बुधवार

मौर्य टीवी कर्मियों के लिए एक बुरी खबर

आज मौर्य टीवी प्रबंधन ने अपने कर्मियों के ऊपर आखिरकार गाज गिरा ही दिया ! चैनल के एचआर शशि प्रभा ने पांच लोंगो को बुलाकर टर्मिनेट का लेटर थमा दिया और लगभग १४ लोंगो को लेटर थामने की तैयारी कर ली है ! आज जिनको लेटर दिया गया उनमे चैनल के टेक्नीकल हेड राकेश शर्मा , आई टी चीफ प्रशांत कुमार , मधुकर सिंह , मनीषा तिवारी के साथ एक और कर्मी है ! ये सारे वे लोग हैं जिन्होंने अपने बलबूते चैनल को खडा किया और चैनल के भीतर बुलेटिन तैयार करा इन्टरनल टेलीकास्ट करना शुरू किया था ! इन लोंगो को चैनल ने २६ सितम्बर से आने पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि उन्हें बुलाया जायेगा ! पर एक अक्टूबर के डेट से आज इनको टर्मिनेट कर दिया ! इन कर्मियों ने खुलासा को बताया है कि चैनल प्रबंधन के खिलाफ ये लेबरकोर्ट जा रहें है !

अब मामला एक बार फिर तूल पाकर रहा है ! अब तक चैनल के वे छहकर्मी वापस नहीं गए है जिनकी सैलरी काट ली गयी थी और ये लोग आन्दोलन पर हैं ही कि इस नए फैसले ने एक बार फिर चैनल के लॉन्च होने पर ग्रहण लगा दिया है !

दरअसल मौर्य चैनल वाले अपने चैनल के पत्रकार और टेक्नीकल स्टाफ को मौर्य सुगर ,और मौर्य मल्टीप्लेक्स के स्टाफ कि तरह ट्रीट करने कि कोशिश में है ! पर पत्रकार तो पत्रकार है और उस कहावत को चरितार्थ करने में लगे है कि : ऊपर करतार और नीचे पत्रकार ! लिहाज़ा चैनल के नए फैसले से जो लोग कानून के घेरे में आयेंगे उनमे प्रकाश झा , प्रभात झा , राजिव मिश्र , शशि प्रभा है ! जिनको कानूनन नोटिस भेजा जा रहा है !

अब आपको बताते है कि आखिर प्रकाश झा विवाद को बढ़ाने में क्यों लगे है! असल में प्रकाश झा चाहते है कि बिहार और झारखण्ड में उनके व्यवसाय को चैनल के माध्यम से सुरक्षा हो ! पर पहले के लोग साफ़ शब्दों में प्रकाश झा को बता गए कि पत्रकारिता पेशा भले ही है पर यह मिशन भी है और व्यवसाय को बचने कि मुहीम में वे शामिल नहीं होंगे ! बस इतनी सी बात और प्रकाश झा और उनके भाई प्रभात झा अपनी औकात पर उतर आये ! चैनल को खडा करने वाले सभी उनके दुश्मन हो गए और चोरी , छेड़खानी , धोखेवाज , लम्पट के आरोपी अब चैनल के विश्वास पात्र बन गया है ! अब देखिये कि चैनल के भीतर ही असित नाथ तिवारी ने न्यूज़ एंकर से जैसी बत्तमीजी कि वह शर्मनाक है पर असित नाथ पर कारवाई नहीं हुई ! इसी तरह मौर्य टीवी के छत पर एक सहकर्मी { महिला } के साथ पकराने पर भी वह बचा है तो आजकल एनडीटीवी से फीड चुराने के आरोपी को महिला एंकर की देखरेख का जिम्मा दिया गया है यानी दूध की रखवाली बिल्ली को !

प्रबंधन की ही बात लीजिये टर्मिनेशन का लेटर बना मुंबई में पर साइन पटना में कराया गया ! इस पर शशि प्रभा ने साइन तो किया पर अपना पद नहीं लिखा ! क्योंकि शशि प्रभा को खुद ही नहीं मालूम है कि वे क्या हैं ! तरीके से यह लेटर राजीव मिश्र को अपने साइन से देना चाहिए था ! ऐसा इसलिए कि कानून कि जदमें शशि प्रभा फंस जाएँ ! जबकि सच तो यह है कि हटाये गए लोग शशि को अपना बहन मानते है !

बाखुदा , कब सुधरेगा यह मौर्य टीवी वाला ! ऑफ एयर में जब यह हाल है तो पाण्डेय जी कभी भी हेड होकर नहीं आयेंगे भाई ! बेहतर आपके लिए यही है प्रभात झा कि रत्नेश्वर को ही रखिये क्योंकि इनको अपने बारे में पता है कि ये किस लिंग के है !

जय हो

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