सोमवार

पत्रकार बड़े हरकत छोटी ... विज्ञापन के लिए चिरौरी

जय हो




एक कहावत है ... उसकी दुम को बारह साल तक ... बारह फीट लम्बे पाइप में ... बारह फीट नीचे धरती में गाड देंगे ना तो पाइप भले टेढ़ी हो जाय ... दुम नहीं सीधा होगा ... यही हाल है पटना के बड़े हैसियत वाले पत्रकारों का
हैसियत जितनी बढ़ी हरकत ... शर्मशार करने वाला
कम्पनी की मोटी रकम ने चमड़ी को ... गेंडा की खाल की तरह मोटा कर दिया है ... इसका अंदाजा उनको नहीं है और... वो भी देखता होगा तो यही सोचता होगा ... यार ये पत्रकार भी शरीफों के खाल में बेईमान है




अब पटना के ऐसे ही कुछ पत्रकारों की आँखों में आजकल ... डेली एक ही सपना तैरता आपको दिखेगा... वह ... माफिया बनना... या माफियागिरी कर अरबपति बन जाना ... इसके लिए जो भी कुकर्म करना पड़े ... कर्म तो ये करेंगे नहीं पर इनके कुकर्म की बानगी पटना के मौर्या होटल उस दिन दिख गया
भाई लाईट कुमार को तेल कंपनी का विज्ञापन चाहिए ... अरे सबसे ऊँची बिल्डिंग से वे अपनी एक पत्रिका निकलते है मैगज़ीन निकलता है उसी के लिए ... कलरफुल पत्रिका के लिए विज्ञापन ... तो भाई आप इसके लिए एक एजेंट रखिये ,,, खुदे पहुँच जाइयेगा ... अपने पहुँच भी गए ... मंत्री से आँखों ही आँखों में इशारा हुआ ... कार्यक्रम ख़त्म ... लाईट कुमार जी मंत्री जी के पास पहुंचे और ... पैरवी ने काम कर दिखाया और अब ... अगले अंक में विज्ञापन देख लीजिएगा




यह सिर्फ एक बानगी है ... यहाँ के बड़े हैसियत वाले पत्रकारों का चरित्र चित्रण करना शुरू करूँ तो रामायण से मोटी किताब लिखा जाएगा ... अब आप सोचिये ना की पटना के ये पत्रकार ठेकेदारों का सिंडिकेट बना चुके हैं और पैरवी कर टेंडर लाते है और दलाली लेकर सिंडिकेट को काम दिया जाता है
इसके लिए इन्हें सिर्फ आई ए एस लॉबी को पटाने का जिम्मा है
इस काम का सारा खर्च भी सिंडिकेट उठाता है और पार्टी अलग
आप पता कर लीजिये की अभी सबसे अधिक और सबसे बड़ा काम... सरकारी... मोबाइल कंपनी ... रेलवे कैंटीन ... सब जगह ... मत पूछो कहाँ कहाँ ... ये मिलेंगे हर जगह ...




बरखा दत्त की राह पर ये बड़े पत्रकार अब अलग अलग दफ्तर भी चला रहे है जहाँ फीस लेकर काम दिलवाने की पूरी गारंटी




जय हो













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