मंगलवार

फिर एक बोबी काण्ड करने कि तैयारी

जय हो

इस बार मै आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हूँ जिससे आपका रूह काँप जाएगा ! कथा काजल कि कोठरी के उस सच्चाई कि है जिसे पूरी तैयारी के साथ छुपाने की कोशिश ही नहीं की जा रही है वल्कि इस कहानी की नायिका की जान जोखिम में है ! दो साल से रुमाल कि तरह जिसे यूज किया गया आज उस रुमाल को हमेशा के लिए मिटा देने कि तैयारी कर ली गयी है ! आप सोच रहे होंगे कि आखिर मुहावरे में मै क्या कह रहा हूँ पर आपको थोडा सोचना होगा तस्वीर साफ़ हो जायेगी ! बस आपसे गुजारिश यही कि अगर कहानी की नायिका को पहचान जाइए तो उसे बचा लीजिये उन दरिंदो से जो पत्रकारिता और राजनीती को गन्दा कर रहे हैं !
सिगरेट उसके हाथो में बुझने लगी थी जबकि पहला मौका था जब उसने उनके दिए सिगरेट पी रही थी ! पटना के नागेश्वर कालोनी के अपार्टमेन्ट में प्रिया अन्दर से सिगरेट कि तरह सुलग रही थी ! सामने सत्ताधारी पार्टी में अभी अभी शामिल हुआ नेता जो अब उसका पति है बैठा है और लगातार एक ही रट लगा रहा है कि अब बच्चा नहीं चाहिए ... बच्चा गिरा दो ! शब्द कानो मर पिघले शीशे कि तरह घुस रहा था ! सिगरेट का ऐअश के साथ धुंआ कि लकीर को देख रही थी प्रिया ! सोच नहीं पा रही थी कि क्या जवाब दे ! धुवें कि लकीर के साथ वो खोने लगी अपने अतीत में !.......... वह तो सिर्फ मीडिया के लोगो से मिलना चाहती थी .... मीडिया में काम का ऑफर मिला तो अपने को रोक नहीं सकी ! देश के नंबर दो के अखबार का पटना एडिसन ...कैसे रूकती !
खुद बॉस थे सामने ! हौले से पहले पीठ और बाद में .... पहले तो लगा कि अपनत्व दिखा रहे हैं पर जब हाथो का दवाब बढ़ा तो .... समझ ही नहीं पायी ... तरक्की हो गयी ! समझ में आया तो देर हो चुकी थी ! उसके बाद ......... कौन नहीं आया ... ऊपर से नीचे तक के सारे अधिकारी ! सबने तरक्की का आश्वासन दिया ! और मिला भी ! मीडिया इवेंट कि ये खुद बॉस हो गयी ! पर काम वही था ... सबको खुस करना ! और यही करना भी पड़ा ... इसे आप जो भी कह ले मजबूरी या रजामंदी ! पर ये अधिक दिनों तक नहीं चला ! नए फल खाने के शौकीनों को पटना जैसे शहर में इसकी कमी भी नहीं है यह प्रिया अच्छी तरह समझ गयी ! पर इसी बीच में नेता जी का आगमन बढ़ा ! नेता जी पुराना घर छोड़ चुके थे और नयी पार्टी में मान बढ़ गया था ! अखबार में आना जाना पहले से था सो इसबार बॉस ने नेता जी खुश करने के लिए प्रिया को साथ लगा दिया ! बस नेता जी धन्य हो गए ! पहले पटाया फिर शादी कि और गाडी फ्लैट खरीद दिया ! मौज होने लगा ! पर खेल में अडंगा लग गया तब जब प्रिया माँ बनने कि स्थिथि में आ गयी ! नेता जी के घर में पता चला तो पत्नी ने ज़हर खा लिया ! नेता जी का भाई गुस्से में आ गया और पहले तो फ्लैट पर ताला मार आया फिर अखबार के दफ्तर जा कर गाली गलौज कर आया ! प्रिया अपनी जान बचाने के लिए छुप गयी है तो नेता जी नज़र नहीं आते !
मज़ा में अखबार के बॉस !

जय हो