गुरुवार

खबर पक्की है कि बच गए ...

जय हो

राजनेताओं के चक्कर में पत्रकार को नहीं पड़ना चाहिए इससे हमेशा जान जोखिम में रहता है ! अब देखिये ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के बिहार के अध्यक्ष ललन सिंह में दरार क्या पड़ी की भाई पत्रकार लोग खेमा के चक्कर में पड़ गए ! दोनों नेताओ के करीबी माने जाने वाले अखबार और उसके पत्रकार अपनी अपनी गोटी सेट करने लग गए ! पटना से प्रकाशित दैनिक जागरण ने तो मुख्यमंत्री को शराब माफिया का सपोटर बताने के लिए एक खबर ब्रेक किया कि सी एम निवास में घुमने वाले कई नेता करोड़ पति बन गए हैं ! खबर बिहार के आबकारी मंत्री जमशेद अशरफ के उस लेटर को लेकर बनाई गयी जिसमे उन्होंने सी एम को इसे रोकने के लिए कहा था ! यह लेटर उडाई गयी ... और ललन सिंह और सी एम में तना तनी बढ़ गयी ! तहकीकात के बाद पता चला कि पहले इस लेटर को लेकर बिहार के बड़े आई ए एस अफजल अमानुल्लाह कि पत्नी और स्वयंसेवी संस्था चलाने वाली प्रवीण अमानुल्लाह हाई कोर्ट जा चुकी थी और इसे कोर्ट ने ख़ारिज भी कर दिया था ! पर मसला ललन सिंह का फेवर करने का था ! सो खबर छाप कर सरकार की ऐसी की तैसी कर दिया ! सी एम हिल गए ... तो कभी सुपर सी एम माने जाने वाले ललन खिल गए ! पत्रकार सुभाष पाण्डेय की पीठ ठोकी गयी ! पर मामला बिगड़ गया ! पाण्डेय जी का सी एम हाउस में........ नो एंट्री ! खेल ही बिगड़ गया ... अपटी खेत में जान फंस गयी !

वैसे जात जमात तो ठीक है पर पत्रकारिता को इससे दूर ही रखना होगा ! घटनाएं होती है ... आम तो सीख लेते है पर ये बेलगाम घोड़े सीखते नहीं ! अब देखिये पटना में पत्रकारों कि जमात जात , धर्म , कर्म, दलाली , हलाली के साथ ही चलता है ! यहाँ आई ए एस भी ऐसे ही बंटे हैं ! दलाली हलाली का धंधा चोखा बन गया है ! पत्रकार अब सेक्युरिटी एजेंसी चलाने से लेकर होर्डिंग तक टांगने लगे है तो कई लोग अब रिकवरी एजेंट बन गए है .. तो कई अब भी अपराधियों के मुखबीर है ! कई तो लालू ... पासवान और नीतीश कुमार के बीच ख़ुफ़िया एजेंट बन गए है तो कई व्यवसाईयों के लिए काम कर रहे है ! हर का धंधा ... वेतन से काम नहीं चलता ... उपरी चाहिए ... भाई इनका दर्द भी तर्क पूर्ण है कि डाक्टर , वकील , टीचर , का प्रक्टिस है तो ये क्यों चूंके .... मत चूको चौहान ... चूको मत ... लूट लो .. तुम लोंगो से भी भडोसा उठ गया ! लेकिन सलाह यह अखबार को बिकने दो ... तुम सामग्री मत बनो !नहीं तो अभी बचे ... कल बात लग जायेगी !

जय हो