रविवार

परिवर्तन कामी मौर्या


जय हो

भाई जी के चैनल में अब सम्पादक नहीं हेडमास्टर आ गए हैं | डंडा लेकर चैनल के पत्रकारों को सीधा करने की मुहीम चला रहें है ... चपरासी को चैनल में कंटेंट हेड और न्यूज़ वाले भाई गेट पर पहरेदारी करेंगे |हैं ना गजब की खबर ... तो सायबान यह मौर्या टीवी है ... जहा बैंड बजता नहीं बजाय जाता है खाली व्यवस्था टाईट होनी चाहिए | अब खबर ये की मौर्या टीवी के सुनील पाण्डेय जो अबतक इनपुट का काम देख रहे थे को सीधे आउटपुट की नयी जिम्मेवारी दी गयी है ... यह प्रोमोशन हैं ... ना ... यह तो खेल है ... पांडे जी को वाश करने का ... देह पर जमे मैल को ... पांडे जी नाराज़ हैं ... नाराज़ तो प्रेम जी भी हैं .... कहाँ पहले चैनल की जिम्मेवारी थी अब सीधे रेपोटर के बीच बिठा दिया है ... अब स्वेतान्शी... शिल्पा एंकर से फिल्ड भेज दी गयी है ... शिल्पा कला संगीत के साथ खेलेगी तो स्वेतान्शी कांगेस और लालू जी की पार्टी का कमान धीरेन्द्र के साथ सम्हालेगी |रवि रंजन को पोलिटिकल हेड बना दिया गया है .... अमित पटना ब्यूरो का हेड बन गया है ... और नवेंदु जी कुमार साहेब के... पीछे पीछे... स्नो पाउडर... लगा कर... वही वाला गाना गायेंगे ... वो वाला ... चल छैयां छैयां.... करेंगे |वैसे हेडमास्टर साहेब कुछ और परिवर्तन करेंगे ... सूचना मेल से ...|

तो अब भाई जी का चैनल टिम्बक टुम्ब की श्रेणी में आ गया है |घात प्रतिघात का खेल चल रहा है ... भले ही चैनल के काम करने वाले आशुतोष जैसे रिपोटर भाग कर दुसरे चैनल को ज्वाइन कर ले |

तो भाई जी के चैनल में अब होगा .... चल छैयां छैयां छैयां छैयां |

जय हो

मंगलवार

मीडिया की फूलन



जय हो

पटना के पत्रकारों की जय हो | भाई बड़े पत्रकारों को सलाम ... नमस्ते .... मान गए की चुन चुन कर आप लोग पत्रकारिता में नगीना ला रहें है ... क्या कहना ... आइसा नगीना की बोलती बन्न | यह नगीना खाली हाथ नहीं चलाती ... बाकी मुंह आइसा चलाती है की बड़े बड़े धुरंधर चारो खाने चित्त |अब देखिये ना उस दिन की ही बात है बिहार सरकार के एक मंत्री खिसियानी बिल्ली की तरह मुंह निपोड़ कर रह गए ...डरे कितना रिपोटर दुरे रहता है ... सटलअ त लटकलअ बेट्टा |
तो अब आपको पूरी कहानी बता रहा हूँ ... पटना की पत्रकारिता पूरे देश में सम्मान की पत्रकारिता रही है !यहाँ के दो चार पत्रकारों को छोड़ सबने इसकी गंभीरता बनाए रखी है | ऐसी पत्रकारिता को पुरे देश के पत्रकार सम्मान देते रहें हैं !पर टीवी मीडिया के आने से पत्रकारिता के दामन दागदार होने लगे | लिहाजा बाद के दिनों में यहाँ ऐसे लोग भी आ गए जिनका ना तो कोई मिशन था और ना ही कोई सोच ... सीधे कैमरा पकड लिए की कम पढ़े लिखे होने की वजह से नौकरी कही तो मिलेगी नहीं ... इस ढाल को अपना लो ... अब सारा कुछ दरकिनार सामने माँ बहन की गालियाँ वह भी सबके सामने ! अब तो जो लडकिया इस पेशे में पटना में है वो तो ... फूलन देवी की जय |
भाई यह फूलन पत्रकार देश के चर्चित बहुभाषी , आर्थिक, इंटरटेनमेंट चैनल के पटना में पत्रकारिता की ट्रेनिंग ले रही है !कैमरा से लेकर लिखने तक का ! टीवी जर्नलिज्म की इस नयी पौध को कभी आप किसी से बात करते देखिये ... फट के हाथ में आ जाएगा | कही और की घटना है उसकी भाषा पर एक ने टिपण्णी कर दी लडकी ने कहा ... यहाँ तुम घुमते रहे मैंने दिल्ली में कितनो को मज़ा दिया और लिया ... तुम्हारे पास वो है नहीं की मज़ा ले सको साला |आजू बाजू सन्नाटा ... सब भागते नज़र आये |
यह कहने की बात नहीं पर इतना बताना चाहूंगा की पटना में यह कोई पहली लड़की नहीं है ... प्रिंट और टीवी मिलाकर यहाँ पचास के आसपास लडकियां है जो काम कर रही है ... कई तो अभी अपने ब्यूरो के हेड हो गयी है पर किसी की जुबान इतनी गंदी नहीं रही !सब सम्मानीय रही और सम्मान पाती रही ! पर इसको ... इसकी जुबान को कौन है जो गंदा कर रहा है | फूलन देवी तो बन्दूक चलाती थी और लोग डर जाते थे ... पर पटना पत्रकारिता की इस फूलन की जुबान ऐसी चलती है की सब भयभीत की कब कपड़ा फाड़ कर इलज़ाम लगा दे |
जय हो

शुक्रवार

चैनल में राजनीति

जय हो

चैनल अभी ठीक से खडा भी नहीं हुआ और भाई जी लोग लग गए तीन तेरह करने में ... अपनी नौकरी पक्की नहीं और औरों की नौकरी खाने के लिए सुरसा की तरह मुंह खोल खडा हो गए |यह कोई एक चैनल की बात नहीं है | पटना से ब्रोडकास्ट होने वाले सारे चैनल की यही कहानी है |इतना ही नहीं भाई लोग अपनी नौकरी जाते ही अब दुसरे चैनल में पहले से काम कर रहे अपने ही विरादरी की ... ले रहे है | पता करना है तो चन्दन सा बदन वाले भाई से पूछ सकते है की भाई तोपचंची ससुराल वाले डीयर हीयर ने कैसे मेल आने से पहले ही चार्ज ले लिया | और ये भाई जी टीटीएम के लिए लाये तेल देखते रह गए |अब इनके आका को आसमान फाका दिख रहा है |

असल में कहानी आपको बता रहे थे भाई देश लाइव चैनल की ! इस चैनल की शुरुवात ठीक नहीं रही है ! पहले कोई और नाम और बाद में दुसरा नाम आकाश में आया ! भाई एक पूज्य ऋषि के नाम वाले पत्रकार को पटना का हेड बनाया क्या गया और झारखण्ड की जिम्मेवारी मिठाई नाम से शुरू होने वाले एक सीनियर पत्रकार को दी गयी !चैनल ठीक से चले की पोलटिक्स का कीड़ा घुस गया ... हम बड़े तो हम बड़े ... मालिक गया तेल लेने !पहले महान जी को धराशायी करने की योजना बनी और बिफल भी हुआ तो इस योजना को आकर देने वाले ऋषि महाराज को अपनी ही बलि देनी पडी है !यानी वही वाली बात... लटकल त गेल बेटा |

इसी तरह राजा के नाम वाले बिल्डिंग से चलने वाले चैनल की कहानी सुनिए ... भाई तोप चंची ससुराल वाले पत्रकार भाई को निकलवाने के लिए मिसिर जी ने अपना ही इस्तीफा दे दिया ... ल ... कर दिया खेल ... भाई को की विदाई ... भाई भी कमजोर नहीं मिसिर जी की सम्बन्धी को लेलिया ... और खेल शुरू हो गया है ... चल कबड्डी आस लाल ... लाल !

जय हो

बुधवार

बडबोले मटन बाबू


जय हो कुछ पत्रकार भाइयों के नस में इनदिनों बडबोलेपन का कीड़ा घुस गया है | जहां भी जाते हैं ... जैसे ही कुछ साथी मिलेंगे लगते हैं अपने कुकर्मो का बखान करने ... मैंने इतना पीया ... इतना दारु पी सकता हूँ ... मुझे क्या है कंपनी पीने के लिए पांच हज़ार रुपये रोज़ देती है ... मेरे बिना कंपनी ... मै हूँ तो कंपनी है |मेरे हाथ का कभी मटन खाओ ... सारे चैनल वाले मेरा मटन खा चुके हैं ... रम डालकर मटन बनाने में मै माहिर हूँ ... ऐसी और इस तरह के शिगूफा दागने वाले मटन बाबू इनदिनों यह भी बताने से नहीं चूकते कि उनके बारे में जब खुलासा ने मीट झा पुराण लिखा तो उन्होंने कैसे खुलासा के ऑफिस में जाकर गाली गलौज किया ... डरते हैं सब ... है कोई ... सा .... ला .... फाड़ कर रखता हूँ |

असल में मटन बाबु आजकल फ्रस्टेशन में जी रहें हैं ... जीना भी चाहिए ... अब उन्ही के हिसाब से सोचिये कि रोज़ एक ब्रेकिंग खबर करने के बावजूद उन्हें कोई नहीं जानता कि भाई साहब मटन बाबू क्या करते है सो मटन बाबु दिन में दो बजे ही शुरू हो जाते है | कभी रम तो कभी बीयर तो कभी व्हिस्की |और जब थोडा ले लिए तो फिर उनके रगों में दौड़ने लगता है बडबोलेपन का कीड़ा ... वह भी एक नहीं दो नहीं ...लाखो करोडो कीड़ा एक साथ और मटन बाबू सनसना जाते है |

अब देखिये पूर्णिया के बीजेपी विधायक की ह्त्या के कवरेज के लिए भाई साहेब पहुंचे पूर्णिया... कवरेज अपनी जगह ... रिपोटिंग गया तेल बेचने... मटन बाबू मुंह में गुटका दाब शुरू हो गए |दिन से रात तक ... कोई रोकटोक नहीं ...कंपनी पांच हज़ार इसी लिए रोज़ देती है |भाई साहेब ने मटन भी बनाया खाए भी खिलाये भी ... विधायक की ह्त्या और महिला रूपम की गिरफ्तारी का मामला होटल के किचेन में मसाला के साथ ही फ्राय हो गया ... शुरू हुआ व्हिस्की तो याद आया और फिर शुरू ... यु पी में मैंने कैसे डकैतों को खदेड़ कर रिपोटिंग की ... सोनिया गाँधी कैसे मेरा नाम लेकर बुलाती थी ... भाई साहेब मटन बाबू ने अतहतह कर दिया ... जय हो मटन बाबू |

मंगलवार

भाई साहेब मैंने चरस नहीं दारु पी है


जय हो यह तो कमाल हो गया ... भाई जी के चैनल के दो एंकर ने वो कमाल किया की धोती फट के रुमाल हो गया ... नहीं समझे ... कहाँ किस खेत में रहतें हैं आप ... अरे वही भाई जी चैनल वाले झाजीवा... नहीं मालोम तो अपुन आपको बताई देता है ... विचित्र शहर के ... हडताली मोड़ से आप भगवान् कृष्ण के नाम वाले इलाके में जाइए ... बस दारु वाले दूकान से पश्चिम हो जाइए ... बच्चो वाले पार्क के पास पहुंचे की ... बाए ... सामने देखिये ... मिल जाएगा भाई जी का चैनल |

तो सायबान , आप समझ गए की इस चैनल के असली मालिक कौन है ... मामा या भगिना|मामा तो गुमान में है और भगिना तो मत पूछिए साहेब ... कपूत नहीं पूत है | तो असली कहानी अब ... चैनल में कई एंकर है ... कोई दारु पीता है तो कोई गांजा तो कोई चरस नहीं तो कोई किसी की रखैल |आज भी गांजा सिगरेट में भर कर पीने वाला कोई और नहीं ... अरे वही अपना राजेन्द्र नगर में रहने वाला ... वीवी को वेश्या घोषित करने वाला और दूसरा... भाई ... क्या बताएं ... रहता है गंगा के सामने एक अपार्टमेन्ट के किराए के फ़्लैट में और गंगा को माँ नहीं ... ? आप समझ लीजिये क्योंकि इस कहानी में सारे पात्र असली है ... सिर्फ नकली है तो लेखक |

तो भाई जान आज दोनों एंकर में शर्त लगी कौन कितना पीता है ... एक ने पहले सिगरेट में गांजा भर के पी ... ताव में दुसरे ने भी पी ... फेर चरस आया ... विचित्र शहर के बजरंगवली जो आने वालो और जाने वालो की निगरानी में स्टेशन पर बैठे है... का सहारा लिया गया ... उनके मंदिर के पीछे ... थंक्यू ... आज बजरंगवली को भी समझ में आया | पर महावीर जी को लगा कि सा .... ला .... ई दुनु तो फाड़ दिया सो अपने गार्ड को भेजे ... दारु पीते और एक दुसरे की माँ ... बहन ... वीवी को गरियाते पकड़ा गया ...|

विचित्र शहर के ठण्ड में ऐसी मार पड़ी कि दोनों मिमिया गए | जारे कुलक्षण ... ताव आ गया ... सा ... मारेगा ... हम झाजीवा के चैनल में एंकर हैं ... ल ... और ठुकाई ... सबके सामने झाजीवा को पब्लिक का माँ बहन ... याद आया ऐन्करवा को ... रे सा ... ई तो स्टेशन है ... पैर पकड़ा ... गलती हो गयी मज़ाक कर रहे थे ... भैया आप मेरे बाप नाहित है ... मेरे घर आईये ... जो कहिये ... ने ...नहीं तो सब इंतजाम कर देंगे |

अब कहानी का पटाक्षेप ... बच गया पर विचित्र शहर का हर कोई कहानी से वाकिफ | जय हो