रविवार

मौर्या टीवी ना आज ना कल

यह बहुत ही दुखी करने वाली खबर है की मौर्या टीवी किसी भी वख्त बंद कर दिया जाएगा ! हालत इतनी ख़राब होगी यह किसी ने सोचा नहीं था पर जो तरीका इसके मालिकानों ने अब इस्तेमाल करना शुरू किया है उस हिसाब से किसी भी दिन चैनल का शटर गिरा कर भाइयो को सलाम कर दिया जाएगा ! इसके बाद क्या होगा ? वे सारे पत्रकार जो एक मौका पाकर चैनल को स्क्रीन पर देखना चाहते थे दुसरे अखबार या टीवी के दफ्तर का चक्कर लगायेंगे और उनके घर में चूल्हे की आंच मद्धिम पड़ जाएगा! एक बात मै आपको बता देना चाहता हूँ की इश्के लिए दोषी कौन होगा ? याद रखिये हमारे सम्मानित गिरमिटिया पत्रकार भाई रत्नेश्वर किसी के सामने चेहरा दिखने के लायक नहीं रहेंगे ! हमेशा लुंज पुंज दिखने वाला यह शख्स भीतर का क्यां है यह मौर्या टीवी कर्मी से बेहतर कोई नहीं जानता ! आज भी इन्टरनल बुलेटिन में गरम चाय की चुस्की के साथ अपने महिला एंकर को रिझाने का मौका नहीं छोड़ रहा है ! दरअसल इसका टीवी में काम करने का मकसद ही यही है ! यह हम नहीं इसको जानने वाला हर कोई जानता है ! वैसे भी चैनल बंद होने से इसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि इसने दिसम्बर से अपने लिए नया काम तलाश लिया है ! पटना में बुक फेयर की दलाली !इसके बाद कोई न कोई प्रभात झा यह फिर तलाश लेगा !

हाँ फर्क परेगा ! अकरम को , घर का ईएमआई लोंगो का कर्जा , गाडी सब तो लोन पर हैं ! बच्चो को पढाना बेचारा ? भाई ने भी साथ छोड़ दिया ........कोई है ही नहीं असल में चोरी कर एक टीवी चैनल से निकले जाने के बाद इसकी हालत पतली है कोई काम देने को तैयार नहीं है ! अगर मौर्या चल भी गया तो भी नहीं रहेगा ......... सब जानते है मक्कार के लिए कोई जगह नहीं होती है !

वैसे चैनल के कई स्टाफ अभी से तारे गिन रहे है ! मैत्री झारखण्ड चली गयी तो किरण आने को तैयार नहीं है , विजय झा , नयन लौट गए क्योंकि कहीं काम नहीं था पर राकेश कुमार सिंह नहीं लौटा !स्वेताशी फिर से अपने पुराने घर लौटने को तैयार है तो असित नाथ रोज़ महावीर मंदिर का चक्कर लगा रहा है !

इधर प्रभात झा चुप है क्यों ? राजिव मिश्र भी कभी कभार ही मौर्या जाते है ? क्या हो गया भाई ! आप लोग रत्नेश्वर से कुछ सीखते क्यों नहीं ! अभी भी एंकर तलाश रहा है ! अर्चना और प्रेम को रोज़ रात को फोन से बुलाता है ! और आप भेजी के इंतज़ार में है ............. आप ............हैं ?

अब भी रत्नेश्वर से औरा सीखिए और जो बचा है उसे बेच दीजिये !

जय हो

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