रविवार

बॉस डर गए हैं

जय हो

पता चला आपको .... नहीं ना ... खबर है कि बॉस डर गए है ! बॉस इन दिनों इतने भयभीत हैं कि राजा का सामना करने से डर रहें हैं ! डरे भी क्यों नहीं ... बॉस ने तो पहले राजा के सामने जो तीर तुक्का चलाया था उससे साफ़ था कि एक ना एक दिन यही होगा और हुआ भी वही ! अब बॉस को लगता है कि नगर निगम मामले से लेकर पी आर डी तक के मामलो में कही फंस ना जाएँ सो बॉस डर गए है ! डर का आलम यह है कि बॉस आजकल एक नंबर वाले राजमहल के बदले दस नंबर वाले पुरानी किला का रुख किये हुए हैं ! यही  डर है और डर बॉस को घुन की तरह खाए जा रहा है !
दरअसल बॉस नए राजा के खासमखास बन गए थे ! सूर्य के उदय से अस्त तक एक नंबर वाले राजमहल के दरवारी बन गए थे ! पत्रकारिता को गिरवी रख दिया राजा  के सामने ! राजा भी खुश कि पुराने दलम के दलपति की खबर बैठे बिठाए मिल जा रहा है !पुरानी हवेली की खबर के लिए गुप्तचर नहीं तैनात करना पड़ा ! पर बॉस समझे ही नहीं ! चैनल के अलावे अपना धंधा खोल लिया ! राजा के नजदीकी होने का फायदा उठाते हुए पी आर डी को यूज किया ! राजा का धौंस दिखाकर निगम से लेकर विजली ऑफिस और सरकारी महकमा के शुरमाओ से वसूली किया ! पर बॉस यह भूल गया कि राजा आखिर राजा होता है ... राजा के फेवर तक तो ठीक है ... खिलाफ ... डर गया बॉस !
अब बॉस परेशान है कि शहर से भागकर फिर जंगल का रुख ... फायदा यही की अपने पिता को हाउस में बिठाना पर राजा को सब मालूम है ! पहले ही जड़ उखारने में लग गया है राजा !पर बॉस भी अब अतिम पत्ता खेल रहा है ! राजा को बदनाम करने के लिए एजी से कागज़ लाकर एल को दिया और न्यायालय में मामला दर्ज कराकर सीबीआई जांच करने का आदेश निकलवा दिया ! राजा पहुँच गया न्यायालय और जांच गयी रूक ! राजा के किचन किंग न्यालय में देखा बॉस को और बॉस डर गया है !
बॉस को सलाह ... जान जोखिम में मत डालो ... फंस गए हो ... खेलो मत ... खुल जाओगे !

जय हो

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