गुरुवार

साइज़ क्या है

जय हो
जब आप शर्मिंदगी को भूल जाएँ और निर्लज्जता पर उतर आयें तो आप कुछ भी कर सकते हैं ... कुछ भी ... भले ही यह आपको शोभा दे या नहीं ! आप पत्रकार हैं इसका मतलब ... दलाल नहीं ना ... कि मान बैठे अपने को भडूवा... ! आप चैनल के मालिक हो सकते हैं ... पत्रकारिता के शिखर पर जाएँ ... पर यह नहीं करें ... !

आज की दौर में कोई भी मीडिया की पढ़ाई करता या करती है तो उसके सामने एक सपना होता है ... अखवार में छपने या फिर टीवी पर दिखने का ! लेकिन आप जैसे लोग जब उससे साइज़ और सोते हुए कपडे का कलर पूछेंगे तो क्या बीतेगी उस पर इसका अंदाजा है ! गलतियां एक बार होती है तो उसे माफ़ किया जाता है पर बार बार होने पर बलंडर कहा जाता है ... बाज़ार में पता कर के देखिये क्या इमेज बन गया है ... दलाली तक तो ठीक है पर दूसरों के लिए दल्ला बनाना ठीक नहीं है !
जय हो 

1 टिप्पणी: