बुधवार

चेहरा सफ़ेद क्यों पड़ गया सर... चेहरा काला ही अच्छा था.
















































































































































































































































































































































































































लटकला त गेल्ल बेटा

जय हो

बॉस के खिलाफ तीर तान दिया गया है ! रण बांकुरों को तैयार कर दिया गया है ! एक नंबर वाले राजमहल के हर दरवाज़े पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है ... डुगडुगी बजा कर दरबार के हर कारिंदे को चेतावनी दे दी गयी है ... की बेताल को अब राजा अपने कंधे पर लेकर नहीं चलेगा ... चमचई संस्कृति से खुद को राजा ने अलग कर लिया है ... दरबार ... में यह खबर है कि किसी ने भी बॉस को खबर दी तो उसका तेल निकाल दिया जाएगा | राजा का गुस्सा... अरे देवा... देवा रे देवा ... |

हाज़िर  किये गए बॉस के खासमखास ... राजा के सामने ... दोनों ... हाथ बांधे .. हुज़ूर ... आलमपनाह ... आदेश ... | राजा का सीना तन गया ... खबर मिली बॉस को कि बिरादरी वाले दो अधिकारी को राजा ने बुलाया है ... बॉस ने तत्काल आकाशवाणी वाले दूरसंचार का सहारा लिया ... याद आया ... हाजीपुर जाने वाली बस के पीछे लिखा तकिया कलाम ...|
दरअसल अब बॉस संकट में है ... कला संस्कृति और जोड़ने वाले विभाग के दोनों साहेब ने बॉस को हडकाया ... खबरदार जो खबर लेने आये ... विरादरी गया भांड में ... अब बॉस क्या करे ... बॉस के साथी ही साथ नहीं दे रहे है ... क्या करें सब बॉस की वजह से सबपर तलवार लटक गया है ...

चलिए बॉस को सलाह ... एक बार बस स्टैंड जाकर हाजीपुर वाली बस के पिछवारे के बुद्ध का ज्ञान पढ़ कर जीवन पर्यंत दिमाग में बिठा लीजिये .... लटकला त ....!

जय हो