ की सच लिखूं !
अब फिर मौर्या टीवी की बात ! आप कहेंगे की आखिर मौर्या में क्या है की सिर्फ उसकी बात ! तो भाइयों , मौर्या बिहार से बिहार के लिए लाने का दावा किया था मेरे दोस्तों ने ! मैंने तारीफ़ की थी पर यह क्या ! कालिदास की कहानी दुहराने लगे थे ! जिस डाल पे बैठे उसी को काटने लगे ! कौन आरोपी नहीं है इस मौर्या का ? राकेश शर्मा से लेकर असित नाथ तिवारी तक !

तारकेश्वर नाथ तिवारी का पोता असित नाथ समझता है की उसे मौर्या ने उसके टैलेंट पर नौकरी दी ! सच तो यह है की रांची के एक चैनल से पैसे गबन के आरोपी असित का विवरण और दादा का नाम बायो डाटा में ने उसको नौकरी दी थी ! चूँकि ये प्रकाश झा के इलाके से आता है और इसका छोटा भाई पहले से मौर्या में काम करता था इसी कारण नौकरी पा गया ! झोल्टंग की हैसियत थी इसकी !
चलिए इसपर लिख कर कम्पुटर का की पैड खराब नहीं करना चाहता !
आज एक खुलासा कर रहा हूँ की कुछ लोग मेरी असलियत तलाशने में लगे हैं ! मै आऊंगा सामने तो सबकी ....फट जाएगी ! वैसे एक खबर दे दूं की प्रकाश झा आये थे भाई और राजीवमिश्र को अपने मौलपर लगा गए और गुंजन को काम पर ! थैंक्स गुंजन ! काम करो ! बहुत दिन से पत्रकारिता पढ़ाने का ढोंग कर रहे थे ! सच बोलो !
यह पाठ मुकेश के लिए भी है ! यदा यदा ही धर्मस्य गलानिर भवती भारतः

संस्कृत का यह पाठ मेरा मेरा सिधांत नहीं है पर मुकेश जी और गुंजन इसे याद रखना !

जय हो